Sarsop
Sarsop (सारसोप) is a village in Chauth Ka Barwara tahsil in Sawai Madhopur district in Rajasthan.
Origin
Its ancient name mentioned in Shivapurana was Sarvadwara (सर्वसर्पद्वार).
Location
It is located off the Railway station Isarda in Sawai Madhopur District.
History
जयपुर से 65 किमी दूर जयपुर-सवाई माधोपुर रेल लाईन पर स्थित छोटा रेलवे स्टेशन है ईसरदा. ईसरदा के उत्तर में एक विशाल पहाड़ी पर शिवाड़ का किला है तथा पास की छोटी पहाड़ी पर बरवाड़ा का किला है. जयपुर के अंतिम दो महाराजा ईसरदा से गोद आये थे. सवाई माधो सिंह ईसरदा में जन्मे थे. [1]
प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग 'श्री घुश्मेशवर' ईसरदा के पास शिवाड़ में अवस्थित है, जिनकी इस क्षेत्र में भारत के बारह वें ज्योतिर्लिंग के रूप में लोक मान्यता है. शिवाड़ प्राचीन काल में शिवालय नाम से जाना जाता था जिसका उल्लेख शिवपुराण में ईश्वरद्वार के नाम से है. [2]
इस क्षेत्र के चार द्वार हैं: प्रथम - पूर्वी द्वार का नाम सर्वसर्पद्वार जो आजकल सारसोप गाँव है, जहाँ भैरुंजी का आज भी है. दूसरा उत्तरी द्वार का नाम वृषभद्वार था जो अपभ्रंश होकर बहल और आजकल बहड़ हो गया है. तीसरा द्वार नाट्यशाला था जो आजकल नटवाड़ा नाम रह गया है. नटवाड़ा शिवाड़ के पश्चिम में बसा है. चौथा द्वार 'ईश्वर द्वार होने की बात है जो आजकल ईसरदा है. [3]
Jat Gotras
Notable persons
External links
References
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