Chautala Ka Chamatkar

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चौटाला का चमत्कार
रचयिता: धर्मपाल सिंह भालोठिया
जय ताऊ ॐ जय कमाऊ

गीत - 1

चौटाला का चमत्कार
दोहा
कृषि प्रधान देश का उस दिन हो उत्थान ।
प्रधानमंत्री देश का जिस दिन बने किसान ।।
आरती किसान – 1
तर्ज:- ओउ्म् जय जगदीश हरे...........
जय जय जय हाली कमाऊ जय जय जय हाली ।
तेरे बिना इस धरती पर नहीं होती हरियाली ।।
तेरे बिना सब अन्न धन के भंडार रहें खाली ।
तेरे हाथ में दुनिया के सुख साधन की ताली ।।
तू ही खेत में अन्न उपजावे लेकर हल फाली ।
फल सब्जी पैदा करता, कभी बन के माली ।।
दूध दही घी खाते पीते, जो भर-भर थाली ।
गऊ भैंस बकरी पाले कभी बन जावे पाली ।।
माह पोह का जब चले सींकटा, छाई रात काली ।
खड़ा खेत में पानी लगावे बना-बना नाली ।।
बचपन और बुढ़ापे में भी तूं नहीं रहता ठाली ।
जवान उमर में फौज में जा करे देश की रखवाली ।।
तेरी कमाई खा अन्याई जो तुझको दें गाली ।
फिर भी उनकी झोली में तूने भिक्षा डाली ।।
हर साधन से जिस दिन तू बनज्या शक्तिशाली ।
भालोठिया कहे उस दिन देश की मिट जा कंगाली ।।

गीत – 2

आपके सिर पै आई ओम कमाल की पगड़ी ।
झुक नहीं जावे चौधरी देवीलाल की पगड़ी ।।
देश भक्ति के रंग में रंगी ये आपकी पगड़ी ।
गुरु गोविंद सिंह शिवाजी प्रताप की पगड़ी ।।
सत्य अहिंसा परमो धर्म के जाप की पगड़ी ।
वीर जवाहर सिंह और उसके बाप की पगड़ी ।।
सतयुग त्रेता द्वापर तीनों काल की पगड़ी ।
हरिश्चंद्र श्री रामकृष्ण गोपाल की पगड़ी ।।
महर्षि दयानंद और मोहनदास की पगड़ी ।
पटेल गोखले उधम सिंह सुभाष की पगड़ी ।।
राजगुरु सुखदेव भगत सिंह खास की पगड़ी ।
हरियाणा के वीरों के इतिहास की पगड़ी ।।
तीन लोक धरती आकाश पाताल की पगड़ी ।
नहीं आज की पगड़ी हजारों साल की पगड़ी ।।
देशभक्तों की नगरी चौटाला धाम की पगड़ी ।
दीनों के बंधु सर छोटूराम की पगड़ी ।।
अठारह सौ सत्तावन के संग्राम की पगड़ी ।
जितने वीर शहीद हुए जन तमाम की पगड़ी ।।
अशोक मौर्य चंद्रगुप्त महिपाल की पगड़ी ।
भारत माता की इज्जत के सवाल की पगड़ी ।।
आपके सिर पै शोभा देती आज की पगड़ी ।
जिसमें कोहिनूर लगा उस ताज की पगड़ी ।।
लोक लाज की पगड़ी लोकराज की पगड़ी ।
छत्तीस बिरादरी मेहनतकश समाज की पगड़ी ।।
भालोठिया कहे लिंक नहर की झाल की पगड़ी ।
किसान और मजदूर के रोटी दाल की पगड़ी ।।

