Andhra Pradesh
Andhra Pradesh (Hindi: आंध्र प्रदेश,Telugu: ఆంధ్ర ప్రదేశ్, Urdu: آندھرا پردیش) is one of the 28 states of India, situated on the southeastern coast of India. It is India's fourth largest state by area and fifth largest by population. Its capital and largest city by population is Hyderabad.
Variants
- Andhrapradesh (आंध्रप्रदेश) (AS, p.58)
Location
Rayalaseema region is located in the southern region of the state of Andhra Pradesh. The region borders the state of Tamil Nadu to the south, Karnataka to the west and Telangana to the north.[1]
Districts
It has a total of 13 districts, nine in Coastal Andhra Region and four in Rayalaseema Region.
- Anantapur
- Chittoor
- East Godavari
- Guntur
- Kadapa
- Krishna
- Kurnool
- Prakasam
- Nellore
- Srikakulam
- Visakhapatnam
- Vizianagaram
- West Godavari
History
An Andhra tribe was mentioned in the Sanskrit epics such as Aitareya Brahmana (800 BCE) and Mahabharata (400 BCE).[2] The Natya Shastra written by Bharatha (1st century BCE) also mentions the Andhra people.[3]
Megasthenes, a Greek traveller and geographer who visited the Court of Chandragupta Maurya (322–297 BCE), mentioned that the region had three fortified towns and an army of 100,000 infantry, 200 cavalry, and 1,000 elephants. Buddhist books reveal that Andhras established their huts or tents near the Godavari River at that time.[4]
Jats in Andhra Pradesh
In south, it was a big challenge for Aurangzeb (reigned 1658–1707) to win Golkunda Fort in Hyderabad. Golconde region was rich due to diamond mines. Aurangzeb was Sunni and Golkunda's Qutb Shahi dynasty was Shias who swore their loyalty to Shah of Iran. Aurangzeb was livid with Golkunda for many reasons, because they were Shia, who also employed Hindus and acted as humble vassal to Shivaji.[5] Under the direction of Aurangzeb, the city was besieged for eight months which finally surrendered in October 1687 after bribes were paid to guards. Part of Aurangzeb's army were Hindus led by Raja Man Singh, including Rajputs as well as 700 to 800 Hindu Jats from in and around Delhi. After winning Golkunda Fort, as an award and for the security of fort land jagirs were granted to these Jats for settlement in and around Hyderabad. As the time passed and dynasties changed, per capita land held by Jats decreased as the population increased, thus many decedents of jats are now small time sustenance farmers.
Today, there are around 40,000 Jats in Hyderabad from Ramdevguda to Nalagunda who still remember their history. As their colour changed with time so changed their gottars , but in genes they have Jat blood. [6]
Jat gotras in these Jat people of Andhra Pradesh are Gulia, Mathur, Khainwar, Nunwar, Jakodia, Byaare, Hatinzar, Durwasa etc.
Smt Renuka Chaudhary, Ex. Central Minister in Congress govt is Jat from this community in Andhra Pradesh. Recently with the efforts of Renuka Chaudhary, these people have been included in OBC list for Job Reservation. She is also the woman president of All India Jat Maha Sabha.[7]
Ch. Kansi Ram Durwas was the founder president of Jat Samaj Andhra Pradesh. His address: House No. 9-5-106 village - Ramdevguda, Post. - Civil Lines, Hyderabad-31. Mob: 9347950868
आंध्र प्रदेश
