Ajay Singh Chaudhary
Shahid Ajay Singh Chaudhary (25.7.1992-14.06.2016) was from village Dhigal, tahsil Mukundgarh, district Jhunjhunu in Rajasthan. He became Martyr of Militancy at Kupwara on 14.06.2016 in Jammu and Kashmir. Unit: Signal Regiment 56 RR.
अजयसिंह चौधरी आतंकियों से लोहा लेते शहीद
संदर्भ - Bhaskar News Network Jun 16, 2016
ढिगाल का लाडला अजयसिंह चौधरी आतंकियों से लोहा लेते शहीद हो गए। जानकारी के मुताबिक सिगनल रेजीमेंट 56 आरआर में तैनात अजयसिंह चौधरी मंगलवार रात राजौरी के मछल सेक्टर कुपवाड़ा में तैनात थे। वे मंगलवार रात शहीद हो गए। गुरुवार को पार्थिव देह गांव पहुंचने पर राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि होगी। महीनेभर पहले ही आये थे गांव।
बुधवार को शहीद के घर पर सन्नाटा था। परिवार के कुछ लोग घर के बाहर खड़े थे। परिवार के रिश्तेदार मौजिज लोगों के अलावा महिलाओं को अजयसिंह चौधरी के शहीद होने की सूचना नहीं दी गई। बड़े बुजुर्ग स्थिति को संभाले थे। परिजनों से मिली जानकारी के मुताबिक अजय चौधरी करीब पांच साल पहले सेना में भर्ती हुए थे। महीने भर पहले बीस दिन की छुट्टी पर आये अजय ने जुलाई - अगस्त में वापस आने की बात कही थी।
तीन भाई- बहनों में अजय दूसरे नंबर के थे। छोटा भाई अंकित बीएससी फाइनल में है। परिवार में शहीद के पिता रघुवीरसिंह सरकारी स्कूल में अध्यापक हैं, वहीं माता विमलादेवी, वीरांगना मीना गृहिणी है। शहीद के नौ महीने का पुत्र तनिक है।
शहीद अजय सिंह चौधरी का का जीवन परिचय
भारत में शेखावाटी का नाम गर्व से लिया जाता है। ऐसे ही जज्बा धारी शेखावाटी के सपूत, किसान पुत्र,सेना मेडल से सम्मानित शहीद अजय सिंह चौधरी का जन्म 25 जुलाई 1992 को झुंझुनू सीकर मार्ग पर स्थित ढिगाल गांव में रघुवीर सिंह के घर माता विमला देवी की कोख से हुआ था। तीन भाई बहनों में अजय सिंह दूसरे नंबर पर था। बड़ी बहन अनीता तथा छोटा भाई अंकित है। अजय सिंह के पिताजी राजस्थान सरकार के अधीन शिक्षा विभाग में अध्यापक के पद पर कार्यरत है।
शिक्षा: प्राथमिक शिक्षा अपने पिताजी के साथ भीलवाड़ा से प्राप्त करने के बाद अजय सिंह ने माध्यमिक शिक्षा ढीगाल से तथा 12वीं कक्षा झुंझुनू से पास की। अजय सिंह विज्ञान वर्ग का विद्यार्थी होने के उपरांत भी सेना में सेवाएं देने का निश्चय किया। ” होनहार बिरवान के होत चिकने पात” उक्त कहावत को चरितार्थ करते हुए अजय सिंह ने अपने प्रथम प्रयास में ही सेना में आर्मी टेक्निकल के पद पर स्थान पक्का किया। शादी: शहीद अजय सिंह की शादी सोना सर गांव में राम प्रताप जी महला की बेटी मीना के संग 25 दिसंबर 2013 को हुई थी। शहीद के 5 वर्ष का एक लड़का है। देश सेवा: अजय सिंह सिंगल रेजीमेंट 56 राष्ट्रीय राइफल में जम्मू कश्मीर के राजोरी के मछल सेक्टर में तैनात थे। 2 अगस्त 2010 को आर्मी टेक्निकल कोर में बीकानेर रैली में भर्ती होने के बाद 18 महीने जबलपुर में ट्रेनिंग की तथा प्रथम पोस्टिंग रांची में मिली।खुद की जान बचे ना बचे, साथी की बचनी चाहिए। पर सेवा का मौका दो मां, तेरी कुख तरनी चाहिए। शहीद अजय सिंह जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में तैनात थे। अजय सिंह ने अपने एक साथी की जान बचाई लेकिन खुद की नहीं बचा पाया। शहीद होने से पहले अजय सिंह ने दो आतं’कवा’दियों को मौत के घाट उतारा। उसकी इस बहादुरी के कारण ही सेना के दो जवान बच गए। इस प्रकार कुपवाड़ा इलाके में हुए आतंकी हमले में 14 जून 2016 को शेखावाटी का यह लाल शहीद हो गया।
Ref - https://www.facebook.com/jasaraj.dhatarwal.98/posts/115409147418911
शहीद को सम्मान
बाहरी कड़ियाँ
गैलरी
स्रोत
संदर्भ
Back to The Martyrs