गीत - 3

आया ओमप्रकाश चौटाला, विकास का कर दिया उजाला ।
हरियाणा प्रदेश में ।। टेक ।।
जिसने हरियाणा बनवाया ताऊ था युगपुरुष महान ।
यह ताऊ को पता नहीं था उजाड़ देंगे बेईमान ।
चोर चोर मौसेरे भाई, तीस साल तक लूट मचाई ।
हरियाणा प्रदेश में ।। 1 ।।
दो बार बहुमत दिया ताऊ को जनता ने दे दे के वोट ।
जिनके लिए वोट मांगे ताऊ ने खर्च करे थे नोट ।
एम. एल. ए. की फीत लगाई, वो धोखा दे गये कसाई ।
हरियाणा प्रदेश में ।। 2 ।।
चौबीस जुलाई निनाणवें को जिसका बीत गया बनवास ।
हरियाणा का मुख्यमंत्री आया चौधरी ओमप्रकाश ।
गांव गांव से मिली बधाई, घर घर में बंटी मिठाई ।
हरियाणा प्रदेश में ।। 3 ।।
चलें फुहारे खेतों में, ट्यूबवेल चल रहे आठों पहर ।
खेत खेत में करें सिंचाई, भरी चलें पानी की नहर ।
खूड खूड पानी से भिगोना, धरती आज उगल रही सोना ।
हरियाणा प्रदेश में ।। 4 ।।
जाल बिछा दिया सड़कों का गांव से दिया गांव को जोड़ ।
कहीं पुरानी की मरम्मत कहीं नई बनी अप्रोच रोड़ ।
मुर्दघाट तक रोड़ न्यारी, जहां स्वर्ग की चलें सवारी ।
हरियाणा प्रदेश में ।। 5 ।।
ओमप्रकाश चौटाला ने जो हरियाणा में किया विकास ।
धर्मपालसिंह भालोठिया ने उसके गीत बनाये खास ।
चौटाला का चमत्कार, विकास की लाया बहार ।
हरियाणा प्रदेश में ।। 6 ।।

गीत - 4

पैंतीस साल की तुलना में लो विकास पांच साल का ।
ओम प्रकाश चौटाला का यह चमत्कार कमाल का ।। टेक ।।
हरियाणा में चौटाला की जिस दिन से आई सरकार ।
विकास रूपी घटा उठ के बरसण लगी मूसलाधार ।
पांचवा चरण हो गया पूरा आज सरकार आपके द्वार । :
ओमप्रकाश चौटाला करेगा ताऊ का सपना साकार ।
इसकी रगों में खून दौड़ रहा ताऊ देवीलाल का ।। 1 ।।
सरकार आपके द्वार आई सब के बने मुफ्त में काम ।
पांच साल में पचास हजार विकास कार्य बने तमाम ।
आम के आम दिये जनता को बना दिये गुठली के दाम ।
केंद्र सरकार ने दिया इसको आदर्श कार्यक्रम का नाम ।
जंग जीता सुप्रीम कोर्ट में एस. वाई. एल. केनाल का ।। 2 ।।
आदर्श गांव बनाने के लिए लाया वाटरशेड स्कीम ।
गांव में कैंप लगाया जाता आवे डॉक्टरों की टीम ।
बुड्ढा बुड्ढी धापां, मोलड़ आ गये भरतू , नत्थू, भीम ।
पहले जांच करें आंख्यां की फिर कर दी ऐनक तकसीम ।
गोड़ी लगा के टीब्बे वाला खेत बना दिया ताल का ।। 3 ।।
फौज में भर्ती हो सरहद पै जो हो गया शहीद जवान ।
उनके बच्चों को करवाया दस दस लाख नकद भुगतान ।
कोई दुर्घटना हुई खेत में जिसके कारण मरा किसान ।
एक लाख उसके बच्चों को देता चौटाला अनुदान ।
नींव भरी पंचायत घर की उद्घाटन अस्पताल का ।। 4 ।।
देवी रूपक योजना यह नया उदाहरण आज का ।
कुछ दिन में हरियाणा में ले लेगा रूप रिवाज का ।
इसको अपना लो हो ज्यागा कलंक दूर समाज का ।
सारा देश समर्थन करता चौटाला के राज का ।
इलाज यहीं से भ्रूण हत्या बढ़ते हुए बबाल का ।। 5 ।।
विकलांग बेवा और बूढ़ों की पेंशन का कर दिया विस्तार।
युद्ध जागीर की राशि बढ़ा दी पाँच सौ से पांच हजार ।
हरिजन की पहली बेटी का जिस दिन होता ब्याह संस्कार ।
इक्यावन सौ का कन्यादान आज देती चौटाला सरकार ।
धर्मपाल सिंह भालोठिया कहे यह मालिक टकसाल का ।। 6 ।।

