Het Ram Godara

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Martyr Het Ram Godara

Het Ram Godara (25.1.1993-1.4.2018), martyr of Counter Insurgency in Jammu and Kashmir, was killed on 1 March 2018. He belonged to village Soniasar Godaran village in Dungargarh tahsil of Bikaner district in Rajasthan. Unit - 9 Jat Regiment

Hetram Godaras last rites held

Ref - Indiatoday 3.4.2018

Bikaner, Apr 3 (PTI) The last rites of army jawan Hetram Godara, who was killed during an operation against terrorists in Jammu and Kashmir, were conducted today with full state honours.

The mortal remains of Godara were brought to Soniasar village in Bikaner district. The 34th Rashtriya Rifle battalion gave a ceremonial fire.

Parliamentary secretary Dr Vishwanath Meghwal, Leader of Opposition in Rajasthan Legislative Assembly Rameshwar Dudi, MLA Hanuman Beniwal, former minister Bhanwarlal Meghwal, former MLA Manglaram Godara gave floral tributes to the martyr. The funeral pyre was lit by his year-and-a-half-old son. Rajasthan Chief Minister Vasundhara Raje also condoled the death of the jawan.

"People of the country are proud of him for his sacrifice for the country. I pray to almighty to grant eternal peace to the departed soul and strength to his bereaved family," Raje said in a message.

Godara was born on January 25, 1993 in Bikaner district and recruited in the Army on December 25, 2013.

Introduction

On 31 Mar 2018, the security forces received information from intelligence sources about the presence of 5 to 6 hardcore terrorists in Kachedoora in Shopian district of J&K. After analysis of the inputs, a decision was taken by the security forces to launch a joint operation to neutralize the terrorists. A joint team comprising elements of 34 RR, J & K police and CRPF was formed, which swung into action in the late night of 31 Mar 2018. The team launched a well-coordinated operation and cordoned off the suspected area in Kachedoora. On being challenged the terrorists fired at the troops and a fierce gun battle ensued thereafter lasting for several hours till the next day.

After several hours of exchange of fire, the assault team decided to storm the suspected house being used by the terrorists. A small team of soldiers from 34 RR led the operation and stormed the house with other troops providing the cover fire. It was a daring and risky operation as the terrorists were hiding and firing from fortified positions within the house. But the gallant soldiers of the Army with disregard to personal safety made a bold move and stormed the house. During the heavy exchange of fire four terrorists got killed and the operation successfully ended by afternoon on 01 April 2018. However, during the operation Gnr Arvinder Kumar, Sep Hetram and Gnr Nilesh Singh from 34 RR sustained serious injuries and were shifted to the hospital. The brave hearts later succumbed to their injuries and were martyred.

Source - Ramesh Dadhich

हेतराम गोदारा का जीवन परिचय

सिपाही हेतराम गोदारा

25 जनवरी 1993 - 1अप्रैल 2018

सेना मैडल (वीरता) मरणोपरांत

वीरांगना - श्रीमती सुंदर देवी

यूनिट - 9 जाट रेजिमेंट, 34 राष्ट्रीय रायफल्स

ऑपरेशन रक्षक 2018

सिपाही हेतराम का जन्म 25 जनवरी 1993 को राजस्थान के बीकानेर जिले के श्री डूंगरगढ़ तहसील के सोनियासर गोदारान गांव में चौधरी हड़माना राम व माता श्रीमती सीतादेवी के परिवार में हुआ।

इनकी प्रारंभिक शिक्षा ननिहाल साजनसर चूरू में हुई। आगे की शिक्षा कातर गांव के विवेकानंद विद्या आश्रम स्कूल में हुई। 25 दिसंबर 2013 को वह भारतीत सेना की 9 जाट रेजिमेंट में शामिल हुए।

31 मार्च 2018 को खुफिया सूत्रों से सुरक्षा बलों को जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले के कछडोरा में 5 से 6 कट्टर आतंकवादियों के होने की जानकारी मिली। इस पर सुरक्षा बलों द्वारा आतंकवादियों को मार गिराने के लिए एक संयुक्त अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया। एक संयुक्त टीम जिसमें 34 राष्ट्रीय रायफल्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ शामिल थे। इस टीम ने देर रात एक संयुक्त अभियान शुरू किया और कछडोरा में संदिग्ध क्षेत्र को घेर लिया। आतंकवादियों को चुनौती दिए जाने पर उन्होंने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी कर दी और वहां भीषण मुठभेड़ शुरू हो गई जो अगले दिन भी कई घंटों तक चली।

