Jat Samuday ke Pramukh Adhar Bindu/Prakashakiy
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Jat Samuday ke Pramukh Adhar Bindu, Agra, 2004
Author: Dr Ompal Singh Tugania
Publisher - Jaypal Agencies, Agra-282007
हमारा पुस्तक व्यवसाय धन संचय का माध्यम नहीं है इसलिए हमारा प्रयास हमेशा कम से कम कीमत पर पुस्तकें उपलब्ध कराना रहता है. अपने परम पूज्य पिता सदा स्मरणीय श्री कमल सिंह फौजदार जी की प्रेरणा से हमारे हृदय में समाज सेवा तथा जन जागृति एवं सामाजिक क्रांति की भावना जागृत हुई. जाट बंधु पत्र एवं स्वजातीय पुस्तकों के प्रकाशन का कार्य उन्हीं की प्रेरणा से प्रगति पर अग्रसर है. अनेक बंधुओं के भारी स्नेह एवं उनके साहसी विचारों से प्रभावित होकर हम समाज उत्थान और जनजागृति के काम में सन 1966 से निरंतर लगे हुए हैं. ईश्वर कृपा से अब तक सात सारगर्भित पुस्तकें प्रकाशित कर चुके हैं.
इसी कड़ी में लेखक की प्रस्तुत पुस्तक कई मायनों में बेजोड़ है. इसे प्राप्त कर, गहन अध्ययन करें जिससे हम अपने गौरवशाली इतिहास पर गर्व कर सकें. स्वजनों का प्यार और सहयोग ही हमारी प्रेरणा का मुख्य आधार है जो हमें सदैव मिलता रहेगा, ऐसे में पूर्ण आशा है.
आपका
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