गीत – 5

जनता की सरकार सै, आई आपके द्वार सै ।
चौटाला का चमत्कार सै, लो देख आज हरियाणा में ।। टेक ।।
एक राजा और एक निर्धन की सुनते रहे मिसाल यहां ।
राजा ने निर्धन ब्राह्मण को कर दिया मालो-माल यहां ।
ओमप्रकाश चौटाला ने भी कर दिये अजब कमाल यहां ।
छत्तीस बिरादरी के लोगों को बना दिया खुशहाल यहां ।
आया कृष्ण मुरार सै , पर दुख भंजन हार सै ।
सुदामा जी का यार सै , लो देख आज हरियाणा में ।। 1 ।।
हिंदू मुस्लिम सिक्ख ईसाई इसका भाईचारा यहां ।
अपना अपना गिरजा मस्जिद मंदिर व गुरुद्वारा यहां ।
नमाज संध्या डांस कीर्तन रिवाज न्यारा न्यारा यहां ।
सर्व-धर्म सम्मेलन का फिर देखो अजब नजारा यहां ।
सब का परस्पर प्यार सै, कहीं नहीं तकरार सै ।
शांति का प्रचार सै , लो देख आज हरियाणा में ।। 2 ।।
कस्बा गांव शहर में बिजली पानी का प्रबंध यहां ।
भ्रष्टाचारी ठग देशद्रोही रहे जेल में बंद यहां ।
महापुरुष हुए ईशा मोहम्मद नानक और दयानंद यहां ।
कुरान बाइबिल गुरु-ग्रंथ कहीं सामवेद के छंद यहां ।
सलाम से सत्कार सै, गुड मॉर्निंग स्वीकार सै।
कोई बोले नमस्कार सै, लो देख आज हरियाणा में ।। 3 ।।
ईद क्रिसमस डे दिवाली लोहड़ी पर्व महान यहां ।
एक एक को देवें बधाई हिंदू मुसलमान यहां ।
कभी जन्मदिन ताऊ का बनते मीठे पकवान यहां ।
धर्मपाल सिंह भालोठिया करे ताऊ का गुणगान यहां ।
जो बूढ़ा बीमार सै, मुफ्त बने उपचार सै ।
पेंशन ले माहवार सै, लो देख आज हरियाणा में ।। 4 ।।

गीत- 6

हरियाणा में चौटाला की जिस दिन से आई सरकार ।
विकास रूपी घटा उठ के बरसण लगी मूसलाधार ।। टेक ।।
चौबीस जुलाई निनाणवे को आई थी अनमोल घड़ी ।
चौटाला के राज तिलक की सारे देश में धूम पड़ी ।
बना बना जनहित की योजना विकास की दी लगा झड़ी ।
राजनीति के पी. एच. डी. थे उनकी करदी खाट खड़ी ।
कांग्रेसी कौरवों के लिए आग्या कृष्ण का अवतार ।। 1 ।।
अग्रोहा में मेडिकल कॉलेज की ग्रांट करी जारी ।
शहीदों के बच्चों को दे दी दस लाख रकम भारी ।
हरिजन के पहली बेटी की शादी की शोभा न्यारी ।
इक्यावन सौ का कन्यादान सी. एम. करवावे सरकारी ।
नरसी के एक हरनंदी इसके हरनंदी कई हजार ।। 2 ।।
विकलांग बेवा और बूढ़ों से चौटाला की हमदर्दी ।
दो सौ रुपया पेंशन लेता उसकी अब तीन सौ कर दी ।
लाडो गर्म सूट ल्याई सै जिस दिन से आई सर्दी ।
नत्थू पास खड़ा टेलर के अपनी बनवावे वर्दी ।
बदलू को हुक्का भर-भर दे उसका पोता राजकुमार ।। 3 ।।
ग्यारह सौ करोड़ की योजना ओटूबियर बनी विशाल ।
एक सौ दस गन्ने के भाव की दुनिया में नहीं और मिसाल ।
कहीं मरघट की चार दिवारी, पक्की बनी गली और गाल ।
कहीं वृद्ध विश्राम भवन बना कहीं बना पशु अस्पताल ।
ओमप्रकाश चौटाला करेगा ताऊ का सपना साकार ।। 4 ।।
कहीं स्कूल का कमरा बनग्या कहीं पर बने बाउंड्रीवॉल ।
कहीं पुरानी की मरम्मत कहीं नई बने हरिजन चौपाल ।
बारह मास रहे चालू काम, धन के आज बहैं सैं खाल ।
के कुबेर का मिला खजाना के इसके घर की टकसाल ।।
लोग देख के करें अचंभा देखा नहीं इसा दातार ।। 5 ।।
चीनी मिल एक सिरसा में दूसरी लगी गोहाणा में ।
मानेसर में लगे फैक्ट्री सारे सीम सिमाणा में ।
जिसी योग्यता उसी नौकरी मुफ्त मिले हरियाणा में ।
इसी सरकार नहीं देखी रामायण वेद पुराणा में ।
धर्मपाल सिंह भालोठिया कहे इसकी माया अपरम्पार ।। 6 ।।