दोनों ओर से कई घंटे की गोलीबारी के बाद सुरक्षा बलों ने इस घर पर धावा बोलने का निर्णय किया। अन्य सुरक्षा बलों ने कवर फायर दिया और 34 RR की एक छोटी टुकड़ी इस घर में घुस गई। यह एक अत्यंत दुस्साहसी और जोखिम भरा ऑपरेशन था क्योंकि आतंकवादी घर के सुरक्षित स्थानों से छिप कर गोलीबारी कर रहे थे। लेकिन, सेना के वीर जवानों ने निजी सुरक्षा की परवाह ना करते हुए यह साहसिक कदम उठाया और घर को तहस-नहस कर दिया।

दोनों ओर से भारी गोलीबारी के दौरान तीन आतंकवादी मारे गए और एक बुरी तरह घायल हो गया और अगले दिन 01 अप्रैल 2018 की दोपहर तक यह ऑपरेशन पूरा हो गया। घायल आतंकी का काफी खून बह गया पर वह मरने का नाटक कर के पड़ा रहा मुठभेड़ खत्म होने पर मकान की तलाशी के दौरान सिपाही हेतराम उसके पास पहुंचे तो उसने गोली चलाई जो हेतराम के हेलमेट को चीरते हुए उनके सिर में लगी। वह आतंकी भी मारा गया। इस मुठभेड़ में हेतराम के साथ गनर अरविंदर कुमार और गनर निलेश सिंह भी गंभीर रूप से घायल हुए और अंततः तीनों ही वीरगति को प्राप्त हुए।

भारतवर्ष की एकता और अखंडता पर जीवन न्योछावर करने वाले भारत माँ के वीर सपूत हेतराम का नाम युगों-युगों तक अमर रहेगा।

जय हिंद!! जय जवान!! Source - Ramesh Dadhich

आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद

Ref - Ravi Vishnoi, News18 Rajasthan, April 2, 2018

बीकानेर जिले के श्रीडूंगरगढ़ के सोनियासर गोदारा गांव का लाल रविवार 1 अप्रेल 2018 को आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गया. 34 राष्ट्रीय रायफल में तैनात 9 जाट रेजीमेंट के कमाण्डो हेतराम गोदारा के साथ साथ 2 अन्य जवानों ने शहादत से पहले 13 आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया. शहीद के परिवार की महिलाओ को अभी तक पूरी तरह से जानकारी नहीं दी गई है. हेतराम के शहीद होने की खबर के बाद से ही गांव में शोक की लहर छा गई.

सोमवार शाम तक शहीद का पार्थिव शरीर इनके पैतृक गांव सोनियासर गोदारन पहुंचने की सम्भावना है. जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. शहीद हेतराम गोदारा तीन भाई एक बहिन में सबसे बड़े थे शहीद हेतराम 25 वर्ष की उम्र में ही शहीद हो गए. हेतराम का जन्म 25 जनवरी 1993 को हुआ था और 2013 में सेना में शामिल हुए थे.

शहीद हेतराम अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं. शहीद की पत्नी सुंदर देवी व एक पुत्र भवानी जिसकी उम्र मात्र 14 माह है. इनकी प्रारंभिक शिक्षा ननिहाल साजनसर चूरू में हुई उसके बाद कातर गांव के विवेकानंद विधा आश्रम स्कूल में हुई जहां से सेना में शामिल हुए थे.

राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

Ref - hindi.sakshi.com/news/2018/04/03

बीकानेर: जम्मू-कश्मीर में रविवार को शहीद हुए बीकानेर के हेतराम गोदारा का अंतिम संस्कार 3.4.2018 को उनके पैतृक गांव सोनियसर की गुवाड़ में राजकीय सम्मान के साथ किया गया।

रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष ओझा ने बताया कि जम्मू कश्मीर में शहीद हुए सेना की 34वीं राष्ट्रीय रायफल के सिपाही हेतराम का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव में किया गया। जिला कलेक्टर अनिल गुप्ता और पुलिस अधीक्षक सवाई सिंह गोदारा ने प्रशासन की ओर से तथा केंद्रीय जल एवं नदी विकास राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल की ओर से उनके निजी सहायक तेजाराम ने पुष्पचक्र अर्पित किए।

हजारों लोगों ने नम आंखों से बीकानेर के लाल को अंतिम विदाई दी। इस अवसर पर संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ मेघवाल, विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी, खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल, पूर्व मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल, सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल बी.के. मजूमदार, सेना के मेजर देवयेन्दु दुबे सहित अन्य गणमान्य लोगों ने शहीद की पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित किए।

शहीद हेतराम के डेढ़ वर्षीय पुत्र ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान हजारों की संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने भारत माता की जय और अमर शहीद हेतराम अमर रहे जैसे नारों के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का संदेश संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने शहीद के पिता को सौंपा।

मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में लिखा, "हेतराम गोदारा ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया है। उनकी इस शहादत पर देशवासियों को गर्व है। मैं ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करती हूँ।" जिला कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक ने भी शहीद के घर पहुंचकर उनके परिजनों को शोक संवेदना प्रकट की।

पिक्चर गैलरी

संदर्भ


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