Fateh Singh Bhandari

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फतेह सिंह भंडारी (यह फोटो अप्रैल 2010 में लिया गया)

Fateh Singh Bhandari (Born: 1928, death - 5 Nov. 2017) was a close associate of Swami Omanand Saraswati. He was born in Raiyya village of Jhajjar tahsil, in 1928. He dedicated his entire life to render his services to Gurukul Jhajjar and stayed in the Gurukul during his entire life. He belonged to Ahir Community.

Dr. Yoganand Shastri writes

गुरुकुल के संबन्ध में सुनकर झज्जर हाई स्कूल के विद्यार्थी भी ब्रह्मचारियों को देखने आने लगे । इन्हीं में युवक फतहसिंह रैय्या वाले भी थे । ये तो इतने अधिक प्रभावित हुये कि उन्होंने बीच में अध्ययन छोड़ अपना पूरा जीवन गुरुकुल को अर्पित कर दिया । गुरुकुल में आकर आपने अन्न संग्रह और भंडार आदि का कार्य सम्भाल लिया अतः आपको सभी सम्मानित रूप में भण्डारी जी के नाम से पुकारने लगे । श्री भण्डारी जी गुरुकुल के प्रमुख स्तम्भों में से एक हैं । आप आज भी गुरुकुल की सेवा में पूरे उत्साह से जुटे हैं । अन्न-संग्रह व बाहर की व्यवस्था की देख-रेख की जिम्मेवारी आप पर है । आचार्य जी के बाद आप ही सबसे पुराने व्यक्ति हैं जो गुरुकुल में हैं । आपने गुरुकुल के अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं । आपने गुरुकुल की सेवा का व्रत उस समय लिया था जब आचार्य जी उसकी उजड़ी हुई अवस्था से अपने हाथों पुनरुद्धार करने में लगे । आचार्य जी के साथ मिट्टी से स्वयं कच्चे मकानों की लिपाई करना, पशुओं के लिये हाथ से चारा काटना और खेत का काम करना जैसे कठिन कार्य इन्होंने प्रारम्भ में स्वयं किये हैं । अत्यधिक अनुभवी और कर्मठ हैं । गुरुकुल की उन्नति की अहर्निश चिन्ता रखते हैं । इस प्रकार ज्यों-ज्यों आचार्य जी का प्रभाव बढ़ता गया, त्यों-त्यों गुरुकुल के लिये सहायक व्यक्ति भी जुटते गये ।[1]

References