Pira Ram Choudhary
Pira Ram Choudhary (Thori), From village Bachhraoo, Chohtan, Barmer, became martyr in Jammu-Kashmir in an avalanche on 24.11.2019 at the height of 19,000 feet in Keran Sector. He had joined the Army in 2010 and was deputed in Jammu and Kashmir.[1].
- Unit - 8 Jat Regiment
जीवन परिचय
पीरा राम जी थोरी बाड़मेर ज़िले की चौहटन विधानसभा की बाछड़ाऊ की माटी के लाल श्री पीरा राम जी थोरी के जम्मू कश्मीर में शहीद हो गए. जाट रेजीमेंट के बहादुर जवान पीराराम जाट जम्मू कश्मीर के बर्फीले इलाके में दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे. उनका पार्थिव शरीर बाड़मेर जिले के चौहटन तहसील के गाँव बाछडाऊ मे पहुंचा.
नायक पीरा राम थोरी
नायक पीरा राम थोरी
3203698Y
वीरांगना - श्रीमती वगतू देवी
यूनिट - 8 जाट रेजिमेंट
ऑपरेशन रक्षक
नायक पीरा राम का जन्म राजस्थान के बाड़मेर जिले के बाछड़ाऊ गांव में श्री वगता राम थोरी एवं श्रीमती सोनी देवी के परिवार में हुआ था। उन्होंने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सनावड़ा से 12 वीं तक शिक्षा प्राप्त की थी। वर्ष 2010 में वह भारतीय सेना की जाट रेजिमेंट में रंगरूट के रूप में भर्ती हुए थे।
प्रशिक्षण के पश्चात उन्हें 8 जाट बटालियन में सिपाही के पद पर नियुक्त किया गया था। वर्ष 2011 में उनका विवाह हुआ था। अपनी बटालियन में भिन्न-भिन्न परिचालन परिस्थितियों और स्थानों पर सेवाएं देते हुए वर्ष 2019 तक वह नायक के पद पर पदोन्नत हो गए थे।
नवंबर 2019 में नायक पीरा राम की बटालियन को कश्मीर घाटी में कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में तैनात किया गया था। उनकी बटालियन नियंत्रण रेखा (LoC) पर ऊंचाई के क्षेत्रों में तैनात थी और सीमा पर अग्रिम चौकियों का संचालन कर रही थी। अग्रिम चौकियों के संचालन के साथ-साथ, बटालियन के सैनिकों ने चौकियों के मध्य के क्षेत्र में नियमित सशस्त्र गश्त आरंभ की। गश्त का मार्ग प्रायः अति प्रतिकूल क्षेत्र और जलवायु की विषम स्थिति वाले दुर्गम क्षेत्रों से होकर जाते थे।
24 नवंबर 2019 को नायक पीरा राम नियंत्रण रेखा के निकट केरन सेक्टर में ऐसे ही एक गश्ती दल के सदस्य थे। नायक पीरा राम जब अपने साथियों के साथ निर्धारित मार्ग से गमन कर रहे थे, तो एक कठिन मार्ग पर चलते समय वह रपट कर खाई में गिर गए। उन्हें घातक आघात लगे और उन्हें तत्काल निकट की सैन्य चिकित्सा सुविधा में स्थानांतरित कर दिया गया। जहां वह अपने घातक आघातों से वीरगति को प्राप्त हो गए।
25 नवंबर 2019 की रात्रि को विमान से उनका शव बाड़मेर पहुंचा था। 26 नवंबर की प्रातः स्थानीय नागरिकों के विशाल जनसमूह की शोभायात्रा व गगनभेदी जयकारों के साथ 45 किमी दूर जालीपा कैंप से उनका शव बाछड़ाऊ गांव स्थित घर लाया गया और पूर्ण सैन्य व राजकीय सम्मान से उनका अंतिम संस्कार किया गया था।
स्रोत
चित्र गैलरी
External links
References
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