Mundahera
Mundahera (मुंडाहेड़ा) is a large village in Salhawas tahsil of Jhajjar district in Haryana. Before creation new Salhawas tahsil, it was part of Matanhail tahsil.
Location
Jat gotras
- It is a Yadav community village but there are some families of Jats also.
Population
3525 persons (according to Census-2011)
History
यहां युवाओं की रग-रग में देशसेवा का जज्बा
खेल हो या देश की रक्षा, हर क्षेत्र में आगे मुंडाहेड़ा, मेहनत के बल पर ग्रामीणों ने बनाई पहचान
- (दैनिक जागरण हिसार, दिनांक 9 सितंबर 2020)
जिला मुख्यालय (झज्जर) से करीब 22 किलोमीटर दूर बसे गांव मुंडाहेड़ा की मिट्टी कुछ खास ही है। जिक्र स्वतंत्रता संग्राम का हो या फिर किसी भी युद्ध की शहादत का। खेलों का हो या फिर किसी भी क्षेत्र में देश सेवा का। हर बार मुंडाहेड़ा का नाम शान से लिया जाता है। आज भी गांव के युवा देश का गौरव बढाने के लिए अग्रसर रहते हैं। ग्रामीणों के अनुसार यहां की मिट्टी में जन्म लेने वाले हर किसी ने अपनी मेहनत के बल पर अलग पहचान बनाई है। हर क्षेत्र में गांव के युवा आज बुलंदियां छू रहे हैं।
500 वर्ष पुराना है गांव का इतिहास : गांव मुंडाहेड़ा निवासी 101 वर्षीय हरद्वारी लाल, 99 वर्षीय बिसना राम, पूर्व सूबेदार-मेजर रोहताश ने बताया कि गांव करीब 450-500 वर्ष पहले बसा था। उस समय मुल्का नामक व्यक्ति अपने चार पुत्रों के साथ यहां पर आकर बसा था। मौजूदा समय में गांव की आबादी आठ हजार है। गांव के लोग धार्मिक प्रवृत्ति के हैं।
गांव में बाबा नथूनाथ का मंदिर, बाबा खूबीदास का मंदिर, हनुमान जी के दो मंदिर व बाबा नोंदा दास मंदिर, दो शिव मंदिर, साईं बाबा का मंदिर, बुद्धो माता का मंदिर है। सालभर में दो भंडारे लगते हैं। एक बाबा नथूनाथ का फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नौवीं तिथि को व दूसरा बाबा खूबीदास का ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को, जिसमें गांव के सभी लोग मिलकर शामिल होते हैं। 82 वर्षीय रिसाल ने बताया कि गांव में जन्म लेने वालों ने राष्ट्र निर्माण व सामाजिक उत्थान में अपना अहम योगदान दिया है।
प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर परचम लहरा चुकीं बेटियां : सेवानिवृत्त फौजी मास्टर चरणसिंह ने बताया कि गांव के युवा खेल में भी अपना हुनर दिखा रहे हैं। गांव की पांच बेटियां स्टेट व नेशनल स्तर अलग-अलग स्पर्धाओं में अपना परचम लहरा चुकी हैं। गांव की कबड्डी टीम भी अपनी अलग ही पहचान बना चुकी हैं। बास्केटबॉल टीम के कई खिलाड़ी सेना में सेवाएं दे रहे हैं।
युवाओं मे देशसेवा का जज्बा : युवाओं में सबसे अधिक देशसेवा के प्रति उत्साह देखने को मिल रहा है। फिलहाल करीब 300 लोग सेना में हैं और करीब 500 लोग सेना से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। दैनिक दिनचर्या की बात हो तो काफी युवा सड़क व नहर के किनारे योग एवं कसरत करते हुए दिखाई देंगे। पिछले वर्ष की बात करें तो गांव के 11 युवा नेवी में, 7 सेना में, 3 ग्रुप-डी में, 5 क्लर्क, एक हरियाणा पुलिस में एस.आई. के पद पर भर्ती हुए हैं।
खेल में इन्होंने लहराया परचम -
- पहलवान मनीराम - कुश्ती खिलाड़ी
- शबनम पुत्री नरेन्द्र कुमार - दिव्यांग एथलीट
- शीतल पुत्री सुखबीर सिंह - नेशनल में गोल्ड मेडल विजेता एथलीट
- अन्नू पुत्री संजय - राष्ट्रीय स्तर की एथलीट
- पूजा पुत्री सुरेन्द्र - राज्य स्तर की एथलीट
- संगीता पुत्री देवेन्द्र - हैमर थ्रो में राज्य स्तर पर गोल्ड मेडलिस्ट
गांव के स्वतन्त्रता सेनानी और शहीदों की सूची -
- कंवल सिंह पुत्र भगवत दयाल - स्वतंत्रता सेनानी
- प्रभु पुत्र भगवान सिंह - स्वतंत्रता सेनानी
- भगवान पुत्र बलदेव - स्वतंत्रता सेनानी
- नंदलाल पुत्र ताराचंद - स्वतंत्रता सेनानी
- रिछपाल पुत्र नत्थूराम - स्वतंत्रता सेनानी
- नत्थू पुत्र उदमीराम - स्वतंत्रता सेनानी
- सूरत सिंह पुत्र देशराज - शहीद
- सूबेदार महाबीर पुत्र मांगेराम - शहीद
- अजय पुत्र महेन्द्र सिंह - सी.आर.पी.एफ. में चयन होने के बाद गांव के बच्चे की जान बचाने के लिए न्यौछावर कर दी जान
ये रहे मुख्य पदों पर -
- दयाराम पुत्र प्रभु दयाल - सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर
- सुरेन्द्र पुत्र सूबेदार नेकी राम - सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर
- मनोज पुत्र अत्तर सिंह - मेजर
- विनोद पुत्र लाल सिंह - मेजर
- रामकिशन पुत्र शंकर लाल - सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर
- लालसिंह पुत्र घीसा राम - पूर्व एच.एस.एस.सी. सदस्य
- मनीष यादव पुत्र रामपाल - डी.टी.पी.ओ.
- मनोज पुत्र अतर सिंह - कैप्टन
- दिनेश पुत्र लाल सिंह - नौसेना में उच्चाधिकारी
Notable persons
External links
References
Back to Jat Villages