Mota Ram Bhamu
Mota Ram Bhamu, from village Bhairoopura, Dist:Sikar Rajasthan, was a Freedom Fighter who took part in Shekhawati farmers movement in Rajasthan. He was father of Ishwar Singh Bhamu,
जीवन परिचय
चौधरी ईश्वरसिंह भामू का जन्म वि.सं. 1942 (1885 ई.) की कार्तिक सुदी 2 को चौधरी मोटाराम के घर गाँव भैरूपुरा में हुआ. ईश्वरसिंह का संयुक्त परिवार था. उनके दादा भोमाराम के वंशज, जो पांच परिवारों में विभक्त हो चुके थे, एक पोली के भीतर रहते थे. इसे 'बूढली पोली' कहा जाता था. ईश्वरसिंह के एक बेटी थी जिसका नाम सुखदेवी था. प्रारंभ में ईश्वरसिंह भी उन चौधरियों में थे, जो जागीरदारों के साथ होते थे. किसान आन्दोलन शुरू होने के पश्चात् ईश्वर सिंह ठिकानेदारों की आँखों में सबसे अधिक खटकने लगे थे. [1]
पाशविकता की पराकाष्ठा
ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है .... खुड़ी काण्ड के पश्चात राज्य अधिकारियों ने जाटों पर होने वाले अन्याय की ओर से बिल्कुल आंखें मीच ली।....जाट मास्टर की दुर्दशा: गोठड़ा गांव से चलकर पलथाना गांव में दो जाटों से तमाम गांव का रुपया वसूल किया और जुर्माना लिया। गांव
[पृ.282]: के जाट मास्टर को गिरफ्तार कर लिया। पीछे इस मास्टर को फतेहपुर और लक्ष्मणगढ़ के कस्बों में घुमा कर जूते लगाए गए। इसके साथ एक मोटाराम जाट का भी यही हाल किया गया।
जाट जन सेवक
रियासती भारत के जाट जन सेवक (1949) पुस्तक में ठाकुर देशराज द्वारा चौधरी ईश्वरसिंह जी का विवरण पृष्ठ 295-297 पर प्रकाशित किया गया है । ठाकुर देशराज[3] ने लिखा है ....[पृ.295]:चौधरी ईश्वर सिंह जी - पहाड़ की चट्टान की तरह अडिग और मजबूत इरादों के चौधरी ईश्वर सिंह जी से सीकर वाटी का बच्चा-बच्चा परिचित है। संवत 1942 (1885 ई.) की कार्तिक सुदी 2 को उनका जन्म हुआ था। उनके पिता चौधरी मोटाराम जी भांबू गोत्र के जाट सरदार थे। आपका गांव सीकर ठिकाने में भैरूपुरा है।
References
- ↑ राजेन्द्र कसवा: मेरा गाँव मेरा देश वाया शेखावाटी, 2012, पृ. 151
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.281-282
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.295-297
Back to Jat Jan Sewak
Back to The Freedom Fighters