Mahendra Kumar Muwal

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Mahendra Kumar Muwal

Mahendra Kumar Muwal (Naib Subedar) (born: - died: 05.01.2022) became martyr on 05.01.2022 in Kupwada sector of Jammu and Kashmir while performing his duty. He was from village Lalas in Nawa tehsil of Nagaur district in Rajasthan. Unit: 3 Raj Rifles.

शहीद नायब सूबेदार महेंद्र कुमार मुवाल का जीवन परिचय

शहीद महेन्द्र कुमार ने 10 वीं कक्षा ग्राम लालास की सरकारी विद्यालय से 1995 में उत्तीर्ण की थी। शहीद सूबेदार महेंद्र कुमार मुवाल के एक पुत्र संजय व एक पुत्री पूजा है।उनकी धर्मपत्नी का नाम कमला देवी है। महेंद्र के पिता का नाम मनसुखराम था जिनका भी निधन हो चुका है वो भी भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके हैं। 20 वर्षीय बेटी पूजा भारतीय कॉलेज सीकर से स्नातक कर रही है जबकि 13 वर्षीय बेटा संजय गांव की संगम स्कूल में कक्षा 9वी में अध्ययनरत है। शहीद सूबेदार महेन्द्र कुमार पिछले एक वर्ष से जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में तैनात थे।उ नके परिवार में अभी उनका छोटा भाई हनुमान है।अपने माता पिता को खो चुके शहीद के परिवार में चार भाइयों में महेंद्र तीसरे नम्बर पर था।जिनकी शादी 1998 में हुई थी।दो बड़े भाईयों का भी पहले ही आकस्मिक निधन हो गया था।[1]

महेंद्र कुमार मुवाल शहीद हो गए

शहीद नायब सूबेदार महेंद्र कुमार मुवाल 5 जनवरी 2022 को कश्मीर के कुपवाड़ा की ऊंची चोटियों पर डयूटी के दौरान अपने वतन के लिये महज 43 वर्ष की आयु में हुए शहीद हो गए। वे 3 राज रीफ में थे। आप 28 जून 1996 को सेना में भर्ती हुए थे, इस प्रकार से करीब 25 सालों तक देश के लिए सेवा दी। सरहदों की रक्षा के लिए भारत के जवान अपनी मातृभुमि के लिए सब कुछ न्यौछावर कर देते है। ऐसा ही उदाहरण नावा तहसील के लाल लालास के जवान नायब सूबेदार महेंद्र कुमार मुवाल ने कर दिखाया।

शहीद महेन्द्र कुमार कुपवाड़ा में जहाँ पोस्टेड थे वहां भारी बर्फबारी हो रही थी और ऐसे में शहीद होने के बाद उनकी पार्थिव देह को बेस तक समय पर नहीं लाया जा सका। मौसम की विपरीत हालातों के कारण देरी हो गई।[2]

शहीद का पार्थिव शरीर सेना की गाड़ी से राजकीय सम्मान के साथ बुधवार 12 जनवरी 2022 को 12 बजे विशाल जनसैलाब के साथ गांव लालास उनके घर पहुँचा जहाँ पर अंतिम यात्रा में हजारों लोगों ने भाग लिया । शहीद की अंत्येष्टि दोपहर 1 बजे राजकीय सम्मान के साथ ग्राम लालास में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के पास की गई।

शहीद की अंत्येष्टि

इसके पूर्व शहीद के पार्थिक देह को भारत के तिरंगे में लपेटे हुए बुधवार को उनके पैतृक गांव लालास लाया गया। जहां पर राजकीय सम्मान के साथ पचतत्व में विलीन हो गये। शहीद के पुत्र संजय व पुत्री पूजा द्वारा चिंता को मुखगिनी देने पर पुरा माहौल गमगीन हो गया। मौके पर उपस्थित जन समुदाय की आखों में अश्रु रूक नही रहे थे। शहीद के शहादत को कभी भुला नही जाएगा:-देश की रक्षा के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने का जज्बा एक जवान को ही होता है। जो हमारी सरहदों पर हर समस्या से जुझते हुए हमारी रक्षा करते है। ये बात नावां विधायक एवं उपमुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी ने शहीद के परिवार एवं जनता के समक्ष कही। उन्होने कहा कि आज देश पर कोई भी सुरक्षा संबंधी परेशानिया आती है तो उसका जबाब हमारी सेना ही देती है। हम घरों में बैठकर दिवाली मनाते है तो देश का जवान हमारे सरहदों पर दुश्मनों से लोहा लेते है। हमारे देश के जवान मातृभुमि के लिए हमेशा जान गवाने के लिए तैयार रहते है। चौधरी ने शहीद के पुत्र पुत्री का ढाढस बधाया। शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र चढाकर नमन करते हुए भारत माता की जय हो के नारे लगाए गए। इस दौरान चौधरी ने कहा कि देश के लिए दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए उन सभी जवानों के लिए हमारी श्रद्वाजंली अर्पित करता हूँ।

