Harnam Singh Gill
हिमाचल में जाट समुदाय को ओबीसी में शामिल करवाने में हरनाम सिंह गिल का बड़ा योगदान रहा है। कांगड़ा शहर से सटे बैदी गांव के रहने वाले हरनाम गिल हैडमास्टर के पद पर तैनात थे। दयाल बाग आगरा से एमएबीटी करने वाले गिल समुदाय की समस्याओं से भलीभांति परिचित थे। उन्होंने जाट कल्याण परिषद के फाउंडर सूबेदार विचित्र सिंह द्वारा छेड़ी गई मुहिम को आगे बढ़ाया। ओबीसी कमीशन के पास समुदाय का पक्ष रखा कि कैसे मुजारा एक्ट में जमीनें छिनने के बाद खेती पहले जैसी नहीं रही। उस समय प्रदेश में प्रो. पे्रम कुमार धूमल मुख्यमंत्री थे और साहिब सिंह बर्मा जाट संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष। श्री गिल द्वारा पुख्ता तरीके से पक्ष रखने का ही नतीजा था कि सन् 2002 में जाट समुदाय को ओबीसी में शामिल कर लिया गया। जाट समुदाय के ओबीसी में आने से अन्य पिछड़ा वर्ग जैसे संगठन को संभवतः मजबूती मिली है।