Trisama
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Trisama (त्रिसामा) is a river mentioned in Shrimadbhagavata.
Origin
Variants
- Trisama River (त्रिसामा) (AS, p.419)
- Trimasa River/Trimasa (त्रिमासा)
History
त्रिसामा नदी
विजयेन्द्र कुमार माथुर[1] ने लेख किया है ...त्रिसामा नदी (AS, p.419) श्रीमद्भागवत 5, 19,18 में उल्लिखित एक नदी- 'त्रिसामा कौशिकी मंदाकिनी यमुना सरस्वती विश्वेति महानद्य:' यूनानी लेखक स्ट्राबो के उल्लेख के अनुसार, बेक्ट्रिया के यवनराज मिनेंडर (मिलिंदपनहो नामक ग्रंथ का मिलिंद जो भारत में आने के पश्चात् बौद्ध हो गया था) ने भारत पर आक्रमण करते समय झेलम और 'इसामस' नामक नदियों को पार किया था। रायचौधरी ने इसामस के त्रिसामा होने की संभावना मानी है किंतु यह अनुमान ठीक जान पड़ता। श्रीमद्भागवत के उल्लेख के अनुसार त्रिसामा कौशिकी के निकट होनी चाहिए। कौशिकी बंगाल-उड़ीसा की सीमा के निकट बहने वाली कोश्या है। विष्णु पुराण 2,3, 13 से भी त्रिसामा उड़ीसा की कोई नदी जान पड़ती है ('त्रिसामा चार्यकुल्याद्या महेन्द्रप्रभवा: स्मृता:') क्योंकि इसका उद्गम आर्यकुल्या के साथ ही महेंद्रपर्वत में माना गया है। आर्यकुल्या उड़ीसा की ऋषिकुल्या जान पड़ती है।
आर्यकुल्या
विजयेन्द्र कुमार माथुर[2] ने लेख किया है ... आर्यकुल्या नदी (AS, p.70) विष्णु पुराण 2,3,13 में वर्णित एक नदी जो महेंद्रपर्वत (उड़ीसा) से उद्भूत मानी गई है।--'त्रिसामा चार्यकुल्याद्यामहेंद्रप्रभवा: स्मृता:' आर्यकुल्या नदी पास ही बहने वाली दूसरी नदी ऋषिकुल्या से भिन्न है क्योंकि ऋषिकुल्या का उल्लेख विष्णु पुराण 2, 3, 14 में पृथक् रूप से है।