Moda Ram Birda
Moda Ram Birda (7.6.1947-26.8.1988) (Subedar), Shahid, From Sunari, Ladnu, Nagaur, Rajasthan. Martyred on 26.8.1988 in Operation Pawan in Sri Lanka. Unit: Special Force 10 Para Regiment,
सूबेदार मोडाराम बीरड़ा का जीवन परिचय
सूबेदार मोडा राम बीरड़ा
07-06-1947 - 26-08-1988
सेना मेडल (मरणोपरांत)
वीरांगना - श्रीमती भूरी देवी
यूनिट - 10 पैराशूट रेजिमेंट (DESERT SCORPIONS)
ऑपरेशन पवन (श्रीलंका)
सूबेदार मोडाराम का जन्म 7 जून 1947 को राजस्थान के नागौर जिले की लाडनूं तहसील के सुनारी गाँव में श्री प्रमाना राम बीरड़ा एवं श्रीमती मघी देवी के परिवार में हुआ था। साधारण शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात वह भारतीय सेना की पैराशूट रेजिमेंट में रंगरूट के रूप में भर्ती हुए थे। प्रशिक्षण के पश्चात उन्हें 10 पैरा बटालियन में पैराट्रूपर के पद पर नियुक्त किया गया था।
सूबेदार मोडाराम ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में छाछरो के युद्ध में भाग लिया था, जिसमें 10 पैरा बटालियन और 20 राजपूत बटालियन ने पाकिस्तान में 80 किमी तक भीतर प्रवेश कर छाछरो पर अधिकार कर लिया था। युद्ध विराम होने के 6 महीने पश्चात भारतीय सेना ने छाछरो से आधिपत्य छोड़ कर पुनः पाकिस्तान को सौंपा था। अपनी बटालियन में भिन्न-भिन्न परिचालन परिस्थितियों और स्थानों पर सेवाएं देते हुए वर्ष 1988 तक वह सूबेदार के पद पर पदोन्नत हो गए थे। उन्हें श्रीलंका में भारतीय शांति सेना के ऑपरेशन पवन में तैनात किया गया था।
26 अगस्त 1988 को श्रीलंका के ग्रीन पाचे क्षेत्र के घने जंगलों में सूबेदार मोडाराम के नेतृत्व में उनकी टुकड़ी आगे बढ़ रही थी। जैसे ही, वे घने जंगल में गए, आकस्मिक वहां छिपे लिट्टे उग्रवादियों ने इस टुकड़ी पर अंधाधुंध गोलीबारी आरंभ कर दी। उस घोर विषम परिस्थिति में सूबेदार मोडाराम ने धैर्य से मोर्चा संभाला। उन्होंने लिट्टे उग्रवादियों पर पलटवार किया और अपनी टुकड़ी का मनोबल बढ़ाते हुए 7 लिट्टे उग्रवादियों को मार गिराया।
इस संघर्ष में, जब सूबेदार मोडाराम लिट्टे का एक बंकर ध्वस्त कर रहे थे उसी समय उग्रवादियों ने भारी गोलीबारी की। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल होने के उपरांत भी अदम्य साहस एवं दृढ़ निश्चय का प्रदर्शन करते हुए सूबेदार मोडाराम रेंगते हुए उस बंकर के निकट पहुंचे और बंकर को ध्वस्त कर वीरगति को प्राप्त हुए।
सूबेदार मोडाराम को उनके वीरतापूर्ण कार्य, प्रेरित नेतृत्व, उत्कृष्ट साहस एवं निस्वार्थ बलिदान के लिए उन्हें मरणोपरांत सेना मेडल सम्मान दिया गया।
राज्य सरकार द्वारा इनके सम्मान में सुनारी गांव के राजकीय विद्यालय का नाम 'शहीद सूबेदार मोडाराम बीरड़ा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, सुनारी' किया गया है।
26 अगस्त 2023 को गांव में इनकी भव्य प्रतिमा का अनावरण किया गया।
जबर जुझारू जाट, मोडजी जुझ्या रण में,
राखी पलटण आंण, मार लिट्टे जंगळ में,
जंगळ लिट्टे मार, सेना का मेडल पाया,
सुनारी रा वीर, काम देसां हित आया,
दाधीच शीश नवाय , झुक्या है धरती अंबर,
बीरड़ा कुळ रा भाग, कमायो नांव जबर।।
- रमेश दाधीच
स्रोत
External links
Gallery
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शहीद सूबेदार श्री मोडाराम बीरड़ा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, सुनारी, लाडनूं
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मोडाराम बीरड़ा 1971 के भारत - पाक युद्ध में छाछरो की लड़ाई में भी शामिल रहे थे। जिसमें 10 पैराशूट रेजिमेंट ने पाकिस्तान में अंदर तक हमला कर कई जगह कब्जा कर लिया था। और 6 महीने तक वहीं रहे। शिमला समझौते के बाद ही छाछरो को खाली किया।
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श्रीलंका में तैनाती के समय सूबेदार मोडाराम।
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10 पैराशूट सेंटर जोधपुर में सूबेदार मोडाराम की स्मृति में निर्मित मोडा ट्रैनिंग हॉल।
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सूबेदार मोडा राम बीरड़ा
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सूबेदार मोडा राम बीरड़ा
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सूबेदार मोडा राम बीरड़ा का प्रतिमा अनावरण समारोह
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सूबेदार मोडा राम बीरड़ा का प्रतिमा अनावरण समारोह
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सूबेदार मोडा राम बीरड़ा का प्रतिमा अनावरण समारोह
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सूबेदार मोडा राम बीरड़ा का प्रतिमा अनावरण समारोह
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सूबेदार मोडा राम के पुत्र सुखदेव बीरड़ा का सम्मान करते हुए लाडनूं विधायक मुकेश भाकर।
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सूबेदार मोडा राम की प्रतिमा
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सूबेदार मोडा राम की पुत्री श्रीमती गीता देवी और जँवाई बजरंग लाल सिहाग
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सूबेदार मोडा राम की पुत्री श्रीमती गीता देवी और जँवाई बजरंग लाल सिहाग
References
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