Ram Kumar Lamba
Ram Kumar Lamba (LNK) (01.4.1965 - 03.6.1999) is a Martyrs of Kargil war from Haryana. He was from village Dewawas, tah:Tosham, dist:Bhiwani, Haryana. He became martyr in Operation Vijay on 3 June 1999. Unit-18 Grenadiers Regiment.
लांस हवलदार राम कुमार लांबा का जीवन परिचय
लांस हवलदार राम कुमार लांबा (जाट)
01 अप्रैल, 1965 - 03 जून, 1999
वीर चक्र (मरणोपरांत)
वीरांगना - श्रीमती कमला देवी
यूनिट - 18 ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट
ऑपरेशन विजय
कारगिल युद्ध 1999
लांस हवलदार रामकुमार लांबा का जन्म 01 अप्रैल, 1965 हरियाणा के भिवानी जिले के छोटे से गांव देवावास (तोसाम) में चौधरी चरण सिंह एवं माता श्रीमती धनपति देवी के परिवार में हुआ था। 01 अगस्त, 1985 को यह भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। वर्ष 1987 से दो वर्ष तक यह भारतीय शांति सेना श्रीलकां में तैनात रहे थे।
02 - 03 जून, 1999 की रात “आपरेशन विजय" के दौरान 15000 फुट की ऊँचाई पर किलाबंद चौकी में भारी हथियारों के जखीरे के साथ जमे हुए घुसपैठियों को निकालने के लिए द्रास सेक्टर में तोलोलिंग पहाड़ी क्षेत्र पर एक बटालियन स्तर का आक्रमण किया गया, जिसमें लांस हवलदार राम कुमार भी शामिल थे। यह ले. कर्नल विश्वनाथन के रेडियो ऑपरेटर थे। जब यह आक्रमणकारी दल लक्ष्य के निकट पहुँचा तो शत्रु ने भारी गोलीबारी शुरू कर दी।
ऐसे में अपनी सुरक्षा की तनिक भी परवाह नहीं करते हुए लांस हवलदार राम कुमार उस संगर के निकट पहुँच गए जिस ओर से यूनीवर्सल मशीनगन दागी जा रही थी। जैसे ही वह लक्ष्य के निकट पहुँचे, उनके कंधे व कमर पर कई गोलियां लग गईं। अपने घावों की परवाह नहीं करते हुए, लांस हवलदार राम कुमार रेंगते हुए संगर के निकट पहुंचे और संगर में एक हैंड ग्रेनेड फेंककर एक शत्रु को मार गिराया तथा अन्य दो को घायल कर दिया। तत्पश्चात आमने सामने की लड़ाई में उन्होंने अन्य दो शत्रुओं को भी ढेर कर दिया। अंततः प्राणघातक घावों के कारण वह वीरगति को प्राप्त हुए।
लांस हवलदार राम कुमार ने इस प्रकार शत्रु का सामना करने में अदम्य साहस, अद्वितीय वीरता एवं कर्तव्यपरायणता का प्रदर्शन करते हुए भारतीय सेना की उच्च परम्पराओं के अनुरूप सर्वोच्च बलिदान दिया।
चित्र गैलरी
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पुत्र नगेन्द्र सिंह लांबा प्रतिमा के साथ
स्रोत
बाहरी कड़ियाँ
संदर्भ
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