Ved Bina
क्या नारी ओर क्या नर में
इस भूमण्डल के घर घर में
हो रही बुराई वेद बिना
पिता ओर पुत्र में है तकरार
पति पत्नी का रह्ता ना प्यार
होय सगाई वेद बिना
अन मिलती शादी होती
रोती ऋषियों की पोती
रांड लुगाई वेद बिना
गऊऎं मरती बेशुमार
खेती करना है दुशवार
हुए कसाई वेद बिना
अमरीका जर्मन जापान
फ़्रांस रुस ओर इंग्लिस्तान
करे लङाई वेद बिना
ब्राहमण हो रहे पाखण्डी
पापों की लगा रहे मण्डी
हुए अन्यायी वेद बिना
क्षत्री अब चूहों से डरते
व्यभिचार करते फ़िरते
आई कायरताई वेद बिना
कह दो कांग्रेस भाईयों को
मुसलमान ईसाईयों को
नहीं मिलेगी पाई वेद बिना
फ़र्ज करो मिल गया स्वराज
पृथ्वीसिंह का यह अन्दाज
होय सफ़ाई वेद बिना
Digital text (Wiki version) of the printed book prepared by - Vijay Singh विजय सिंह |
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