गीत - 7

एक दिन पनघट पै पनिहारी, काम बतावें बारी बारी ।। टेक ।।
लाडो बोली जब से आई चौटाला सरकार ।
हरियाणा में विकास की आज आई नई बहार ।
योजना आवें न्यारी न्यारी ।। 1 ।।
धापां बोली आई आज सरकार आपके द्वार ।
पांच साल में विकास कार्य बने पचास हजार ।
बतावें लोक सम्पर्क अधिकारी ।। 2 ।।
सरती बोली अग्रोहा में मेडिकल कॉलेज ।
ग्रांट बहाल कर दी उसकी आदेश दिया यह भेज ।
जिसकी किस्त हो गई जारी ।। 3 ।।
भरती बोली थोड़े काल में काम अधिक करवाये ।
मैरिट से सरकारी नौकर अस्सी हजार लगवाये ।
न्यू मिट ज्यागी बेरोजगारी ।। 4 ।।
कमला बोली विकलांग बेवा बूढों से हमदर्दी ।
दो सौ रुपैया पेंशन लेता उसकी तीन सौ कर दी ।
घर पर दे जाता पटवारी ।। 5 ।।
विमला बोली एक रात नहीं ठोड़ डटण न पाई ।
गांव गांव में हरिजनों की अब चौपाल बनाई ।
जिसमें बारात डटजा सारी ।। 6 ।।
गीता बोली बैकवर्ड की कौन बूझे था बात ।
नाई नंबरदार बना जोगी मेंबर पंचात ।
बणगी सरपंच कुम्हारी।। 7 ।।
सीता बोली शहीद को दस लाख दिया अनुदान ।
खेत में कोई दुर्घटना हो जिस कारण मरा किसान ।
एक लाख ले उसकी नारी ।। 8 ।।
जमुना बोली एक सौ दस गंन्ने का मिलता भाव ।
खेत-खेत में ईंख लगा दी सबके चढ़ग्या चाव ।
गन्डे चूस रही हरप्यारी ।। 9 ।।
गंगा बोली हरिजन घर में होवे पहला बच्चा ।
पांच सौ रुपैया नगद मिलें खा गूँद पंजीरी जच्चा ।
साथ में लड्डू खा गुलजारी ।। 10 ।।
धर्मा बोली जो सरकी-बन्ध उनके हो गई मौज ।
उनका बच्चा स्कूल में ले पांच रुपैया रोज ।
रहेगा कोई नहीं भिखारी ।। 11 ।।
परमा बोली हरिजन घर बेटी का ब्याह संस्कार ।
इक्यावन सौ का कन्यादान दे चौटाला सरकार ।
आग्या नरसी का औतारी ।। 12 ।।
शांति बोली आज पाणी के पक्के बणगे खाल ।
कहीं स्कूल का कमरा बनता कहीं बने अस्पताल ।
कहीं पर बन रही चार दिवारी ।। 13 ।।
माना बोली महिला आयोग बना गजब का काम ।
पांच हजार करी सालाना युद्ध जागीर इनाम ।
बोहरा बनग्या आज मुरारी ।। 14 ।।
छन्नो बोली साठ साल से अधिक उमर के लोग ।
उनका बने इलाज मुफ्त में जिनके होज्या रोग ।
चाहे कितनी बड़ी बीमारी ।। 15 ।।
धन्नी बोली देवी रूपक योजना सै अनमोल ।
यही योजना करेगी भ्रूण हत्या पर कंट्रोल ।
योजना लागे सबसे प्यारी ।। 16 ।।
प्रभा बोली खेलों का भी बना गजब का काम ।
म्हारे खिलाड़ी हरियाणा का रोशन कर रहे नाम ।
पड़गी दुनिया में किलकारी ।। 17 ।।
मूरती बोली नहर सड़क पै दरखत खड़े विशाल ।
जिस दिन इनकी हो नीलामी जितना भी हो माल ।
आधा हिस्सा ले बनवारी ।। 18 ।।
बिरमा बोली पशुधन का भी बोर्ड अलग बनाया ।
जिसके द्वारा हजारों पशुओं का बीमा करवाया ।
आधी किस्त मिले सरकारी ।। 19 ।।
सुरजी बोली काम अधूरा देता नहीं दिखाई ।
चौपाल पुरानी थी जितनी, मरम्मत सब की करवाई ।
ये सरकार गजब की म्हारी ।। 20 ।।
बेदो बोली मुर्दों की भी हो गई आज सुनाई ।
उनके लिए श्मशान घाट तक पक्की सड़क बनाई ।
जिस पर स्वर्ग की चलें सवारी ।। 21 ।।
राधा बोली वृद्ध विश्राम भवन की गजब स्कीम ।
भालोठिया कहे कहीं उद्घाटन कहीं धरी जा नींव ।
हो रही गांव गांव में त्यारी ।। 22 ।।

