Ram Karan Mirdha
लेखक:लक्ष्मण बुरड़क, IFS (R) |
Ram Karan Mirdha (राम करण मिर्धा), from Kuchera (कुचेरा), Nagaur, was a social worker in Marwar, Rajasthan. He was a was a retired captain. [1]
जाट जन सेवक
ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है ....चौधरी श्री रामकरणजी मिर्धा रिटायर्ड कप्तान - [पृ.218]: आप कुचेरा के प्रसिद्ध मिर्धा कुल के हैं। आपके पिताजी का शुभ नाम चौधरी राम नारायण जी था जो आसपास के इलाके में बड़े प्रभावशाली थे। कप्तान साहब शुरू से ही बड़े होनहार बालक थे और आपको जाति से शुरू से ही विशेष प्रेम था और समय-समय पर अपनी कौमी सेवाएं करते ही रहते थे। सेना में आपने हमेशा जाटों का सच्चा पक्ष निर्भीकता से लिया और सेना से रिटायर होने के बाद आपको जाती सेवा के लिए काफी अवकाश व कार्यक्षेत्र मिल गया। आजकल आप श्री जाट बोर्डिंग हाउस नागौर प्रबंधकारिणी कमेटी के प्रधान तथा मारवाड़ किसान सभा के प्रसिद्ध कार्यकर्ता हैं।
आप प्रतिष्ठित जाट घराने से हैं तथा बचपन से ही साहसी व होनहार हैं। स्वजाति वह किसान वर्ग के आप आदि से हितैषी हैं। द्वितीय महायुद्ध के प्रारंभ में ही आप ने सेना की नौकरी कर ली तथा योग्यता व तीक्षण बुद्धि के कारण अल्प काल में ही लेफ्टिनेंट से कप्तान हो गए। आप का शुद्ध जाति प्रेम सराहनीय दर्जे का है तथा आपका स्वजाति अभिमान एक अनोखी चीज है। आपने जाति के लिए बड़े से बड़ा त्याग किया और कप्तान के पद को ठोकर लगा दी। आजकल आप स्वतंत्र जीवी हैं। अपना अधिकांश समय जाति सेवा के काम में लगाते हैं। आप मारवाड़ जाट सभा के अब प्रधानमंत्री हैं।
गैलरी
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Jat Jan Sewak, p.218
बाहरी कड़ियाँ
संदर्भ
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.218
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.218
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