Upagiri
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Upagiri (उपगिरि) is janapada and mountain mentioned in Mahabharata and by Panini in Ashtadhyayi.
Variants
Upagiri (उपगिरि) (AS, p.98)
Origin
Mention by Panini
Upagiri (उपगिरि) is name of a Mountain mentioned by Panini in Ashtadhyayi. [1]
History
उपगिरि
विजयेन्द्र कुमार माथुर[2] ने लेख किया है ...उपगिरि (AS, p.98) प्राचीन साहित्य में हिमालय पर्वत श्रेणी के निचले श्रृंगों का सामूहिक नाम है। इसमें समुद्र तल से 6 से 8 सहस्त्र फुट ऊंची श्रेणियाँ सम्मिलित हैं। नैनीताल, शिमला, मसूरी आदि इसी के अंतर्गत हैं। सर्वोच्च शिखरों को अंतर्गिरी का अभिधान दिया गया था। उपगिरि को पाली साहित्य में 'चुल्ल' (लघु) हिमवंत कहा गया है। अंग्रेज़ी में उपगिरि को 'लेसर हिमालयाज' कहते हैं, जो चुल्लहिमवन्त का अनुवाद है।
महाभारत में उपगिरि का उल्लेख इस प्रकार है- 'अन्तर्गिरि च कौन्तेयस्तथैव च बहिर्गिरिम्, तथैवोपगिरिं चैव विजिग्ये-पुरुषर्षभ'।[3] अर्थात् अर्जुन ने अपनी दिग्विजय-यात्रा में, अंतर्गिरि, बहिर्गिरि और उपगिरि नामक प्रदेशों को विजित किया। बहिर्गिरि तराई प्रदेश की पहाड़ियों का नाम था।
In Mahabharata
Upagiri (उपगिरि) (II.24.2)
Sabha Parva, Mahabharata/Book II Chapter 24 mentions the countries subjugated by Arjuna that lay to the North. Upargiri is listed in verse (II.24.2). [4]
External links
References
- ↑ V. S. Agrawala: India as Known to Panini, 1953, p.39
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.98
- ↑ सभा पर्व महाभारत 27, 3
- ↑ अन्तर गिरिं च कौन्तेयस तदैव च बहिर्गिरिम, तदॊपरि गिरिं चैव विजिग्ये पुरुषर्षभः (II.24.2)
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