गीत - 8

ओमप्रकाश चौटाला की आई विकास एक्सप्रेस ।
एक नंबर पै आया देश में मेरा हरियाणा प्रदेश ।। टेक ।।
विकास का ले दृढ़ संकल्प आया महात्मा गांधी सै ।
संघर्ष का जुआ जिस पर इसकी फौलादी कान्धी सै ।
ताऊ वाली पगड़ी इसने अपने सिर पै बान्धी सै ।
ओमप्रकाश चौटाला नहीं यह विकास रूपी आन्धी सै ।
तीन पीढ़ी का रोग पुराना चुंगी का दिया काट क्लेश ।। 1 ।।
जाल बिछा दिया सड़कों का गांव से दिया गांव को जोड़ ।
कहीं पुरानी की मरम्मत कहीं नई बनी अप्रोच रोड़ ।
माधोगढ़ ब्रांच नहर में पाणी आज लगावै दौड़ ।
सोहड़ी, ढाणी भालोठिया में तीन भरे पाणी से जोहड़ ।
नहर का पाणी सतनाली के सतरह में करग्या प्रवेश ।। 2 ।।
नगरी से श्मशान घाट तक पक्की सड़क बना दी त्यार ।
जिस पै स्वर्ग के चलें बटेऊ बग्गी में हों घोड़े चार ।
बुड्ढे, विकलांग, बेवा पेंशन तीन सौ लेते माहवार ।
स्वर्ग में चले देवता देखण चौटाला का चमत्कार ।
गौरी पुत्र गणेश आ गए ब्रह्मा विष्णु और महेश ।। 3 ।।
विकास की दौड़ में आया झज्जर नंबर एक जिला ।
इसकी पवित्र भूमि पर एक विद्या रूपी फूल खिला ।
मातणहेल में छठा देश का मिलिट्री स्कूल मिला ।
रक्षा मंत्री को बुलवा के रखवा दी आधारशिला ।
धर्मपाल सिंह भालोठिया कहे एक्सप्रेस में दे दिया रेस ।। 4 ।।