विजयेन्द्र कुमार माथुर[8] ने लेख किया है ...आंध्र प्रदेश (AS, p.58): दक्षिण-भारत का तेलुगुभाषी प्रदेश है. ऐतरेय ब्राह्मण, 7,18 में आंध्र, शबर, पुलिंद आदि दक्षिणात्य जातियों का उल्लेख है जो मूलत: विंध्यपर्वत की उपत्यकाओं में रहती थीं। महाभारत सभापर्व 31, 71 में आंध्रों का उल्लेख् है- पांड्यांश्च द्रविडांश्चैव सहितांश्चोण्ड्रकेरलै: आंध्रस्तालवनांश्चैव कलिंगानुष्ट्रकर्णिकान्' । वन पर्व 51,22 में आंध्रों का चोलों और द्रविड़ों के साथ उल्लेख है- 'सवंगांगान् सपौंड्रौड्रान् सचोलद्राविडान्ध्रकान्' अशोक के शिलालेख 13 में भी आंध्रों को मगध-साम्राज्य के अन्तर्गत बताया गया है। विष्णुपुराण 4,24,64 में आंध्र देश का इस प्रकार उल्लेख है।- 'कोसलान्ध्रपुंड्रताम्रलिप्त समुद्रतट पुरीं च देवरक्षितो रक्षित:'।
240 ई. पू. के लगभग आंध्रों ने दक्षिण में एक स्वतंत्र राज्य स्थापित किया था जो धीरे-धीरे भारत-प्रायद्वीप भर में विस्तृत हो गया। इन्होंने विजातीय क्षत्रपों को हरा कर गोदावरी, बरार, मालवा, काठियावाड़ और गुजरात तक आंध्र सत्ता का विकास किया।
आंध्र-नरेशों में गौतमीपुत्र शातकर्णी बहुत प्रसिद्ध हुआ जो 119 ई0 के लगभग राज करता था। आंध्र-राज्य की प्रभुसत्ता 225 ई0 के लगभग तक रही। इस समय दक्षिण भारत के समुद्रतट पर कई बड़े बंदरगाह थे जिनके द्वारा रोम-साम्राज्य [p.59]: से भारत का व्यापार चलता था।
आंध्र-देश का आंतरिक शासन-प्रबंध भी बहुत सुव्यवस्थित और लोकतंत्रीय सिद्धांतों पर आधारित था जिसका प्रमाण इस प्रदेश के अनेक अभिलेखों से मिलता है।
आंध्र प्रदेश परिचय
आंध्र प्रदेश भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित एक राज्य है। इसकी राजधानी और सबसे बड़ा शहर हैदराबाद है। भारत के सभी राज्यों में सबसे लंबा समुद्र तट गुजरात में 1600 किलोमीटर है और दूसरे स्थान पर इस राज्य का समुद्र तट 972 किलोमीटर है। तेलंगाना, आन्ध्र प्रदेश राज्य से अलग होकर बनने वाला 29वाँ नवगठित राज्य है। हैदराबाद को दस साल के लिए तेलंगाना और आन्ध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी बनाया गया है। अमरावती, आन्ध्र प्रदेश की प्रस्तवित राजधानी का नाम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उदंडरायणपालम इलाके में 22 अक्टूबर 2015 को नींव का पत्थर रखा था। गुंटूर और विजयवाड़ा का महानगरीय क्षेत्र मिला कर अमरावती महानगर क्षेत्र का निर्माण किया जायेगा।
आंध्र प्रदेश के विषय में प्रारंभिक विवरण ऐतरेय ब्राह्मण (लगभग 2000 ईसा पूर्व) में मिलता है। इसमें उल्लेख हैं कि आंध्र प्रदेश के निवासी मूल रूप से आर्य जाति के थे और उत्तर भारत में रहते थे, जहां से वे विंध्य पर्वतों के दक्षिण तक चले गए और कालान्तर में अनार्यो के साथ घुल मिल गए। इतिहासकारों के अनुसार आंध्र प्रदेश का नियमित इतिहास 236 ईसा पूर्व से मिलना शुरू होता है। 236 ईसा पूर्व में ही सम्राट अशोक का निधन हुआ था और उसके बाद के समय में सातवाहन, शक, इक्ष्वाकु, पूर्वी चालुक्य और काकतीय ने इस तेलुगु भाषी देश पर राज्य किया। इनके बाद में विजयनगर और कुतुबशाही शासकों का शासन रहा और उनके बाद मीर कमरूद्दीन के शासन में 17 वीं शताब्दी से अंग्रेज़ों ने देश के कई भागों को अपने नियंत्रण में ले लिया और मद्रास प्रांत की स्थापना कर दी।
तेलुगु शब्द का मूल रूप संस्कृत में "त्रिलिंग" है। इसका तात्पर्य आंध्र प्रदेश के श्रीशैल के मल्लिकार्जुन लिंग, कालेश्वर और द्राक्षाराम के शिवलिंग से है। इन तीनों सीमाओं से घिरा देश त्रिलिंग देश और यहाँ की भाषा त्रिलिंग (तेलुगु) कहलाई। इस शब्द का प्रयोग तेलुगु के आदि-कवि "नन्नय भट्ट" के महाभारत में मिलता है। यह शब्द त्रिनग शब्द से भी उत्पन्न हुआ माना जाता है। इसका आशय तीन बड़े बड़े पर्वतों की मध्य सीमा में व्याप्त इस प्रदेश से है। आंध्र जनता उत्तर दिशा से दक्षिण की ओर जब हटाई गई तो दक्षिणवासी होने के कारण इस प्रदेश और भाषा को "तेनुगु" नाम दिया गया।
