Hindustan Ki Chhori
मैदान-ए-जंग में आ गई सर्व जहान की छोरी
परदे में छिप कर बैठी हिन्दुस्तान की छोरी
जो फ़ैशन लगा विचरती घरका काम कभी ना करती
भरती आज हो रही चीन जापान की छोरी
जिनके पर्दा रहा कदीम सदा से होती आई यतीम
स्कीम बदलती आज टरकी ईरान की छोरी
जिसने जेवर कभी ना पहना आज सारे यूरोप की बहना
उनका यह है कहना हम हैं बलवान की छोरी
Digital text (Wiki version) of the printed book prepared by - Vijay Singh विजय सिंह |
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