गीत – 9

चालो सखी दरबार में, आओ सखी दरबार में ।
आई आज सरकार, आप के द्वार, यो म्हारा राज सै ।। टेक ।।
सतयुग त्रेता द्वापर युग में जितनी भी आई सरकार ।
नाम सुना करती थी जनता लेकिन देखा नहीं दरबार ।
ताऊ जी की नीति द्वारा हरियाणा में आई बहार ।
चौटाला दरबार लगावे आज सरकार आपके द्वार ।
चालो सखी दरबार में, आओ सखी दरबार में।
आवे ओमप्रकाश चौटाला खास, यो म्हारा राज सै ।। 1 ।।
जितने महकमें सरकारी, अधिकारी हाजिर पावेंगे ।
सार्वजनिक और निजी काम सब, मौके पर निपटावेंगे ।
गांव गांव से पंच और सरपंच वहां पर आवेंगे ।
प्रस्ताव दे सी. एम. को सब अपना काम बतावेंगे ।
चालो सखी दरबार में, आओ सखी दरबार में ।
यो ताऊजी का शेर, बदल रहा गेर, यो म्हारा राज सै ।। 2 ।।
बहुत दिनों से हम जो दिल में करते रहे कल्पना हे ।
थोड़े दिन में पूरा कर दे ताऊजी का सपना हे ।
देश के अर्पण कर दिया जिसने सारा जीवन अपना हे ।
जो जनता का सच्चा सेवक नाम उसी का जपना हे ।
चालो सखी दरबार में , आओ सखी दरबार में ।
बने मुफ्त में काम, लगें नहीं दाम , यो म्हारा राज सै ।। 3 ।।
नया उदाहरण दुनिया में श्री ओमप्रकाश बना देगा ।
ताऊ की नीति में जन-जन का विश्वास बना देगा ।
एक नंबर पै हरियाणा को देश में खास बना देगा ।
घर घर में जोगी गावेंगे इसा इतिहास बना देगा ।
चालो सखी दरबार में , आओ सखी दरबार में ।
सुनें भालोठिया के बोल, बड़े अनमोल, यो म्हारा राज सै ।। 4 ।।

गीत - 10

आई हरियाणा में चौटाला की विकास एक्सप्रेस ।। टेक ।।
चौबीस जुलाई निनाणवें को खत्म हुआ बनवास ।
हरियाणा का सी. एम. आया चौधरी ओमप्रकाश ।
खास बना बना जनहित की योजना कर दिया श्री गणेश ।। 1 ।।
थोड़े काल में विकास के बने पचास हजार काम ।
भारत में आज हरियाणा का एक नंबर पै नाम ।
धाम बना स्वर्ग का मेरा प्यारा हरियाणा प्रदेश ।। 2 ।।
सरकारी नौकरियों की भी संख्या अस्सी हजार ।
बेरोजगारी भत्ता लेते लाखों बेरोजगार ।
अवतार आ गया शिवजी का सब देगा काट क्लेश ।। 3 ।।
विकास की हरियाणा में हुई इतनी तेज गति ।
थोड़े दिन में धापां मोलड़ बनज्यां करोड़पति ।
जति और सती मिलें घर घर में, होवे गीता का उपदेश ।। 4 ।।
पक्की सड़क श्मशान घाट तक स्वर्ग की चलें सवारी ।
धर्मपाल सिंह भालोठिया अब तू भी कर ले त्यारी ।
इंतजारी सै रोजाना आवै ताऊ का संदेश ।। 5 ।।

गीत - 11

गुण चौटाला के वर्णन करूं तमाम ।। टेक ।।
मैं चौटाला उसको कहता हूँ जो अड़ जाये वहां अड़ जाये ।
आये नहीं खम गर्दन में चाहे सर जाये चाहे धड़ जाये ।
पीछे कदम नहीं धरता सुधरे चाहे काम बिगड़ जाये ।
दिल का मर्द हिम्मत का धणी और आन पै अपने मर जाये ।
अनगिन संकट अनेक बाधाओं से मार्ग भर जाये ।
लेकिन सब को तय करता हुआ करना हो वो कर जाये ।
पर्वत को दे राई बना और जल में बसा दे गाम ।। 1 ।।
चौटाला वही अपने अंदर जो शक्ति का संचार करे ।
चणा अकेला होकर भी सौ भाडों को मिसमार करे ।
छ: महिना का राह छोड़ और छ: दिन का अखत्यार करे ।
बिना कश्ती जल अथाह में, सौ मील का सागर पार करे ।
पूर्व में जल बहे तो अपनी पश्चिम को रफ्तार करे ।
बिन बांधे हथियार भी जो लाखों में जाकर वार करे ।
देशद्रोही स्वार्थियों की करदे नींद हराम ।। 2 ।।
चौटाला के जीवन का हो ये उसूल सबसे आला ।
संतोष को संताप समझे और विश्राम को विष का प्याला ।
रक्त की भांति नाड़ियों में बहे अति अशांति की ज्वाला ।
हृदय में प्राणों की जगह हो शक्ति ने डेरा डाला ।
हरदम और हर घड़ी रहे संघर्ष के मद में मतवाला ।
कायरता कमजोरी को दे निकाल मुंह करके काला ।
अखबारों की सुर्खी में रहे उसको कहते चौटाला ।
कौरव रूपी कांग्रेस के लिए बना घनश्याम ।। 3 ।।
चौटाला वही कोई ना कोई धुन सिर पै चढ़ी नजर आये ।
बोले तो शेर की तरह, दहाड़े हंसे तो छत भी हिल जाये ।
दोस्त बने तो दोस्त को देते न प्राण तक घबराये ।
दुश्मन बने तो दुश्मन के फिर खून का प्यासा बन जाये ।
बे दिली और दुविधा में कभी मसनुई गीत नहीं गाये ।
जो दुख में कोई याद करे तो उसके पास खड़ा पाये ।
धर्मपाल सिंह भालोठिया कहे वही हमारे राम ।। 4 ।।