तमिल भाषा में दक्षिण का नाम तेन है। तेनुगु नाम होने का एक और कारण भी है। तेनुगु में तेने (तेने उ शहद, अगु उ जाहो) शब्द का अर्थ है शहद। यह भाषा मधुमधुर होने के कारण तेनुगु नाम से प्रसिद्ध है। यह प्रदेश "वेगिनाम" से भी ज्ञात है। "वेगि" का अर्थ है कृष्णा, गोदावरी नदियों का मध्यदेश जो एक बार जल गया था। यह नाम भाषा के लिये व्यवहृत नहीं है।
आंध्र एक जाति का नाम है। ऋग्वेद की कथा के अनुसार ऋषि विश्वामित्र के शाप से उनके 50 पुत्र आंध्र, पुलिंद और शबर हो गए। संभवत: आंध्र जाति के लोग आर्य क्षत्रिय थे।
स्वतंत्रता के पश्चात् तेलुगु भाषी क्षेत्र को मद्रास प्रांत से अलग करके 1 अक्तूबर 1953 को नए प्रदेश का निर्माण किया गया जिसका नाम आंध्र प्रदेश रखा गया। राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 बनने के बाद हैदराबाद राज्य को आंध्र प्रदेश में मिला कर 1 नवंबर, 1956 में 'आंध्र प्रदेश' राज्य का निर्माण हुआ।
आंध्र प्रदेश के उत्तर में उड़ीसा राज्य और छत्तीसगढ़, पश्चिम में महाराष्ट्र और कर्नाटक, दक्षिण में तमिलनाडु और पूर्व में लगभग 975 किलोमीटर की तट रेखा बंगाल की खाड़ी है।
आन्ध्र प्रदेश में उत्नूर नामक स्थान पर उत्खनन के परिणामस्वरूप वहां हड़प्पा युगोत्तर संस्कृति का अभिज्ञान हुआ है।
संदर्भ: भारतकोश-आंध्र प्रदेश
Jats gotras in Andhra Pradesh
- Bidiyasar
- Byaare,
- Dara
- Durwasa
- Gulia,
- Hatinzar,
- Ishram,
- Jakodia,
- Khainwar,
- Mathur,
- Nunwar,
- Siyag,
- Solanki,
- Tada,
Jats in Andhra Pradesh
Following list of Jats is based on Jat Samaj: Agra, December 2010, pp. 82-83
- J Chetan Choudhary c/o Shivam Jewellers & Money Landers, N.H.-7 Road Raja pur, 5-97 Mandal Balanagar.
- H. Mangi Lal Tada - From village Manda Pali, Businessman, Kuppam, Dist Chitoor, AP. Ph:08570-255945[9]
- H. Mangilal Tada, C/o Sayar Bankers No. 19/183 Netaji Road, New Pet PO. Kuppam, Chittoor (A.P.), PH. 08570-255945
- J. Megharam Tada Shri Mataji Bank ERS Opp, Vijay Yani School, Netaji Road, PO. Kuppam, Chittoor (A.P.) Ph. 85570-256780
- Babulal Choudhary (Dara), H.N.29-1239, Vinayaknagar (Neredmet) Sikendrabad, Phone 011-9-040-27227926
- Dagararam Jat ( fagheria ), H.No. 29-1203, Vinayak Nagar, Neredmet, secunderabad, Telangana. TEL-04027226898.
- Om Prakash Bidiyasar, 206, Arihant Kunj, 5-1-234/20-22, Jam Bag, Sundar Bhawan, Hyderabad. Ph: -040-24617676
- Babulal Ishram, Pawan Enterprises, Door No-16-1-42, Netaji Road, Raidurg, Anantpur
- Narendra Singh Solanki, D-5/5 DAE Colony, DCIL, Hyderabad. Ph: -040-27162455, Mob: 9440249447
External links
References
- ↑ "Andhra Pradesh – end of an era". Business Standard. Hyderabad. 30 July 2013.
- ↑ http://www.aponline.gov.in/quick%20links/hist-cult/history.html
- ↑ http://teluguuniversity.ac.in/Language/prachina_telugu_note.html
- ↑ http://perseus.mpiwg-berlin.mpg.de/cgi-bin/ptext?lookup=Plin.+Nat.+6.21
- ↑ Farooqui Salma Ahmed, 2011, A Comprehensive History of Medieval India: From Twelfth to the Midieval India, Pearson Education India, page 263-4.
- ↑ Hawa Singh Sangwan: Asli Lutere Kaun, 2009, p. 82-83
- ↑ [https://economictimes.indiatimes.com/news/politics-and-nation/jats-must-unite-become-a-political-force-to-win-quota-fight-renuka-chaudhary-congress-leader/articleshow/48936122.cms?from=mdr Jats must unite, become a political force to win quota fight: Renuka Chaudhary, Congress leader Renuka Chaudhary today called upon the Jat community, agitating for reservation under the OBC category], Economic Times, 12 Septemver 2015.
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.58-59
- ↑ Jat Samaj, September 2005, p. 34