Talao

From Jatland Wiki

Talao (तलाव) is a medium sized village in Jhajjar tahsil and district of Haryana.

Tourism

This village has got award on best village of Haryana by Tourism and Cultural department

Location

This village is 2-3 kms away from Jhajjar town, located at Jhajjar-Chhuchhakwas road. Neighbouring village is Gwalison.

Gotras

History

जिला मुख्यालय से लगभग चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित तलाव गांव लगभग 800 वर्ष पूर्व बसा था। तालाब से गांव का नाम तलाव पड़ा था। गांव की आबादी लगभग 5000 व मतदाता 2400 के लगभग हैं। तलाव गहलावत व कोडान गोत्र के ज्यादा लोग यहां रहते हैं। गांव में पांच आंगनबाड़ी केंद्र, एक स्कूल, एक खेल स्टेडियम, श्याम मंदिर, नौगजा पीर भी है। तलाव गांव वीरों का गांव भी है।


क्या है गांव का इतिहास

बताया जाता है कि गांव के बसने से पहले यहां पर बहुत बड़ा तालाब हुआ करता था। सबसे पहले इस तालाब के किनारे दिल्ली से आए चार भाई आकर रूके और इनमें से एक तो यहीं पर बस गया और बाकी तीनों अन्य जगह पर चले गए। इसी तालाब से लगभग एक किलोमीटर दूरी पर एक खेड़े पर फुसला गोत्र के लोग रहते थे। जहां पर पानी की कमी थी और ये फुसला गोत्र के लोग भी तालाब के किनारे आकर बस गए थे। इसी तालाब के नाम से गांव का नाम तलाव पड़ा था। बताया जाता है कि फुसला गोत्र के लोगों ने अपनी एक लड़की की शादी सोनीपत के गुहणा गांव में गहलावत गोत्र में की थी। इसके बाद लड़की व उसका पति दोनों तलाव आ गए थे। जिनके आने के बाद फुसला गोत्र के लोग यहां से चले गए थे। गांव में मुस्लिम समुदाय के लोग भी रहते थे और दंगों के बाद इनमें से कुछ परिवार ही यहां पर रह गए थे। तलाव गांव वीरों का गांव रहा है। इस गांव से 1914 से 1919 तक हुए प्रथम विश्व युद्ध में 56 लोगों ने भाग लिया था, इनमें से 6 लोग शहीद भी हुए थे। इनका स्मृतिपत्र आज भी गांव की खंडहर चौपाल में लगा हुआ है।

तलाव गांव मे देशवाल गौत्र का आगमन

कप्तान सिंह देशवाल लिखते हैं -

यह गाँव पहले से आबाद है। इस गाँव में कई गौत्र के जाट रहते हैं। यहाँ पर वीर सेनानियों को और अन्य वीरता के कारण जमीन के मुरब्बे भी मिले हुए हैं। यह गाँव पहले मुसलमानों का गाँव था जो इसे छोड़कर पाकिस्तान चले गये।

चौ० मुख्त्यार सिंह देशवाल ने बताया कि मेरे से कई पीढी पहले (27वीं पीढी) मेरे दादा जी गाँव तलाव के चौ. छाजूराम के परिवार में ब्याह रखे थे। मेरे दादाजी का कोई भी साला नहीं था। अतः हमारा परिवार गाँव दुल्हेड़ा से सन् 1300 में यहाँ गाँव तलाव में चौ. छाजूराम के हक में आकर बस गया।

विशेषताऐं -

  1. यह गाँव झज्जर शहर की पश्चिम दिशा में 2 किलोमीटर पर बसा हुआ है।
  2. चौ. छाजूराम के नाम से 20 बीघा का तालाब है।
  3. कुछ परिवार गौत्र भी बदल गये। अतः 200 बीघा जमीन दूसरी भरत में चली गई।
  4. देशवाल गौत्र के पास 600 बीघा जमीन है।
  5. सम्पन्न परिवार 30 के करीब हैं।
  6. जिस परिवार ने गौत्र को त्याग कर दूसरा गौत्र अपनाया है, इसका आगे चलकर परिणाम शुभ दिखाई नहीं दे रहा। समय आने पर कोई भी अपना नहीं होने के कारण भारी दुःख होगा।[1]

Population

Notable Persons

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External Links

References


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