Harji Ram Godara: Difference between revisions
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Harji Ram Godara worked for Jat School | Harji Ram Godara worked for [[Jat School Sangaria]] from 1920 to 1972. | ||
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[[ठाकुर देशराज]]<ref>[[Thakur Deshraj]]: [[Bikaneriy Jagriti Ke Agradoot]] – [[Chaudhari Harish Chandra Nain]], 1964, p.324-325 </ref> ने लिखा है...[p.324]: [[Harji Ram Godara|चौधरी हरजीराम गोदारा]] – बीकानेर के '''[[Gopalyan|गोपलाण]]''' गाँव तहसील [[Lunkaransar|लूणकरणसर]] से देवाज़ और खिराज दो भाई इधर आए थे। देवाज़ निस्संतान गुजर गए। '''खिराज''' के 1838 में एक पुत्र '''शेराजी''' हुये। शेराजी के पुत्र हुये '''नानकजी'''। इनके तीन पुत्र – 1. [[सरदाराराम]], 2. नारायण, 3. [[Harji Ram Godara|हरजीराम जी]] हुये। सरदाराराम जी का स्वर्गवास 32 वर्ष की उम्र में हो गया। उनकी मृत्यु के2-3 महीने बाद हेतरामजी उत्पन्न हुये। नारायनराम जी की 27 वर्ष की उम्र में गाड़ी के नीचे दबने से मृत्यु हो गई। उनके पुत्र सूरजाराम जी हुये। | |||
[[Harji Ram Godara|हरजीराम जी]] के भाई से प्रेम होने का सर्वोत्कृष्ट उदाहरण यह है कि अपने भाई नारायण राम के फिरोजपुर में गाड़ी से दब कर मरने पर उनकी चिता में ही जलकर मरने को तैयार हो गए थे। यह घटना 52 वर्ष | |||
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[p.325] पुरानी है उस समय [[Harji Ram Godara|हरजीराम जी]] की उम्र 20-22 साल की थी। सूरजाराम की मृत्यु 52 साल की उम्र में गतवर्ष हुई। 5-6 पीढ़ियों से इनके यहाँ 50 वर्ष से अधिक आयु किसी ने नहीं पकड़ी। केवल हरजी राम जी 74 वर्ष पकड़े हैं और अभी अच्छा स्वास्थ्य है। | |||
1918-19 में इन्होने अपने नाम की मंडी की स्थापना की। | |||
हरजी राम का जन्म संवत '''1946''' में चैत्र मास में हुआ था। आपकी शादी [[Barekan|बारेकां]] के चौधरी पदमाराम जी की पुत्री किस्तूरी के साथ हुआ। 5वीं तक उर्दू पढ़ी, हिन्दी घर पर ही सीखी। आपके तीन लड़के हैं – 1 बलवंत सिंह, 2 जसवंत सिंह और 3 धर्मवीर। .................. | |||
वर्ष 1918 में आप [[आर्य समाजी]] बने और तभी से [[Sangaria|संगरिया]] स्कूल से जुड़े। [[जाट महासभा]] में रुचि ली। संगरिया स्कूल में 15000 रुपये दिये। '''अबोहर साहित्य सदन''' को भी आपने सहायता दी। आर्य समाज [[Malot|मलोट]] को भी पूर्ण योगदान किया। एक मकान कन्या पाठशाला को दे रखा है। | |||
जाटों में वैवाहिक कुरीतियों को मिटाने में बड़ा प्रयत्न किया। जो भी नियन 45 वर्ष पूर्व (1920) बनाए गए उनका आपने पालन किया। अपनी धर्मपत्नी की मृत्यु पर आपने औसर नहीं किया। आपने तंबाकू पीना छोड़ दिया। आज आपकी एक सम्पन्न व्यक्ति के रूप में पहिचान है वहाँ एक आदर्श व्यक्ति के रूप में भी है। | |||
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Latest revision as of 11:28, 27 October 2017

Harji Ram Godara from village Malout (Muktsar), was a leading Freedom fighter who took part in Shekhawati farmers movement in Punjab.
Harji Ram Godara worked for Jat School Sangaria from 1920 to 1972.
जीवन परिचय
ठाकुर देशराज[1] ने लिखा है...[p.324]: चौधरी हरजीराम गोदारा – बीकानेर के गोपलाण गाँव तहसील लूणकरणसर से देवाज़ और खिराज दो भाई इधर आए थे। देवाज़ निस्संतान गुजर गए। खिराज के 1838 में एक पुत्र शेराजी हुये। शेराजी के पुत्र हुये नानकजी। इनके तीन पुत्र – 1. सरदाराराम, 2. नारायण, 3. हरजीराम जी हुये। सरदाराराम जी का स्वर्गवास 32 वर्ष की उम्र में हो गया। उनकी मृत्यु के2-3 महीने बाद हेतरामजी उत्पन्न हुये। नारायनराम जी की 27 वर्ष की उम्र में गाड़ी के नीचे दबने से मृत्यु हो गई। उनके पुत्र सूरजाराम जी हुये।
हरजीराम जी के भाई से प्रेम होने का सर्वोत्कृष्ट उदाहरण यह है कि अपने भाई नारायण राम के फिरोजपुर में गाड़ी से दब कर मरने पर उनकी चिता में ही जलकर मरने को तैयार हो गए थे। यह घटना 52 वर्ष
[p.325] पुरानी है उस समय हरजीराम जी की उम्र 20-22 साल की थी। सूरजाराम की मृत्यु 52 साल की उम्र में गतवर्ष हुई। 5-6 पीढ़ियों से इनके यहाँ 50 वर्ष से अधिक आयु किसी ने नहीं पकड़ी। केवल हरजी राम जी 74 वर्ष पकड़े हैं और अभी अच्छा स्वास्थ्य है।
1918-19 में इन्होने अपने नाम की मंडी की स्थापना की।
हरजी राम का जन्म संवत 1946 में चैत्र मास में हुआ था। आपकी शादी बारेकां के चौधरी पदमाराम जी की पुत्री किस्तूरी के साथ हुआ। 5वीं तक उर्दू पढ़ी, हिन्दी घर पर ही सीखी। आपके तीन लड़के हैं – 1 बलवंत सिंह, 2 जसवंत सिंह और 3 धर्मवीर। ..................
वर्ष 1918 में आप आर्य समाजी बने और तभी से संगरिया स्कूल से जुड़े। जाट महासभा में रुचि ली। संगरिया स्कूल में 15000 रुपये दिये। अबोहर साहित्य सदन को भी आपने सहायता दी। आर्य समाज मलोट को भी पूर्ण योगदान किया। एक मकान कन्या पाठशाला को दे रखा है।
जाटों में वैवाहिक कुरीतियों को मिटाने में बड़ा प्रयत्न किया। जो भी नियन 45 वर्ष पूर्व (1920) बनाए गए उनका आपने पालन किया। अपनी धर्मपत्नी की मृत्यु पर आपने औसर नहीं किया। आपने तंबाकू पीना छोड़ दिया। आज आपकी एक सम्पन्न व्यक्ति के रूप में पहिचान है वहाँ एक आदर्श व्यक्ति के रूप में भी है।
Gallery
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Harji Ram Godara
References
- ↑ Thakur Deshraj: Bikaneriy Jagriti Ke Agradoot – Chaudhari Harish Chandra Nain, 1964, p.324-325
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