Ambalatthika
Author: Laxman Burdak IFS (R) |
Ambalatthika (अंबलट्ठिका) was an ancient Buddhist place situated near Rajgir on Rajgir-Nalanda road in Bihar. Buddha is said to have stayed there.
Origin
Variants
- Ambalatthika (अंबलट्ठिका) दे. Ambavana (अंबवन) (AS, p.6)
- Ambalatthika (Mahavansa/Chapter 27)
- Ambavana (अंबवन) (AS, p.6)
History
In Mahavansa
Mahavansa/Chapter 27 mentions the Consecrating of the Lohapasada by King Dutthagamani.....In the middle of the (building) was the beautiful Ambalatthika-pasada, visible from every side, bright with pennons hung out....
अंबलट्ठिका- अंबवन
विजयेन्द्र कुमार माथुर[1] ने लेख किया है ...अंबलट्ठिका/अंबवन (AS, p.6) राजगृह-नालंदा मार्ग पर राजगृह के निकट एक आम्रोद्यान है. दीघनिकाय, 1,47,49 के अनुसार गौतमबुद्ध यहाँ कुछ समय के लिए ठहरे थे. यह उद्यान राजवैद्य जीवक का था.
अंबलट्ठिका-अंबवन परिचय
राजगृह और नालन्दा के बीच स्थित एक प्रसिद्ध नयनाभिराम, रमणीय और सुन्दर तपोवन जैसा आम्रवन है। 'ब्रह्मजालसुत्त' में महात्मा बुद्ध का इस आम्र तपोवन के 'राजागारक' (राजकीय अतिथि भवन) में आगमन का उल्लेख है। यह एक अत्यन्त ध्यान योग्य, शान्त-एकान्त आम्रकुंज था, जो भगवान को भी प्रिय था और आयुष्मान राहुल ने ध्यान के लिए इसे चुना था। बौद्ध श्रमण अक्सर यहाँ ध्यान-तपस्या के लिए आते रहते थे। इस आम्रवन में स्थित तपोभूमि के भवन का निर्माण राजा बिम्बिसार ने करावाया था। यह 'पधान घर संखेप'[2] के रूप में बौद्ध श्रमणों में विख्यात था। अंबलट्ठिका में भगवान ने राहुल को उपदेश दिया था, जिसका मज्झिम निकाय के अंबलट्ठिका राहुलोवाद सुतंत्र में वर्णन मिलता है। अंबलट्ठिका में निवास-विश्राम के पश्चात् भगवान नालन्दा गए थे। यहाँ उनकी अन्तिम काल में उपस्थिति दर्शाई गई है। नालन्दा से भगवान कुसिनारा (वर्तमान कुशीनगर) गए और मोक्ष को प्राप्त हुए। (बु.भा.भू. : भ.सिं,उपा., पृष्ठ 215)
संदर्भ: भारतकोश-अंबलट्ठिका