Amarjeet Singh Bal

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Brigadier Amarjeet Singh Bal, MVC , 17 Horse

Amarjeet Singh Bal (Brigadier) (06.06.1940 - 06.11.2010) was awarded Mahavir Chakra for his act of bravery during Indo-Pal War-1971. He died on 06.11.2010.

Unit - 17 Horse

मेजर अमरजीत सिंह बल

मेजर अमरजीत सिंह बल

06-06-1940 - 06-11-2010

महावीर चक्र

यूनिट - 17 हॉर्स (पूना हॉर्स)

बसंतर का युद्ध

ऑपरेशन कैक्टस लिली

भारत-पाक युद्ध 1971

मेजर अमरजीत सिंह का जन्म 6 जून 1940 को हुआ था। वह लॉरेंस स्कूल सनावर के पूर्व छात्र थे। उन्हें भारतीय सेना के आर्मर्ड कॉर्प्स की 17 हॉर्स रेजिमेंट में सैकिंड लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन प्राप्त हुआ था। वर्ष 1971 तक वह मेजर के पद पर पदोन्नत हो गए थे। वर्ष 1971 में 18 हॉर्स रेजिमेंट की कमान लेफ्टिनेंट कर्नल हनूत सिंह राठौड़ संभाल रहे थे। मेजर अमरजीत सिंह 'B' स्क्वॉड्रन की कमान संभाल रहे थे।

3 दिसंबर, 1971 को जैसे ही पाकिस्तान के साथ युद्ध आरंभ हुआ, 17 हॉर्स के सेंचुरियन टैंकों का पश्चिमी युद्धस्थल पर आव्हान किया गया। 47 इंफेंट्री ब्रिगेड और 17 हॉर्स ने अंतरराष्ट्रीय सीमा में प्रवेश कर बसंतर नदी को लांघ लिया। 15 दिसंबर 1971 को पाकिस्तानी पैटन टैकों ने प्रचंड पलटवार किया , उस समय तक उन्होंने एक BRIDGEHEAD स्थापित कर लिया था।

इस पलटवार में शत्रु की 13 लांसर्स के 50 टन के पैटन टैंक सम्मिलित थे। जारपाल में स्थित जिस 'B' स्क्वॉड्रन, की कमान मेजर अमरजीत सिंह संभाल रहे थे, उस पर पाकिस्तानियों ने सर्वप्रथम आक्रमण किया था। यद्यपि, मेजर अमरजीत सिंह और उनके टैंकों ने शत्रु के आ रहे पैटन टैंकों को कड़ा प्रत्युत्तर दिया, किंतु पाकिस्तानी टैंक संख्या में अति अधिक थे। अतः मेजर बल ने 'A' स्क्वॉड्रन से सुदृढीकरण देने का आव्हान किया।

मेजर अमरजीत सिंह के टैंकों को 47 इंफेंट्री ब्रिगेड के सैनिकों का समर्थन प्राप्त था। टैंक और इंफेंट्री बटालियनें एक साथ मिलकर निरंतर पाकिस्तानी आक्रमणों को विफल कर रहे थे। युद्ध में पाकिस्तानी सेना द्वारा 'A' स्क्वॉड्रन और 'B' स्क्वॉड्रन को विभाजित किया गया था, तो भी, 'A' स्क्वॉड्रन उन्हें समर्थन देने पहुंच गया। जो पाकिस्तानी टैंक उनकी ओर बढ़ रहे थे, उन्हें मेजर अमरजीत सिंह बल और उनके टैंक नष्ट करते रहे।

15/16 दिसंबर इन दो दिन में मेजर अमरजीत सिंह के स्क्वॉड्रन ने कुल 27 पाकिस्तानी पैटन टैंकों को नष्ट कर दिया था। मेजर बल को उनके वीरतापूर्णऔर उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। आगे चलकर वह ब्रिगेडियर के पद पर पदोन्नत हुए थे।

6 नवंबर 2010 को उनका निधन हुआ था।

Source

External links

References



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