Samana Hapur
Samana () is a village in Hapur district in Uttar Pradesh.
Location
Origin
History
Jat Gotras
हापुड जिले मे राजपुतो का साठाचौरासी इलाका है. यहा पर राजपुतो के काफी गाव है. पशचिम युपी मे राजपुत की तादाद 2% है पर जाट गाव यहा बहुत ज्यादा है और जाटो की संख्या यहा 18% है. यहा पर राजपुतो के इलाकै मे एक जाट जमीनदार का मंदिर है जिसके आसपास हर साल राजपुत मलंदा नाम से मेला लगाते है और उस जमीनदार को नमन करते है. आप सोच रहै होगे एसा क्या है कि वो राजपुत जो महामानव गोकुला सिह जाट को नमन नही करते वो एक मामुली जमीनदार को नमन करते है तो इसके पीछे एक घटना है. बात पुरानी है इस इलाके से एक राजपुत अपनी दुलहन की डोली लेकर जा रहा था. तभी डाकुओ ने हमला कर दिया और सारे राजपुत डर कर आसपास भाग गये बस वहा दुलहन और दुल्हा बच गये. डाकुऔ के सरदार ने कहा सारा धन हमे देदो तो दुल्हा बोला हम एक गरीब भुमिहिन राजपुत है नाकि कोई जमीनदार तो हमारे पास कोई धन नही. डाकु ने कहा दुलहन के गहने तो है और उसके गहने उतार लिये और दुलहन को साथ ले जाने लगे . राजपुत दुल्हे ने हाथ जोडे पर डाकु नही माने.
यह सब थोडी दुर अपने खेत मे काम करते एक जाट जमीनदार ने देखा और यह 6 फीट का जाट अपनी 6 फीट की जैली लेकर डाकुओ के सामने खडा हो गया. सब लुटेरों को ललकारा कि एक महाक्षतरिय जाट चौधरी के सामने एक मासुम लडकी पर जुल्म नही हो सकता है तुम इस लडकी छोड दो नही तो सबका यही काम तमाम कर दुगा. डाकु सरगना ने कहा तुम बीच मे मत आओ चौधरी हम जाटो की इज्जत करते है जो पश्चिम युपी के इतने बडे शासक है और तुमने तो मुगलो कौ भी उखाड फैका तो बीच मे मत आओ अब हम लडकी लेकर ही जायेगे.
जमीनदार जाट ने यह सुनते ही डाकुओ पर हमला कर दिया और एक डाकु वही ढेर हो गया. अपने साथी पर हमला देखकर डाकु इस जाट जमीनदार पर हमलावर हो गये. चारो तरफ से घेर लिया पर जाट को जैली चलाने मे महारथ हासिल था वो चैली को 360 डीग्री पर घुमा रहा था जिससे डाकु भी उसको चोट मारने मे सफल नही हो रहै थे पर अचानक एक डाकु ने सिर पर वार किया और दुसरे ने पीठ पर. खुन की धार सिर से निकल कर आखो मे आ रही थी पर महान जाट खुन हार मानने को तैयार नही था और खुन से लथपथ लडता रहा. डाकुओ को लगा कि इसको मारने के चक्कर मे हम ना मारे जाये क्योकि आसपास से गाव के लोग आने वाले होगे और फिर वो हमे छोडेगे नही. यह सोच कर डाकु वहा से भाग गये . इस लडाई मे लडकी को भी हलकी सी चोट लग गया था पर नेकदिल लडकी ने जाट को खेत मे से लाकर पानी पिलाया तो जमीनदार ने कहा तुम गाव भाग जाओ अब मै नही बचुगा तो अपनी मदद खुद करो. जब वो बात कर रहै थे तो अचानक दुल्हा वहा आया और दुलहन को साथ ले जाने लगा. दुलहन ने गुस्से मे पुछा तुम अबतक कहा थे तो उसने कहा मै और मेरे बराती डरकर यही आसपास छुप गये थे. लडकी ने कहा तुम मुझै छोडकर भाग गये एक अनजान जाट ने एक राजपुतानी का मान सम्मान बचाया है तुमसे अब मेरा कोई मतलब नही मै पहले इस जमीनदार जाट की जान बचाऊगी फिर अपने घर जाऊगी पर तेरे साथ नही. तुम कायर हो यह सुनकर दुल्हा वहा से गुस्से मे चला गया. काफी खुन निकलने से जमीनदार की मौत हो गया और यह मार्मिक पल देखकर देखकर सदमे मे आई भावुक लडकी ने भी अपनी जान ....
आसपास के लोग आये और जमीनदार जाट और उस लडकी का घटनास्थल पर ही अन्तिम संस्कार कर दिया. उसके कुछ दिन बाद वहा जाट जमीनदार का उनही बराती राजपुतो ने मंदिर बना दिया और कहा हमने सब अपनी आखों से इस जाट की बहादुरी देखी है. पुरी दुनिया मे कोई इसान अगर देवता है तो वो जाट है कोई धरतीपुत्र है तो वो जाट है आज से राजपुत समाज इस जमीनदार जाट देवता को अपना देव मानेगे और इनके सम्मान मे हर साल यहा मेला भरेगे और हर राजपुत परिवार मे से एक व्यक्ति इस जाटदेव को दिल से नमन करने यहा आयेगा.
तब से यह परम्परा चली आ रही है राजपुत इस जाटदेव को दुर दुर से नमन करने आते है और मन्नत मागते है कि है जाटदेव तेरा आशिर्वाद हमैशा हम पर बना रहै.
Source - Fecebook Page of Kunwar Praveer Nagil
Population
Notable Persons
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References
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