Yavanapura
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Yavanapura (यवनपुर) is an ancient place mentioned in Mahabharata with reference to Sahadeva's conquests. It has been identified with Alexandria Egypt.[1]
Origin
Yavanapura (यवनपुर) means the city of Yavanas i.e. Greeks.
Variants
- Yavanapura (यवनपुर) (AS, p.770)
- Alexandria Egypt (एलेग्जेंड्रिया मिस्र)
History
यवनपुर
विजयेन्द्र कुमार माथुर[2] ने लेख किया है ...1. यवनपुर (AS, p.770) = Jainpur (जौनपुर)
2. यवनपुर (AS, p.770) = एलेग्जेंड्रिया: नामक एक प्राचीन स्थान का उल्लेख महाभारत, सभापर्व 31, 72 में हुआ है- 'अंताखी चैव रोमां च यवनानांपुरं तथा, दूतैरैव वशे चक्रे करं चैनानदापयत्।' पाण्डव सहदेव ने यवनों (ग्रीक लोगों) के यवनपुर नामक नगर को अपनी दिग्विजय यात्रा में विजित करके वहां से कर ग्रहण किया था। यवनपुर का अभिज्ञान मिस्र के प्राचीन नगर 'एलेग्जेंड्रिया' से किया गया है। (अंताखी=ऐंटिओकस, रोमा=रोम). इस श्लोक के पाठांतर के लिए देखें अंताखी)
अंताखी
विजयेन्द्र कुमार माथुर[3] ने लेख किया है ...अंताखी (AS, p.4) सिरिया या शाम देश में स्थित ऐंटिओकस नामक स्थान का प्राचीन संस्कृत रूप जिसका उल्लेख महाभारत में है-'अंताखी चैव रोमां च यवनानां पुरं तथा, द्तैरेव वशंचक्रे करं चैनानदापयत्' सभा0 31,72; अर्थात् सहदेव ने अपनी दिग्विजय-यात्रा में अंताखी, रोम और यवनपुर के शासकों को केवल दूत भेज कर ही वश में कर लिया और उन पर कर लगाया। (टि. इस श्लोक का पाठांतर- 'अटवीं च पुरीं रम्यां यवनानां पुरंतथा' है)
In Mahabharata
Yavanapura (यवनपुर) in Mahabharata (II.28.49)
Sabha Parva, Mahabharata/Book II Chapter 28 mentions Sahadeva's march towards south: kings and tribes defeated. Yavanapura (यवनपुर) is mentioned in Mahabharata (II.28.49).[4]Sahadeva brought under his subjection and exacted tributes from rulers of Antakhi, Roma and Yavanapura cities by sending messengers.
External links
References
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.770
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.770
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.4-5
- ↑ अन्ताखीं चैव रॊमां च यवनानां पुरं तदा, दूतैर एव वशे चक्रे करं चैनान अथापयत (II.28.49)