Shalihundam
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Shalihundam (शालिहुंडम्) is a historically important Buddhist monument and a major tourist attraction[1]. The village is located on top of the hill on the south bank of the Vamsadhara River. It is about 9 miles from Srikakulam.
Variants
- Shalihundam शालिहुंडम् , जिला श्रीकाकुलम, आ.प्र., (AS, p.895)
- Salihundam
History
There are numerous Buddhist stupas, discovered in 1919 by Gidugu Venkata Rama Murthy. Four stupas, relic caskets, and architectural shrines were discovered during digging performed by state authorities, as well as sculptures of Buddhist deities Mareechi and Tara.[2] All of the remnants were built between the 2nd century and 12th century, reflecting the different times of Buddhism: Mahayana, Theravada and Vajrayana.
Salihundam is one of the main Buddhist excavation sites, due to its status as showing evidence that Buddhism thrived in the local area during the 2nd and 3rd centuries.
शालिहुंडम् (जिला श्रीकाकुलम, आ.प्र.)
विजयेन्द्र कुमार माथुर [3] ने लेख किया है ...शालिहुंडम (AS, p.895) : श्रीकाकुलम ज़िला, आंध्र प्रदेश का एक ग्राम। यह वंशधारा नदी के दक्षिण तट पर कलिंगपटनम् के निकट स्थित है। इस स्थान से प्रथम या द्वितीय शती ई. में निर्मित एक सुन्दर बौद्ध स्तूप के अवशेष प्राप्त हुए थे। स्तूप की खोज राममूर्ति पंतलू महोदय ने 1919 ई. में की थी। इसके पश्चात् लांगहर्स्ट ने 1920-1921 ई. में पुरातत्व विभाग की ओर से यहां नियमित उत्खनन कार्य किया। यहाँ का स्तूप भूमि तल से 400 फुट ऊचा है। इसके भीतर [p.896]: मौर्य सम्राट अशोक के काल का ब्राह्मी लिपि का एक अभिलेख मिला था। स्तूप के निकट ही नीची पहाड़ी पर बौद्ध कालीन अवशेष प्राप्त हुए है। इनमें मुख्यता महायान संप्रदाय से संबद्ध बोधिसत्व की सुंदर मूर्तिंयां हैं। इनमें 'मंजुश्री' व 'अवलोकितेश्वर' की प्रतिमाएं उल्लेखनीय हैं।