गीत - 12

ताऊजी की नीति का सच्चा इतिहास चौटाला सै ।
हरियाणा का विकास पुरुष ओमप्रकाश चौटाला सै ।। टेक ।।
एम. एल. ए. और एम. पी. तो यहां चाहे जो इंसान बने ।
भ्रष्टाचारी चोर जुआरी झूठा ठग बेईमान बने ।
जनता का सच्चा विश्वासी नेता नहीं आसान बने ।
नेता बनने वाले का यहां बार बार इम्तिहान बने ।
कठिन से कठिन परीक्षा में भी आया पास चौटाला सै ।। 1 ।।
कोई धुरंधर विद्वान हो कोई घमंड करे धन का ।
कोई नामी पहलवान हो ताकतवर भारी तनका ।
कोई मालिक फौज पुलिस हथियार और अनमेसन का ।
चौटाला बिना नहीं टूटेगा किला हमारे दुश्मन का ।
सिंगापुर में गरजा था वो वीर सुभाष चौटाला सै ।। 2 ।।
चौटाला के ताऊजी का खून रगों में दौड़े सै ।
जनता की सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़े सै ।
दोस्त बने तो जीवन में फिर नहीं दोस्ती तोड़े सै ।
दुश्मन बने तो दुश्मन को नींबू की ढाल निचोड़े सै ।
कांग्रेस रूपी कैंसर का डॉक्टर खास चौटाला सै ।।3 ।।
नहीं ये ब्राह्मण बणिया हरिजन गूजर जाट चौटाला सै ।
नहीं ये अहीर राजपूत नट जोगी भाट चौटाला सै ।
नहीं ये जाखड़ धनखड़ दहिया मान फोगाट चौटाला सै ।
छत्तीस कौम के भाइयों का हृदय सम्राट चौटाला सै ।
मेहनतकश सब एक रहें करता प्रयास चौटाला सै ।। 4 ।।
चिकना पात कहे जग सारा होणहार बिरवान का ।
पालने में देता दिखाई शुभ लक्षण संतान का ।
ओमप्रकाश हीरा सै आज ताऊ के खानदान का ।
एक दिन ये प्रधानमंत्री बनेगा हिंदुस्तान का ।
धर्मपाल सिंह भालोठिया कहे सच्ची आस चौटाला सै ।। 5 ।।

गीत - 13

बोस इसा चश्मा ल्यादे हो जिसका हो शीशा निराला ।। टेक ।।
जिस चश्मे से ताऊजी की नीति का इतिहास दिखे ।
जिस चश्मे से तेजा खेड़ा फार्म हाउस खास दिखे ।
जिस चश्मे से हरियाणा का सी. एम. ओमप्रकाश दिखे ।
जिस चश्मे से जनहित वाली योजना तमाम दिखें ।
जिस चश्मे से पांच साल में पचास हजार काम दिखें ।
जिस चश्मे से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम दिखें ।
जिस चश्मे से हरियाणा में दिखे नया उजाला ।। 1 ।।
जिस चश्मे से देवी रूपक योजना का सार दिखे ।
जिस चश्मे से युद्ध जागीर मिलती पांच हजार दिखे ।
जिस चश्मे से बूढों वाली पेंशन का विस्तार दिखे ।
जिस चश्मे से विकास की चली फ्रंटियर मेल दिखे ।
जिस चश्मे से मिलिट्री स्कूल मातनहेल दिखे ।
जिस चश्मे से रेवाड़ी से झज्जर आती रेल दिखे ।
जिस चश्मे से राजकोष का खुल रहा दिखे ताला ।। 2 ।।
जिस चश्मे से विकास का चहुंमुखी नजारा दिखे ।
जिस चश्मे से हिंदुस्तान का मानचित्र सारा दिखे ।
जिस चश्मे से हरा-भरा हरियाणा सबसे न्यारा दिखे ।
जिस चश्मे से गांव गांव में वाटरशेड स्कीम दिखे ।
जिस चश्मे से कैंप लगाती डॉक्टरों की टीम दिखे ।
जिस चश्मे से बूढों को चश्मा होता तकसीम दिखे ।
जिस चश्मे से नहीं किसी के दिखे आँख में जाला ।। 3 ।।
जिस चश्मे से ताऊजी का नारा यह बुलंद दिखे ।
जिस चश्मे से बिजली और पाणी का प्रबंध दिखे ।
जिस चश्मे से भ्रष्टाचारी जेल के अंदर बंद दिखे ।
जिस चश्मे से हिंदू मुस्लिम सिख इसाई भाट दिखें ।
जिस चश्मे से ब्राह्मण बणिये अहीर गूजर जाट दिखें ।
जिस चश्मे से धर्मपाल सिंह भालोठिया के ठाठ दिखें ।
जिस चश्मे से दिल्ली तख्त पै दिखे अजय चौटाला ।। 4 ।।

