Buana Lakhu
Buana Lakhu (बुआना लाखु) is a medium-size village situated in Panipat district of Haryana. It falls under Israna Tehsil. Local people also call it Lakhu Buana.
Location
The village is about 19 kilometres away from Panipat city. Actually, it is on the border of Panipat district and very near to boundary of Sonipat district.
Gotra
Population
The Boana Lakhu village has population of 7169 of which 3932 are males while 3237 are females as per Population Census 2011[1]
History
Buana Lakhu in News
पानीपत का बुआना लाखू खिलाड़ियों की नई फैक्ट्री, गांव वाले खुद मिलकर करते हैं तैयार, रजनी के बाद इंटरनेशनल लेवल के लिए 50 से ज्यादा कतार में
भिवानी, हिसार व सोनीपत के बाद अब पानीपत का गांव बुआना लाखू खिलाड़ियों की नई फैक्ट्री बनकर उभर रहा है। यहां खेलों के लिए ज्यादा सुविधाएं न होने के बावजूद भी गांव के लोग खुद मिलकर खिलाड़ियों को तैयार कर रहे हैं। यहां के ही लस्सी बेचने वाले की लड़की रजनी ने पिछले दिनों सर्बिया में इंटरनेशनल बॉक्सिंग में गोल्ड मेडल जीता। मन की बात में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी रजनी के जज्बे की तारीफ की। उसी रजनी को अब आईटीबीपी ने नौकरी, पढ़ाई और अच्छी खेल कोचिंग का ऑफर दिया है। भास्कर ने जब गांव का दौरा किया तो पता चला कि गांव अब नए आयाम छू रहा है। यहां का एक-एक व्यक्ति पढ़ाई और खेल के महत्व को बखूबी जानता है। इसीलिए विभिन्न खेलों में 10 इंटरनेशनल, 50 नेशनल और 200 से ज्यादा प्रदेश स्तरीय खिलाड़ी हैं। खेल के लिए गांव का कोई व्यक्ति रस्सा देता है, तो कोई टायर। जरूरत पर ट्रेनिंग के लिए सभी चंदा करते हैं। 150 से ज्यादा युवा खेलों की वजह से सरकारी नौकरियों में हैं और साई सेंटर से लेकर आर्मी तक के लिए कोच इस गांव से मिल चुके हैं। 100 से अधिक खिलाड़ी बच्चों की नई पौध चुनौती के लिए तैयार हो रही है। जानिए गांव की संघर्ष, प्रेरणा और सतत परिश्रम की कहानी...
घने कोहरे में 30 किलोमीटर की दूरी तय कर टीम भास्कर सुबह ठीक 4:30 बजे रजनी के गांव बुआना लाखू में दाखिल हुई। सड़क पर सरपट दौड़ रहे जवानों ने फूलसिंह स्पोर्ट्स एकेडमी का रास्ता बताया। यह कोई व्यवस्थित एकेडमी नहीं थी। यहां करीब 2000 स्क्वेयर फीट में टूटे से टीन के नीचे बच्चों का बॉक्सिंग अभ्यास स्थल था। अलग-अलग रंग की ड्रेस में बच्चे बारी-बारी से पंचिंग बैग को धुन रहे थे और गाना बज रहा था- कर मैदान फतह। ये बोल कड़ाके की ठंड में ऊर्जा का संचार कर रहे थे। भले ही प्रैक्टिस के लिए पंचिंग बैग केवल 15 ही थे, पर करीब 70 बच्चे अभ्यास में जुटे थे। ये बैग भी खस्ताहाल में थे। कोई बेल से लटका था, तो कोई रस्सी से। बच्चों के पास ग्लब्स भी पुराने थे। सुविधाओं का जबरदस्त टोटा, लेकिन जज्बा आसमानी। करीब आधा घंटा प्रैक्टिस के बाद बच्चे ठिठुरती सर्दी में खुले आसमान के नीचे बॉक्सिंग रिंग में पहुंच गए। यह रिंग भी देसी जुगाड़ से बनी थी। जिसमें न तो कोई गद्दी थी, न साइड गार्ड लगे थे। सिंपल लोहे की पाइप जमीन में लगा कपड़ों की कतरन जोड़कर रिंग बनाया हुआ था। जैसे ही बच्चे इसके अंदर पहुंचे तो उनका जोश देखने लायक था। एक रिंग में एक समय में चार-चार जोड़ी अभ्यास में जुट गई। यही बच्चे एक घंटे के बाद ओपन जिम में पहुंचते हैं। यह जिम भी देसी जुगाड़ का नमूना था। कोई पुराने टायरों से अभ्यास करने में जुट गया तो कोई कई जगह गांठ लगाकर जोड़ी गई पुरानी रस्सी पर चढ़ने की प्रैक्टिस करने लगा।'(दैनिक भास्कर, दिनांक 21 जनवरी, 2019)
Notable persons
- Prince Malik of Buana Lakhu - Captain of Indian Volleyball Team
- Navdeep Shyoran
Gallery
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नवदीप श्योराण ने पेरिस पैरा ओलम्पिक में 7 वां गोल्ड मैडल प्राप्त कर इतिहास रच दिया. पानीपत के गाँव बुआना लाखु से भारत के लाडले बेटे नवदीप श्योराण ने पुरुषों की भाला फेंक F41 में व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और पैराओलंपिक का रिकॉर्ड (47.32M) तोड़कर गोल्ड मेडल जीता.
External links
References
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