Sahyadri

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Sahyadri (सह्याद्रि पर्वत) or Western Ghats (पश्चिमी घाट पर्वत) are a mountain range that covers an area of 140,000 square kilometres in a stretch of 1,600 km parallel to the western coast of the Indian peninsula, traversing the states of Tamil Nadu, Kerala, Karnataka, Goa, Maharashtra and Gujarat. It is a UNESCO World Heritage Site. According to UNESCO, the Western Ghats are older than the Himalayas. [1]

Origin

Variants

History

In Mahabharata

Sahya (सह्य) (Mountain) in Mahabharata (VI.10.10)

Bhisma Parva, Mahabharata/Book VI Chapter 10 describes geography and provinces of Bharatavarsha. Sahya (सह्य) (Mountain) is mentioned in Mahabharata (VI.10.10).[2].....Mahendra, Malaya, Sahya, Shuktimana, Rikshavan, Vindhya, and Pariyatra,--these seven are the Kula-mountains of Bharatvarsha.

सहयाद्रि पर्वत

विजयेन्द्र कुमार माथुर [3] ने लेख किया है ...सहयाद्रि पर्वत (AS, p.945) = पश्चिमी घाट पर्वत. सहयाद्रि की गिनती पुराणों में उल्लिखित सप्तकुल पर्वतों में की गई है- 'महेन्द्रो मलयः सह्यः शुक्तिमानृक्षपर्वतः विन्ध्यश्च पारियात्रश्चसप्तैते कुलपर्वताः।'विष्णुपुराण 2, 3, 3. विष्णुपुराण 2, 3, 12 में गोदावरी, भीमरथी, कृष्णवेणा (कृष्णा) आदि को सहयाद्रि से निस्सृत माना है- [p.946]: 'गोदावरी भीमरथी कृष्णवेष्यादिकास्तथा सह्यपादोदभूताः नद्यः स्मुताः पापभयपहाः। सप्तकुल पर्वतों का परिचायक उर्पयुक्त श्लोक महाभारत भीष्मपर्व 9, 11 में भी ठीक इसी प्रकार दिया हुआ है। श्रीमद्भागवत 5, 19, 16 में सहयाद्रि की गणना अन्य भारतीय पर्वतों के साथ की गई है- 'मलयो मंगलप्रस्थोमैनाकस्त्रिकूटऋषभः कूटकः कोल्लकः सह्यो देवगिरिऋष्यमूकः।' रघुवंश 4, 52, 53 में सहयाद्रि का उल्लेख रघु की दिग्विजय यात्रा के प्रसंग में है- 'असह्य विक्रमः सह्यंदूरान्मुक्तमुदन्वता नितम्बमिय मेदिन्याः स्रस्तांशुकमलंघयत्, तस्यानीर्क विसर्पद्भिरपरान्तजयोद्यतैः रामास्रोत्सारितोऽप्यासीत्सह्यलग्न इवार्णव:।' उपरोक्त उद्धरण में सहयाद्रि का अपरान्त की विजय के संबंध में वर्णन किया गया है। श्री चि. दि. वैद्य के अनुसार सहयाद्रि का विस्तार त्र्यम्बकेश्वर (नासिक के समीप पर्वत) से मलाबार तक माना गया है। इसके दक्षिण में मलय-गिरिमाल स्थित है। 'वाल्मीकि रामायण' के युद्धकाण्ड 4, 94 में सहयाद्रि तथा मलय का उल्लेख है- 'ते सह्यं ममतिक्रम्य मलयंच महागिरिम्, आसेदुरानुपूर्व्येण समुद्रं भीमनिः-स्वनम्।'

External links

References

  1. [1]
  2. महेन्द्रो मलयः सह्यः शुक्तिमान ऋक्षवान अपि, विन्ध्यश च पारियात्रश च सप्तैते कुलपर्वताः (VI.10.10)
  3. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.945-946