गीत – 14

मैं वोट देण जाऊं , चश्मे पर बटण दबाऊँगी ।। टेक ।।
किसान और मजदूर का साथी, व्यापारी का रहा हिमाती ।
याद आ गया ताऊ , चश्मे पर बटण दबाऊँगी ।। 1 ।।
आग्या ओमप्रकाश चौटाला, हरियाणा का सही रखवाला ।
हे चालो आज दिखाऊँ , चश्मे पर बटण दबाऊँगी ।। 2 ।।
जो ताऊ का काम अधूरा , चौटाला ने कर दिया पूरा ।
सच्ची बात बताऊं , चश्मे पर बटण दबाऊँगी ।। 3 ।।
जितनी गांव की बूढ़ी बडेरी , भरती सरती लाडो भतेरी ।
मैं सबको समझाऊं , चश्मे पर मोहर लगाऊँगी ।। 4 ।।
भालोठिया नित्य गीत बनावे , देशभक्तों की कथा सुनावे ।
मैं उसको बुलवाऊं , चश्मे पर बटण दबाऊँगी ।। 5 ।।

गीत – 15

हाथी चलता देख करके कुत्तों ने मचाया शोर ।
लांडा बूचा काणा आगये धोला भूरा और काला ।। 1 ।।
ओमप्रकाश चौटाला की चाल मस्त हाथी की ।
ताऊ की नीति पर चाले हरियाणा का रखवाला ।। 2 ।।
देशद्रोही भ्रष्टाचारी स्वार्थी लुटेरे आज ।
स्वर में स्वर मिलाकर रोवें हो गया बेहद चाला ।। 3 ।।
प्रेस कांफ्रेंस करके अखबारों में गोले दागे ।:

आगे कोई आवै नहीं शेर तैं पड़ा पाला ।। 4 ।।

भालोठिया कहे बच्चों को डरावें कांग्रेसी औरत ।
सोजा बेटा आजावेगा ओमप्रकाश चौटाला ।। 5 ।।

गीत - 16

अपनी सरकार बना दे, चश्मे पर बटण दबा दे ।
के देखै कमला खड़ी खड़ी ।। टेक ।।
यह ओमप्रकाश चौटाला, हरियाणा का रखवाला ।
विकास की दी लगा झड़ी ।। 1 ।।
आज स्वर्ग बनी आबादी, सड़कों से सड़क मिला दी ।
सैं और योजना बड़ी बड़ी ।। 2 ।।
क्यों फिरे तोड़ती जूती, अब मंगवाले मारुति ।
घूमा करिये चढ़ी चढ़ी ।। 3 ।।
बूढों की काढ़ कसर दी, पेंशन तीन सौ कर दी ।
नोट बांट दिये धड़ी धड़ी ।। 4 ।।
अब के तू धोखा खावै, फिर पांच साल पछतावै ।
बिस्तर में रोइये पड़ी पड़ी ।। 5 ।।
यह भालोठिया समझावै, ताऊ की कथा सुनावै ।
तू याद राखिये घड़ी घड़ी ।। 6 ।।