Sarkat Singh

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Raja Sarkat Singh (Chulad) was king of Shekhupura in the province of Punjab slightly northwest to Lahore in Pakistan.

राजा सरकटसिंह

ठाकुर देशराज लिखते हैं कि पंजाबी दन्तकथाओं के आधार पर ‘सेरे पंजाब’ के लेखक ने इस राजा का थोड़ा-सा वर्णन किया है। शेखूपुरा इलाके में एक मौजा ‘अम्बीका पत्ता’ नाम से प्रसिद्ध है। किसी समय में वहां एक राजा राज्य करता था। वह चौसर का बड़ा प्रसिद्ध खिलाड़ी था। उसने अनेक राजाओं के साथ चौसर खेली और वह सबसे जीता, कोई भी उसे न हरा सका। वह हारने वाले का सर काट लेता था, इसीलिए उसका नाम सरकाटसिंह व सरकट मशहूर हुआ। स्यालकोट में जिस समय राजा रसालू हुआ तो उसने इसे चौसर के खेल में जीत लिया। सरकट ने हारने के कारण रसालू से अपनी लड़की की शादी कर दी। संभव है इस दन्तकथा का अधिक सार न हो किन्तु यह अवश्य मानना पड़ेगा कि इस स्थान पर कोई सरकट नाम का छोटा मोटा राजा था।

शेखूपुरा में एक बाढ़ है। पंजाब में बाढ़ या बड़ घने जंगल को कहते हैं। शेखपुरा इलाके से यह बाढ़ आरम्भ होकर मुल्तान तक चला गया है। एक ओर गुजरांवाला तक इसका विस्तार हैं। यह बाढ़, इलाभट्टी के नाम से मशहूर है। दूसरा नाम इसका सन्दलबाड़ी है। तहसील हाफिजाबाद में पिण्डी भट्टियान नामक ग्राम है। दूलाभट्टी यहीं का रहने वाला था और इस समस्त बाढ़ के ऊपर उसका अधिकार था। सोलहवीं सदी में उसके जीवित होने का प्रमाण मिलता है। अपनी सेना के खर्च के लिए वह आस-पास के इलाकों पर आक्रमण किया करता था। शेखपुरा के तथा इस बाढ़ के आस-पास के भट्टी मुसलमान जाट इस बात को कहते


जाट इतिहास:ठाकुर देशराज,पृष्ठान्त-219


हैं कि इला राज्य सरकट के खानदान में से था। यद्यपि इसका कोई लिखित ऐतिहासिक प्रमाण नहीं मिलता है, फिर भी ‘फरीदकोट के इतिहास’ और ‘सेरे पंजाब’ में इला और उसकी बाढ़ के सम्बन्ध में कुछ वर्णन अवश्य है। जयपुर राज्य में जाटों का एक चूलड़ गोत है, उनकी वंशावली रखने वाले भाटों ने उनके पूर्वज का नाम इला एवं इडड़ भट्टी लिख रखा है। इसमें सन्देह नहीं कि इलड़ एक प्रभावशाली और अपनी बाढ़ का स्वतन्त्र शासक था।


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