Payyanur
Payyannur (पय्यन्नूर) is a town and a Taluk in Kannur district of Kerala, India. The town is situated on the banks of the Perumba River.
Location
Payyanur is located 36 km North of District HQ Kannur, 506 km away from State capital Thiruvananthapuram, 301 km North of Ernakulam, 126 km North of Kozhikode, 56 km South of Kasaragod and 112 km away from Mangalore. Payyannur is located at coordinates 12.1°N 75.2°E.
Origin
Payyannur derives its name from the renowned Sri Subrahmanya Swami Temple located here. Payyan is an appellation of Lord Subrahmanya and ooru means town or place. Thus Payyannur means the land of Lord Subrahmanya. (Subrahmanya = Kartikeya)
History
Payyannur is one of several extant ancient civilized places in Kerala. The northern town of Kerala claims a rich recorded history. The archaeological remains excavated from Payyannur and nearby places prove the existence of a city in this area centuries ago.[1]
The earliest known mention of this town is in the Brahmanda Purana, when Garga Muni talks about this place to the Pandavas during their exile.[2]
Several notable travelers have described this area in their writings. Ibn Battuta visited Ezhimala in AD 1342 and wrote about the large seaport and the Chinese ships anchored here. Abul Fida in AD 1273, Marco Polo in AD 1293, the Italian explorer Niccolò de' Conti in the 15th century and the Portuguese scholar and traveler Barbosa all visited this place and gave extensive accounts of Ezhimala port, which was then known as "Heli".[3] The scholar and author Hermann Gundert and William Logan, the Malabar District Collector during the British Colonial rule, who wrote Malabar Manual, also visited Payyannur and studied the rich heritage of the area.
Centuries back, Payyannur was a part of the Ezhimala/Mushika/Kolathiri Kingdom. King Nandan was well known as a great warrior and ruler. The books written during the Sangam period describe the area and King. Ezhimala was also under the rule of the Cheras. A famous ruler there was Pazhassi Raja.
Payyannur Pattu, the ballad written by an unknown person belonging to the Chettiar community sometime during the 13th or 14th century, was set here.[4]
पय्यन्नूर परिचय
पय्यन्नूर (Payyannur) (केरल): त्रिवेन्द्रम शहर से 506 किमी की दूरी पर उत्तर दिशा में स्थित केरल राज्य के कन्नूर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह पेरुंबा नदी के तट स्थित है. पय्यन्नूर का अर्थ है 'पय्यन का नगर'. 'पय्यन' कार्तिकेय को कहते हैं जो शिव और पार्वती के पुत्र थे. यह एक प्राचीन सभ्यता का नगर है जिसका उल्लेख अनेक यात्रियों ने किया है। इब्न-बतूता 1342 ई. में ईजीमाला आए थे और एक बड़े बंदरगाह के बारे में लिखा है। Abul Fida 1273 ई. में, Marco Polo 1293 ई. में , इटली के यात्री निकोलो दे कोंटी (Niccolò de' Conti) 15 वीं सदी में, पुर्तगाली स्कॉलर और यात्री Barbosa आदि ईजीमाला ने बंदरगाह की यात्रा की और इसका विस्तृत विवरण दिया है। उस समय यह हेली (Heli) नाम से जाना जाता था। निकोलो दे कोंटी (1395-1474) एक इतालवी देशाटक और अन्वेषी था जो मध्य युग में मुस्लिम व्यापारी के वेष में इटली से लेकर भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया और संभवतः चीन तक का भ्रमण किया।
ईजीमाला परिचय
ईजीमाला (Ezhimala) (केरल): केरल राज्य के कन्नूर ज़िले में पय्यन्नूर के पास स्थित ईजीमाला पहाड़ियां और बीच कन्नूर की उत्तरी सीमा पर स्थित है। कन्नूर से 50 किलोमीटर दूर इन पहाड़ियों में दुर्लभ जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं। यहां माउंट देली लाइटहाउस भी बना हुआ है जिसकी देखभाल नौसेना द्वारा की जाती है। लाइटहाउस प्रतिबंधित क्षेत्र में है और सैलानियों को यहां जाना मना है। यहां के बीच की रेत अन्य बीचों से अलग है, साथ ही यहां का पानी अन्य स्थानों से अधिक नीला है। यहां की एट्टीकुलम खाड़ी में डॉल्फिनों को देखा जा सकता है। ईजीमाला में इंडियन नेवल अकेडमी है जहाँ इंडियन नेवल और कोस्ट गार्ड अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है।