Girdharpur Mathura

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Girdharpur (गिरधरपुर) is a village in Mathura tahsil of Mathura district in Uttar Pradesh.

Location

Girdharpur is a Village in Mathura Block in Mathura District of Uttar Pradesh State, India. It belongs to Agra Division . It is located 5 KM towards west from District head quarters Mathura. It is 2 kms from Ganeshra and 393 KM from State capital Lucknow. Girdharpur Pin code is 281004. Bhuteshwar Railway Station, Mora Mathura Railway Station are the very nearby railway stations to Girdharpur.

Variants

  • Girdharpura (गिरधरपुरा) (जिला मथुरा, उ.प्र.) (AS, p.285)

History

Girdharpur Inscription

D C Sarkar[1] writes that according to Luders (D R Bhandarkar, Vol., p.281,286), the Mathura Inscription of the year 292 and the Girdharpur record of the year 270 are dated in the parthian era.

गिरधरपुर

विजयेन्द्र कुमार माथुर[2] ने लेख किया है ...गिरधरपुर जिला मथुरा इस ग्राम से 1929 में एक छोटा प्रस्तर स्तंभ प्राप्त हुआ था जिस पर कुशान नरेश महाराज हूविष्क के शासन के 28 वें वर्ष का एक संस्कृत अभिलेख उत्कीर्ण है जो इस प्रकार है:-

Text

'सिद्धं संवत्सरे 208 गुर्प्पिय दिवसे अयं पुण्यशाला प्राचिनीकनसरुकमान पुत्रेण खरासलेर पतिना वकनपतिना अक्षयनीवि दिन्नाततो वृद्धितोमासानुमासं शुद्धस्य चतुर्दिशि पुण्यशालायं ब्राह्मणशतं परिविषितव्यं दिवसे दिवसे च पुण्यशालाय द्वार धारिय साद्यं सक्तुना आढका 3 लवणप्रस्थो 1, शकुप्रस्थो 1, हरित कलापकघटका 3, मल्लका 5 एतं अनाधानं कृतेन दातव्यं बुभुक्षितानं पिवसितानं यत्रात्रं पुण्यं तं देवपुत्रस्य षाहिस्य हुविष्कस्य येषां च देवपुत्रो प्रिय: तेषामपि पुण्यं भवतु सर्वापि च पृथिवीये पुण्ये भवतु अक्षयनीविदिन्नाशकश्रेणीये पुराण शत 500, 50 समितकरश्रेणी (ये च) पुराणशत 500, 50'

Girdharpur Inscription[3]

अर्थात् "सिद्धि हो। 28वें वर्ष में पौष मास के प्रथम दिन पूर्वदिशा की इस पुण्यशाला के लिए कनसरुकमान के पुत्र खरासलेर तथा वकन के अधीश्वर के द्वारा अक्षयनीवि प्रदत्त की गई। इस अक्षयनीवि से प्रतिमास जितना ब्याज प्राप्त होगा, उससे प्रत्येक मास की शुक्ल चतुर्दशी को पुण्यशाला में सौ ब्राह्मणों का भोजन करवाया जायेगा तथा उसी ब्याज से प्रत्येक दिन पुण्यशाला के द्वार पर 3 आढक सत्तू, 1 प्रस्थ नमक, 1 प्रस्थ शकु, 3 घटक और 5 मल्लक हरी शाकभाजी, ये वस्तुएँ भूखे, प्यासे तथा अनाथ लोगों में बांटी जाएंगी। इसका जो पुण्य होगा, वह देवपुत्र षाहिहुविष्क तथा उसके प्रशंसकों और सारे संसार के लोगों को होगा। अक्षयनीवि में से 550 पुराण शक श्रेणी में तथा 550 पुराण आटा पीसने वालों की श्रेणी में जमा किए गए।'

इस लेख में कुषाण कालीन उत्तरी भारत के सामाजिक, आर्थिक तथा नैतिक अवस्था पर अच्छा प्रकाश पड़ता है। इससे सूचित होता है कि उस समय श्रमिकों तथा व्यावसायिकों के संघ बैकों का भी काम करते थे। इस अभिलेख में तत्कालीन लोगों की नैतिक या धार्मिक प्रवृत्ति की भी झलक मिलती है।

Jat Gotras

Monuments

  • Karttikeya Statue, standing found from Girdharpur Tila (Mathura), Repository: Present Location: Archaeological Museum, Mathura, Museum No: No.17.1308, Date: 200-299 CE[4]

Population

Girdharpur 2011 Census Details: Girdharpur Village Total population is 7628 and number of houses are 1261. Female Population is 45.4%. Village literacy rate is 58.9% and the Female Literacy rate is 20.8%.

Notable Persons

External Links

References


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