Amrit Kalash/Bhavodgar
स्वतंत्रता सेनानी प्रसिद्ध कवि एवं समाज सुधारक - चौ. धर्मपाल सिंह भालोठिया - अमृत कलश (भजनावली),
लेखक - सुरेंद्र सिंह भालोठिया और डॉ स्नेहलता सिंह, बाबा पब्लिकेशन, जयपुर
एक कर्म योगी, स्वतंत्रता सेनानी, भजनोपदेशक और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ निरन्तर संघर्ष करने वाला एक महान समाज सुधारक, यही सारा वर्णन महाशय धर्मपाल सिंह भालोठिया के जीवन पर्यन्त सफर का परिचय है ।
जहाँ एक तरफ युवावस्था में उन्होंने अंग्रेजो के खिलाफ आजादी की लड़ाई में अपने आप को झोंक दिया वहीं आजादी के मिलने के बाद समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ अपना जंग जारी रखा । जिस तरह पहले अपने क्रांतिकारी भजनों से देशवासियों को अंग्रेजों की खिलाफत के लिए झकझोरा था उसी तरह स्वतंत्रता प्राप्त होने के उपरान्त अपने जोशीले गानों से समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ शंखनाद कर फिर एक लंबे संघर्ष की शुरुआत की | मैं समझता हूँ कि आज भी समाज में फैली इन बुराइयों का निवारण ही उस महान आत्मा को एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी ।
- “ एक रोज दुनिया से नाता तोड़ के जाना होगा ।
- धर्मपाल सिंह तेरी जगह किसी और का गाना होगा ।’’
एक भजन की यह अंतिम दो लाइन याद कर आज भी मेरी आँखे नम हो जाती हैं । देवतुल्य मेरे पिताजी आज हमारे बीच नहीं हैं परन्तु अपने सैकड़ों भजनों और कथाओं के जरिए जहां एक तरफ वह हमारे प्रेरणा स्रोत हैं वहीं समाज और देश के इतिहास में सदा अमर रहेंगे ।
सेना मेडल, विशिष्ट सेना मेडल
सुशांत सिटी, जयपुर