Charua

From Jatland Wiki
Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Location of Charua on District map of Harda

Charua (चारूवा) or Charwa (चारवा) is a village in Khirkiya tahsil of Harda district in Madhya Pradesh.

Location

Jat gotras

चमत्कारिक प्राचीन गुप्तेश्वर मंदिर

चारूवा स्थित चमत्कारिक प्राचीन गुप्तेश्वर मंदिर महाशिवरात्रि पर 1934 में प्रारंभ हुआ था यहाँ का विशाल मेला भगवान भोलेनाथ की महिमा अपरंपार है। हिन्दू धर्म में माना जाता है कि भोलेनाथ कैलास पर्वत पर विराजित हैं। कैलास के स्वामी होने के कारण उनका नाम कैलासपति पड़ा। देश के प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंगों के अलावा भी अनेक स्थानों पर भगवान भोलेशंकर की आराधना पूरी श्रद्धा-भक्ति के साथ होती है। प्राचीनकाल से ही अनेक मंदिर इसके साक्षात उदाहरण हैं। भगवान शिव की आराधना भक्त अपने-अपने तरीके से करते हैं। भूतनाथ भगवान को लोग धतूरा, बिल्वपत्र, अकाव के फूल चढ़ाकर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। कहते हैं कि भगवान भक्त की पुकार बहुत जल्द स्वीकार करते हैं। भक्त कोशिश करते हैं कि पृथ्वी पर जहाँ-जहाँ भी शिवलिंग स्थापित हैं, सबके दर्शन करें और अपना जीवन पुण्यमय बनाएँ। ऐसे में भक्तों का रुझान प्राचीनकाल में स्थापित शिवमंदिरों की ओर अधिक रहता है।

ऐसा ही एक प्राचीन मंदिर है हरिपुरा में स्थापित भगवान गुप्तेश्वर का शिवलिंग। मध्यप्रदेश के हरदा जिले के ग्राम चारूवा में स्थित इस शिवमंदिर की महिमा दूर-दूर तक विख्यात है। भव्य पुरातन शैली में पत्थरों से निर्मित इस मंदिर में शिवलिंग चमत्कारिक माना जाता है। महाशिवरात्रि के अवसर पर प्रतिवर्ष यहाँ मेला लगता है। मध्यप्रदेश ही नहीं महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तरप्रदेश से यहाँ श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं। यहाँ के विशाल मंदिर के गर्भगृह में स्थापित भगवान शिव की आराधना करते हैं। महाशिवरात्रि के दिन यहाँ ज्योतिर्लिंग मंदिरों की भाँति दिनभर विशेष अभिषेक-पूजा होती है। भक्तों का ताँता सुबह से लगना शुरू हो जाता है। मंदिर प्रांगण में पीछे की ओर प्राचीन पत्थरों से निर्मित वर्गाकार भूलभुलैया संरचना भी बनी है। माना जाता है कि यह सरंचना महाभारत युद्ध के चक्रव्यूव की भाँति है। इसमें स्थित विचित्र गुत्थी को सुलझाने वाला तीव्र बुद्धिमान होता है।

उधर मेले में भी दूर-दूर से छोटे-बड़े दुकानदार भगवान भोलेनाथ के इस स्थल पर बड़ी आशा के साथ व्यापार करने आते हैं।

Gupteshwar Temple Charua

Gupteshwar Temple Charua, Harda, MP

Charuva – Located on the old highway between Delhi and Burhanpur, was important because of commercial and strategic location. According to historians, a inscription of the Mohali script available in four Babari shows that this village was formerly known as Chanarwa, which was later known as Charuva. The Gupteeshwar Mahadev Temple built in the 10-11th century AD in village Haripura Mala near Charuva is the center of great faith in Nimad and Bhuhana region.[1]

Chakraview Charua Temple, Harda
  • Chakraview Charua Temple - Mahabharat Era Chakra view – Location Charwa village. Chakraview structure built inside Shiva Temple, located at Charua village. Charuva was located on the old highway between Delhi and Burhanpur, because of its commercial and strategic importance. According to historians, a inscription of the Mohali script available in four Babari shows that this village was formerly known as Chanarwa, which was later known as Charuva. The Gupteshwar Mahadev Temple built in the 10-11th century AD in village Haripura Mala near Charuva is the center of great faith in Nimad and Bhunaa region.[2]

भव्य पालकी

महाशिवरात्रि पर्व पर यहाँ श्रद्धालुओं की अपार भीड़ रहती है। पावन पर्व के अवसर पर भगवान भोलेनाथ की भव्य पालकी निकाली जाती है। साथ ही आकर्षक आतिशबाजी भी की जाएगी। पालकी को निहारने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ता है। ऐसा लगता है मानो दर्शन करने की होड़ सी मची है।

1934 से जारी है मेले की परंपरा

ग्रामीण पृष्ठभूमि में लगने वाला यह मेला सन 1934 में प्रारंभ हुआ था। प्रारंभ में मात्र तीन दिनों का लगता था किंतु कालांतर में जैसे-जैसे इसकी प्रसिद्धि बढ़ती गई, मेला अवधि भी बढ़ती गई और अब 21 दिन हो गई है।

कैसे पहुंचें

कैसे जाएँ हरिपुरा का गुप्तेश्वर मंदिर ग्राम चारूवा में स्थित है। यहाँ जाने के लिए मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से खंडवा जाने वाली बड़ी रेललाइन पर हरदा के आगे खिरकिया स्टेशन उतरना पड़ता है। खिरकिया से मात्र 8 किलोमीटर दूर स्थित गुप्तेश्वर मंदिर जाने के लिए अनेक साधन टेम्पो, टैक्सी, बसें उपलब्ध हैं। सड़क मार्ग से जाने के लिए खंडवा-होशंगाबाद रोड पर स्थित छीपाबड़ (खिरकिया) से मात्र 7 किलोमीटर है। जिला मुख्यालय हरदा से इसकी दूरी करीब 36 किलोमीटर है।

External links

http://shivbhakt.blogspot.com/2009/01/blog-post.html.

सन्दर्भ