Braj Kesari Raja Hathi Singh/Raja Hathi Singh Vanshawali

From Jatland Wiki
मुख्य पृष्ठ और विषय सूची पर वापस जायें


राजा हठी सिंह वंशावली

ब्रह्मा से अब तक की वंशावली (पदम पुराण, मत्स्य पुराण, अग्नि पुराण, वायु पुराण, जागा/भाटो की पारिवारिक पोथी के आधार पर)

ब्रह्मा – मरिचि - कश्यप – चन्द्र – वेवस्वत – एला - पुरखा – आयु - नहुष - ययाति (ययाति के देवयानि ओर शर्मीष्टा दो पत्निया और पाच पुत्र तुर्वसु ,यदु,अनु द्रुहु,पुरु हुए) – तुर्वसु – वहि - गोभनु – त्रशम्ब – करघम - मरुत (इस ने पुरु वन्श के पुत्र को गोद ले लिय तब से पोरव कहलाये) -सोम दत्त – बहुगुन - सयाति - अहयाति - प्रार्वचौम - जयत्सेन – अवाचीन – अरिह - महाभौम - अयुतनामी - अक्रोधन – देवतिथि – त्रह्क्ष – भतिनार - तंसु - इलिंद (रविय) - दुष्यंत - भरत -भुमन्यु, वितथ - सुहोत्र - हस्ती - विकुंडन - अजमीढ़ - सवरण - कुरु - विधुर – अनश्या - परीक्षित प्रथम -भीमसेन - प्रतिश्रावा - प्रतिप -शांतनु , देवषी,बाह्लीक - भीष्म – चित्रवीर्य – विचित्रवीर्य - पांडू

I पांडू के पांच पुत्र पांडव कहलाए: युधिष्ठिर - भीम - अर्जुन - नकुल - सहदेव


ब्रज केसरी राजा हठी सिंह,पृष्ठान्त-18


अर्जुन का द्रौपदी से जन्मे पुत्र का नाम श्रुतकर्मा था. द्रौपदी के अलावा अर्जुन की सुभद्रा, उलूपी और चित्रांगदा नामक तीन और पत्नियां थीं। सुभद्रा से अभिमन्यु, उलूपी से इरावत, चित्रांगदा से वभ्रुवाहन नामक पुत्रों का जन्म हुआ।

अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु हुए अभिमन्यु और उत्तरा के पुत्र राजा परीक्षित हुए

परीक्षित - जन्मेजय - अश्वमेघ - धर्मदेव - मनजीत – चित्ररथ - दीपपाल - उग्रसेन - सुरसेन - भूवनपति - रणजीत – रक्षकदेव - भीमसेन - नरहरिदेव – सुचरित्र - सुरसेन – पर्वतसेन – मधुक – सोनचीर - भीष्मदेव - नृहरदेव - पूर्णसेल - सारंगदेव – रुपदेव - उदयपाल - अभिमन्यु - धनपाल – भीमपाल - लक्ष्मीदेव – विश्रवा मुरसेन – वीरसेन – आनगशायी – हरजीतदेव -सुलोचन देव –कृप - सज्ज -अमर –अभिपाल – दशरथ – वीरसाल - केशोराव – विरमाहा – अजित – सर्वदत्त – भुवनपति – वीरसेन – महिपाल - शत्रुपाल – सेंधराज --जीतपाल --रणपाल - कामसेन – शत्रुमर्दन -जीवन – हरी – वीरसेन – आदित्यकेतु – थिमोधर – महर्षि –समरच्ची - महायुद्ध – वीरनाथ – जीवनराज - रुद्रसेन - अरिलक वसु - राजपाल - समुन्द्रपाल - गोमिल - महेश्वर - देवपाल (स्कन्ददेव) - नरसिंहदेव - अच्युत - हरदत्त - किरण पाल अजदेव - सुमित्र - कुलज - नरदेव - सामपाल(मतिल ) – रघुपाल -गोविन्दपाल - अमृतपाल - महित(महिपाल) - कर्मपाल - विक्रम पाल -


ब्रज केसरी राजा हठी सिंह,पृष्ठान्त-19


जीतराम जाट - चंद्रपाल - ब्रह्देश्वर (खंदक ) - हरिपाल (वक्तपाल) - सुखपाल

(सुनपाल) - कीरतपाल (तिहुनपाल) -- अनंगपाल प्रथम – वासुदेव – गगदेव

– पृथ्वीमल – जयदेव -- नरपाल देव -- उदय राज – आपृच्छदेव --

पीपलराजदेव – रघुपालदेव -- तिल्हण पालदेव – गोपालदेव – सलकपाल/

सुलक्षणपाल – जयपाल – कुँवरपाल (महिपाल प्रथम ) – अनंगपाल द्वितीय

- सोहनपाल – जुरारदेव – सुखपाल → चंद्रपाल → देवपाल → अखयपाल

→ हरपाल → हथिपाल → नाहर → प्रहलाद सिंह (5 पुत्र, एक गोद किया)

→ सहजना (डूंगर सिंह ) → पाला सिंह → करना (करनपाल) → नौधराम

→ सुरतपाल → भीकम → लालसिंह → भूरिया(भूरसिंह) → अमर सिंह →

गुलाब सिंह → सुखपाल → हठी सिंह/हाथी सिंह → श्याम सिंह - तोफा सिंह


ब्रज केसरी राजा हठी सिंह,पृष्ठान्त-20


सौंखगढ़ वंशावली 1

ब्रज केसरी राजा हठी सिंह,पृष्ठान्त-21


सौंखगढ़ वंशावली2


- ब्रज केसरी राजा हठी सिंह,पृष्ठान्त-22


राजा हठी सिंह वंशावली अध्याय समाप्त