विधायक नारायण बेनीवाल ने कहा कि हमारे देश की सुरक्षा का जिम्मा हमारे सैनिक भाईयों के कधें पर है। ये लोग गर्मी,तेज बारिस ,बर्फ बारी एवं सर्दियों की परवाह नही करते हुए हमारी रक्षा करते है। वीर नायब सूबेदार महेंद्र मुवाल ने अपने कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करते हुए बलिदान दिया है। देश का प्रत्येक जवान हमारे लिए सम्मानित है। देश की कठिन परिस्थितियों में सेना ही सबसे पहले आगे आती है और हमारी रक्षा करती है। दुश्मनों के खटटे दातं हमारी सेना ही करती है। कारगिल युद्व में हमारे जवानों की वीरता की गाथा भुली नही जा सकती है। पाकिस्तान ने जो किया था उसका करारा जबाब भारतीय सेना ने ही दिया था।

जिला सैनिक अधिकारी राघवेंद्र सिंह जोधा ने बताया कि वीर शहीद नायब सूबेदार महेंद्र मुवाल के परिवार जनों को जो शहीद को सरकारी योजनाए दी जाती है उसकों शीध्रता शीध्र मुहैया करवाई जाएगी। उनकी पत्नि शिक्षित है वो राजकीय सेवाओं के पात्र है वो सेवाओं के लिए आवेदन कर सकती है। इसके अलावा उनका पुत्र एवं पुत्री वे शिक्षित है जो भारतीय सेना में स्थान पा सकते है । इसके अलावा परिवार को राजस्थान सरकार एवं केन्द्र सरकार की जिनती भी योजनाए है उनका लाभ अधिक से अधिक हो इसके लिए प्रयास किए जाएगें।

शहीद की देह यात्रा में अनेक ग्रामीण पहुचे:- शहीद नायब सूबेदार महेंद्र मुवाल की मृत्यु की खबर होते ही पुरे गावं लालास में मातम सा छा गया। अनेक घरों के चुल्हे तक नही जले। उनके परिवार की हालत बहुत खराब थी। परिवार जनों को सुचना मिलते ही ग्रामीण शहीद के घर भी पहुचे लेकिन उनकी पत्नि एवं बच्चों ने रो रो कर बुरा हाल कर लिया था। घर का माहौल बहुत ही गमगीन हो गया था। कुछ लोगों ने परिवार को ढाढस बधाने की कोशिश भी की। लेकिन जवान मौत पर किसकों रोना नही आता । शहीद का पार्थिव शरीर गाव में पहुचते ही सामाजिक परंम्परा के अनुसार क्रियाक्रम किए गए। अन्तयेष्टि में सेकड़ो जवान व रिटार्यड जवान सहित लालास के अलावा अनेक गावों के हजारों लोग सम्मिलित हुए।

शहीद के बेटे संजय व पुत्री पूजा को सेना के अधिकारियों ने तिरंगा व उनकी प्रतिमा भेंट कर देशभक्ति फर्ज निभाया।

शहीद को श्रदांजली देने के लिये नागौर तथा सीकर जिले के अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे जिनमें नावाँ विधायक व उप मुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी, खींवसर विधायक नारायण बेनीवाल,डीडवाना विधायक चेतन डूडी,पूर्व माटीकला बोर्ड अध्यक्ष हरिशचंद्र कुमावत, उपखंड अधिकारी ब्रहम लाल जाट , ग्रामीण भाजपा मंडल अध्यक्ष शीशपाल सियाग ,नावा तहसीलदार सतीश राव, शेखावाटी स्कूल लोसल के चेयरमैन बीएल रणवा,एडीएम रिछपाल बुरड़क,कुचामन वृताधिकारी संजीव कटेवा,चितावा थानाधिकारी हरीराम,समाजसेवी विवेक कालेर,काँग्रेज़ युवा नेता दीपक नेहरा, भाजपा जिला परिषद सदस्य सुनील चौधरी,लालास सरपंच प्रतिनिधि तिलोकाराम रॉयल,टोडास सरपंच प्रतिनिधि बलराज रॉयल,नंगवाड़ा सरपंच मनोज लोरा, नावा प्रेस क्लब प्रथम अध्यक्ष हितेश जैन सहित अनेक प्रशासनिक अधिकारी, गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।[3]

शहीद की अंत्येष्टि के दृश्य

शहीद को सम्मान

स्रोत

स्रोत: http://tejalgyannews.com/6510/

गैलरी

संदर्भ


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