Rajod Jayal

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Note - Please click → Rajod for details of similarly named villages at other places.



Location of Rajod in Jayal in Nagaur district

Rajod (राजोद) is a large village in tehsil Jayal of Nagaur district in Rajasthan , India.

Location

PIN Code of the village is: 341023. It is situated 7km away from Jayal town and 48km away from Nagaur city. Being a large village, Rajod has its own gram panchayat. Bodind Kalan, Dhatiyad and Arsinga are some of the neighbouring villages.

History

Jat gotras

Population

  • Population of Rajod, according to Census 2001, stood at 2844 (where male population was 1447 while female population was 1397).
  • According to Census-2011 information:
With total 587 families residing, Rajod village has the population of 3505 (of which 1773 are males while 1732 are females).[1]

Notable persons

पूर्णाराम गोदरा

Poorna Ram Godara (पूर्णाराम गोदरा): आधुनिक मारवाड़ का दानवीर "श्री पूर्ण राम गोदारा"। जिनको आम जन" जगत मामा" के नाम से जानती थी।जिन्होंने शिक्षा के विकास के लिए "चार करोड़ "रुपये दान दिए व" तीन सौ बीघा "जमीन गोशाला और स्कूल को दान में दी। 20.1.2022 को उनका अकस्मात निधन मारवाड़ क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उनका त्याग पूर्ण जीवन सदैव मारवाड़ और राजस्थान की धरा को प्ररेणा देता रहेगा।

जगतमामा के नाम से विख्यात एक अजीम तरीम शख्सियत ग्राम राजोद, जायल जिला नागौर के श्री पूर्णाराम जी चौधरी का नश्वर शरीर 20.1.2022 को प्रकृति में विलीन हो गया। शिक्षा सन्त स्वामी केश्वानन्द का एक संस्करण थे जगत मामा जी ! उनके पास 300 बीघा कृषि भूमि थी जिसकी पैदावार वो अपने जूनून अनुसार विभिन्न गाँवों की स्कूलों के बच्चों पर खर्च कर देते थे। खुद अनपढ थे लैकिन ग्रामीण बच्चों में शिक्षा के प्रति जागृति और लगन बढे, प्रसार हो, इस जुनून में, उन्होंने अपनी संपूर्ण 90 साल की जिन्दगी फटी पुरानी ड्रेस में यायावरी में गुजार दी। बाद में उन्होंने अपनी संपूर्ण 300 बीघा जमीन भी गौशाला और स्कूल को दान कर दी। इतनी जमीन वाले जागिरदार होते हैं.. वो भी चाहते, तो ऐशोआराम की जिन्दगी जी सकते थे। लेकिन जनशिक्षा के प्रसार के लिये समर्पित रहे। अविवाहित रहे और हर महिला को बहिन या भाणकी कहकर पुकारते ! श्री पूर्णजी गोदारा के पास कोई अकूत खजाना तो नहीं था लेकिन एक सकारात्मक मानवीय सोच ने उनको जगतमामा बना दिया जो स्कूली बच्चों के सपनों में क्रिसमस पर उपहार देने वाले विश्व चरित्र सान्ता_क्लॉज के जिवन्त अवतार वाले शख्सियत बन गये ।

मामा कभी भी किसी भी स्कूल में बच्चों के लिये मीठी गोलियाँ, कापी, पैंसिल बरता स्लेट, पैन लेकर पहूंच जाते थे वे सभी बच्चों को भाणू /भाणेज बोलते थे और सभी बच्चे उनको मामा पूकारते थे इसलिये पूर्णजी नाम से बहुत कम लोग उन्हें जानते और सब मामा ही कहते थे। ...

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External Links

References


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