Shivo Chand Ram

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Shivo Chand Ram

Shivo Chand Ram, Veer Chakra, Naik (2836837), Subedar and Honorary Lt, (Retired), Unit: 2, Rajputana Rifles, DOB: 23.3.1926, From Kuleri, Hisar, Haryana, Father: Lekha Ram, Nomination: 23.3.1942, Award Date: 29.5.1948

नायक श्यो चंद राम

नायक श्यो चंद राम

वीर चक्र

यूनिट - 2 राजपुताना राइफल्स

भारत-पाक युद्ध 1947-48

नायक श्यो चंद राम का जन्म ब्रिटिश भारत में, 23 मार्च 1926 को संयुक्त पंजाब में (वर्तमान हरियाणा) हिसार जिले की हिसार तहसील के कुलेरी गांव में श्री लेख राम के घर में हुआ था।

23 मार्च 1942 को वह ब्रिटिश-भारतीय सेना की राजपुताना राइफल्स रेजिमेंट में रंगरूट के रूप में भर्ती हुए थे। प्रशिक्षण के पश्चात उन्हें 2 राजरिफ बटालियन में नियुक्त किया गया था। स्वतंत्रता के पश्चात 1947-48 के भारत-पाक कश्मीर युद्ध के समय वह नायक के पद पर सेवारत थे।

21 मई 1948 को, नायक श्यो चंद राम जम्मू-कश्मीर में एक विशेष स्थिति पर आगे बढ़ते एक प्रमुख सेक्शन के कमांडर थे। यह सेक्शन अति निकट से शत्रु की भारी स्वचालित गोलीबारी में घिर गया। भयानक गोलीबारी से अभीत उन्होंने अपने सैनिकों को संगठित किया और शत्रु के बंकरों पर आक्रमण करके तीन शत्रुओं को मार गिराया व अनेक को घायल कर दिया और अंत में उस स्थिति को शत्रु सैनिकों से मुक्त कर दिया।

बाद में, 29 मई 1948 को MOPPING UP ऑपरेशन के समय, भारी स्वचालित गोलीबारी में भी नायक श्यो चंद राम का सेक्शन आगे बढ़ा। उन्होंने संगीन की नोक पर अपने लक्ष्य पर अधिकार कर लिया और एक शत्रु सैनिक को मार गिराया।

इसके पश्चात तोपखाने की गोलाबारी में पुनः आगे बढ़ना आरंभ किया गया। नायक श्यो चंद राम ने 25 गज के अंतर से शत्रु की अन्य स्थिति पर आक्रमण किया जिसमें तीन शत्रु सैनिक मारे गए और एक घायल हो गया। वह आगे बढ़ते रहे और लक्ष्य से 500 गज से अधिक अंतर तक उन्होंने भागते हुए शत्रु का पीछा किया।

नायक श्यो चंद राम द्वारा प्रदर्शित किए गए साहस, कर्तव्य की उच्च भावना, आत्मविश्वास और उत्कृष्ट नेतृत्व ने उनकी प्लाटून को लक्ष्य पर अधिकार करने में सक्षम बनाया। उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया। वह मानद लेफ्टिनेंट के रूप में सक्रिय सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे।

Source - Ramesh Sharma

शिवो चंद राम की बहादुरी

21 मई 1948 को नायक शिवो चंद राम जम्मू और कश्मीर में एक स्थल पर चढ़ाई करते समय एक अग्रणी सेक्शन कमांडर थे। तभी उनकी सेक्शन बिलकुल निकट से स्वचालित हथयारों की भारी गोलाबारी के बीच आ गई।

निर्भीक होकर उन्होने अपने सैनिकों को एकत्रित किया और दुश्मन के बंकरों पर हमला बोल दिया। इसमें शत्रु के तीन सैनिक मारे गए और कई घायल हुये और अंतत उस क्षेत्र से दुश्मन का सफाया हो गया। बाद में 29 मई को बचे-खुचे दुश्मनों का सफाया करने की कार्रवाई के दौरान नायक शिवो चंद राम की सेक्शन स्वचालित हथियारों की भारी गोलाबारी के बीच बढ़ी। उन्होने संगीन के बल पर अपने लक्षय पर कब्जा कर लिया और एक शत्रु सैनिक को मार दिया। तोपखाने की घनी गोलाबारी की आड़ में चढ़ाई फिर शुरू की और 25 गज की दूरी से नायक शिवोचंद राम ने दुश्मन की एक और चौकी पर आक्रमण कर दिया। इसमें तीन शत्रु और मारे गए और एक घायल हो गया। वे आगे बढ़ते रहे और उन्होने लक्षय से परे 500 गज तक दुश्मन का पीछा किया। (Jat Gatha, 5/2017, p.25)

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References



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