Hindu Koum

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बेधङक का हवाई जहाज
लेखक
पृथ्वीसिंह बेधङक



हिन्दू कौम


बिना मेल के हिन्दू कौम तेरा ऊंट मटीला हो जागा

राम कृष्ण का खून जो बाकी वह सब ढीला हो जागा


तेरे बङों ने किसी वक्र यहॉं टूटे आईने जोङ दिये

सोलह सत्तरा बार पकङ मुहम्मद गौरी छोङ दिये

अहिंसा परमोधर्म का तू बिल्कुल कान मरोङ दिये

जिस कारण बर्बाद हुए उस जात पात को छोङ दिये


वर्ना गैरों के कब्जे में तेरा कुटुम्ब कबीला हो जागा


मिस्टर जिन्ना तेरे वतन को पकिस्तान बनाता है

अल्ल मशरकी बेलचे वो तुझको रोज़ दिखता है

फ़िर भी लालाजी का नौकर नूर मुहम्मद पाता है

मौका पङने पर वही सेठ के ऊपर छुरा चलाता है


इस हालत में थोङे दिन में मुहम्मद रसूल हो जागा


परिवर्तन होने वाला है जो जाति अब सोवैगी

अपनी नौका अपने हाथों अपने आप डुबोवैगी

जो कुछ तेरे घर में बाकी थोङे दिन में खोवैगी

एक दिन ऎसा आयेगा जब मूहं पकङ के रोवैगी


सेवा करना भीख मांगना तेरा वसीला हो जागा


बारह साल के बाद मरदम शुमारी आती है

आर्य जाति बुरी तरह से अपना नाम लिखाती है

कोई हिन्दू कोइ जैन वगैरा बुरी तरह बतलाती है

यही कारण है मार गैर को बुरी तरह से खाती है


पृथ्वीसिंह इस तरह तेरा निखार कैंसिल हो जागा



Digital text (Wiki version) of the printed book prepared by - Vijay Singh विजय सिंह

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