Garhi Harsaru
Garhi Harsaru (गढ़ी-हरसरू) is a village in Gurugram tahsil and district in Haryana.
Now it is also a sub-tahsil under Gurugram district.
List of Villages in Harsaru Tahsil
Basharia (बास हरिया), Baskushla (बास कुसला), Bhang Rola (भांगरौला), Budhera (बुढेड़ा), Chandu (चन्दू), Dhana (ढाणा), Dhorka (ढोरका), Garhi Harsaru (गढी हरसरू), Gopalpur (गोपालपुर), Hamirpur (हमीरपुर), Harsaru (हरसरू), Hayatpur (हयातपुर), Kankrola (कांकरौला), Mankrola (मांकडौला), Meoka (मेवका), Sadhrana (साढराणा), Wazirpur (वजीरपुर)
Jat Gotras
History
Kanungo[1] writes....It is said that in an assault upon Harasaru, Suraj Mal's elephant, urged against the huge wooden gate of the fort turned back exhausted and unsuccessful. Sardar Sitaram, the Jat Ajax, seeing this, rushed forward with an axe and hewed down the gate with great intrepidity. This is one of his numerous feats of strength remembered by his descendants, still in the ruined castle of his, Kotman.
जाट इतिहास
ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है: ....महाराजा सूरजमल ने हरयाणे के प्रदेश पर जहां कि जाटों की अधिक आबादी थी और अनेक छोटे-छोटे मुसलमान जागीरदार राज्य कर रहे थे, को विजय करने के लिए जवाहरसिंह की अध्यक्षता में सेना भेजी। छोटे लड़के नाहरसिंह की अध्यक्षता में द्वाबा में अधिकार स्थापित करने और पूर्वी रुहेला सरदारों की चाल का निरीक्षण करने के लिए दूसरी सेना भेजी। जवाहरसिंह ने फर्रुखनगर पर जो कि एक बिलोची सरदार मुसाबीखां के अधिकार में था, चढ़ाई की। यह किला बड़ा मजबूत था, इसलिए महाराज स्वयं तोपखाना लेकर जवाहरसिंह की सहायता को पहुंचे। दो महीने के घेरे के पश्चात् मुसाबीखां ने किले को खाली कर दिया। उसे कैद करके भरतपुर भेज दिया गया। फर्रुखनगर जाट-राज्य में मिला लिया गया। रेवाड़ी, गढ़ी-हरसरू और रोहतक तो पहले ही जाटों के अधिकार में आ चुके थे और वे नवलसिंह तक उनके अधिकार में रहे थे। कहा जाता है कि गढ़ी हरसरू की चढ़ाई में सूरजमल का हाथी जो कि किले के बड़े फाटक को तोड़ने के लिए जुटाया गया था, थककर बिना फाटक तोड़े लौट आया। तब सरदार सीता राम ने जो कि जाट (Ajaz) था, यह देखा तो कुल्हाड़ी लेकर बाहर आया और बड़ी वीरतापूर्वक फाटक को काट डाला। इसके बाद सूरजमल ने दूसरे सरदार बहादुरखां के किले पर चढ़ाई कर दी। इसी समय जाट सेना का एक दूसरा भाग नाहरसिंह और बलरामसिंह तथा अन्य प्रसिद्ध सेनानायकों की अध्यक्षता में मुगल सरकार के अफसरों के हाथ से अनेक स्थानों को जीतते हुए जल्दी से जल्दी नजीबुद्दौला से भिडने के लिए तैयार हो रहा था । लेकिन नजीबुद्दौला इस मौके को टालना चाहता था और सूरजमल इस मौके से लाभ उठाना चाहते थे। इससे पहले सूरजमल के अधिकार में इतना प्रदेश आ गया था कि पूर्व में उनके राज्य की सीमा रुहेला राज्य तक पहुंच गई थी। कोल, जलसेर, एटा के जिले उन्ही के राज्य में थे। जमुना के इस किनारे पर देहली के फाटकों से लेकर चम्बल तक उनके सिवाय और किसी का राज्य नहीं था और गंगा की ओर भी करीब-करीब यही हालत थी।.....
Notable persons
External links
References
- ↑ History of the Jats:Dr Kanungo,p.87 fn-2
- ↑ जाट इतिहास:ठाकुर देशराज (पृष्ठ-647)
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