Kishan Singh Faujdar

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किशन सिंह फौजदार का जन्म 5 जुलाई 1938 को आगरा जनपद के गाँव दहतोरा में हुआ. Mob:09319113637

शिक्षा-दीक्षा

शिक्षा-दीक्षा फतह चंद इंटर कालेज व राजा बलवंत सिंह महा विद्यालय आगरा से प्राप्त की. पिता श्री कमल सिंह फौजदार के मार्ग दर्शन में समाज सेवा और जाट साहित्य लेखन की और आकर्षित हुए.

जाट साहित्य का प्रकाशन

30 मार्च 1962 से प्रेस व्यवसाय में आकर अन्य सहयोगी समाज सेवियों की प्रेरणा से जाट साहित्य का प्रकाशन किया जिनमे प्रमुख हैं -

  1. महाराजा सूरजमल और उनका युग - डॉ चंदावत
  2. स्वामी केशवानंद - प्रो. डी. सी. सारण
  3. जाट गोत्र शब्दावली - डॉ महेंद्र सिंह आर्य
  4. आधुनिक जाट इतिहास - डॉ महेंद्र सिंह आर्य एवं अन्य
  5. जाटों की उत्पत्ति एवं उनका विस्तार - डॉ अतल सिंह खोखर
  6. जाट समुदाय की प्रमुख विशेषताएं - डाँ ओमपाल सिंह तुगानिया
  7. जाट समुदाय के प्रमुख आधार बिंदु - डाँ ओमपाल सिंह तुगानिया
  8. जाट योधाओं के बलिदान - प्राचार्य भलेराम बेनीवाल
  9. जाट समुदाय के प्रमुख आधार एवं व्यवस्थाएं - डाँ ओमपाल सिंह तुगानिया
  10. प्राचीन जाट और खोखर इतिहास
  11. जाट बन्धु- पाक्षिक पत्र

समाज सेवा

जाट आदर्शों और जाट जागरण को ध्यान में रखते हुए 'जाट बन्धु' का प्रकाशन हाथ में लिया जो 1966 से और 1985 से अर्जुन के पाञ्चजन्य का घोष सतत सुना रहा है. सन 1987 को जयपुर में फिल्म सम्राट धर्मेन्द्र को अखिल भारतीय जाट महासभा के तत्वाधान में विजय पूनिया और प्रो. डी. सी. सारण के अथक प्रयासों से खून से तोला गया था तब आपकी अतुलनीय समाज सेवा से प्रभावित होकर धर्मेन्द्र जी ने सम्मानित किया था . सन 2000 में चौधरी बहादुर सिंह समाज जाग्रति परमार्थ ट्रस्ट संगरिया, राजस्थान ने 5100 रुपये, शाल, पगड़ी एवं प्रशस्ति-पत्र भेंटकर आपकी जाट सेवा को सम्मानित किया. आप अनेक बार जाट संस्थाओं द्वारा सम्मानित किये जा चुके हैं .

जाट साहित्य के चित्र


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