Badu Sarai
Badusarai (बडूसराय), is a village in South West Delhi. Pincode of Badusarai is 110071.
History
बाहरी दिल्ली के नजफगढ़ क्षेत्र में थाना छावला के एरिया में है गांव बडूसराय । जो नजफगढ़ से मात्र दस कि.मी. दूर है । सन् १७१६ ई. में गांव चरखी, जिला भिवानी, हरियाणा से आए चौधरी हरनन्द सांगवान ने इस विरान पडे क्षेत्र को आबाद किया । परमहंस सांगवान गांव बडूसराय में चौधरी हरनन्द सांगवान की २१वीं पीढ़ी से है । (इनकी इक्कीस पीढ़ियां है – हरनन्द से फतेहचंद, फतेहचंद से मानसिंह, मानसिंह से सहजराम, सहजराम से सदासुख, सदासुख से सीताराम, सीताराम से दरबारीमल, हजारीमल व गुलजारीमल, दरबारीमल से सोहनलाल, सोहनलाल से रामबख्श व रुपराम, रामबख्श से लालजीमल व भूरा, लालजीमल से मामन सिंह, मामन सिंह से सुखदेव, सुखदेव से गोवरधन, गोवरधन से जीसुख व हरसुख, हरसुख से मोहन, तीरखा व गुलाब, गुलाब से सादीराम, मेहरचन्द, नन्दलाल व हरनाम, तीरखा से बसती व बुधराम, नन्दलाल से शिवसहाय, मोहन से अमीचंद, अमीचंद से जवाहरसिंह, कुडे व भगता, भगता से तेजराम, श्रीराम व भरतु, भरतु से रणसिंह व नारायण, श्रीराम से रघुनाथसिंह, रणसिंह से सुरेश, राजेश, हवासिंह, हरीश, राकेश व सतपाल, रघुनाथसिंह से बीरसिंह, जगेश, उमेद, हरबीर, रोहताश व राजसिंह, जवाहरसिंह से नेकीराम, बदलुराम व जीतराम, नेकीराम से रामहेर, बदलुराम से सुबेसिंह, सुरजभान, ईश्वर, धरमसिंह, जिलेसिंह व ब्रहमप्रकाश, सुबेसिंह से बलजीत, अजीत व सुरेन्द्र, सुरजभान से इंद्रजीत व विजय, ईश्वर से समुन्द्र व देविन्द्र, जिलेसिंह से अमरसिंह, धरमसिंह से रविन्द्र व परविन्द्र, ब्रहमप्रकाश से नरेन्द्र, जीतराम से रामकला, सरदारे, चन्दराम व मेहरसिंह, सरदारे से अभयराज, कृष्ण, राजरुप व औमप्रकाश, चन्दराम से सुभाष, जगदीश, जयभगवान व श्रीभगवान, मेहरसिंह से राजपाल व राजेश सांगवान, राजेश सांगवान से परमहंस सांगवान) । अब गांव की आबादी दस हजार के लगभग है । गांव में पांचवी तक का सरकारी स्कूल, एक प्राइवेट स्कूल जिज्ञासा, तीन चौपाल, एक दादा सैयद पुजा स्थल, एक पंचायतघर, तीन तालाब, एक कम्युनिटी सेंटर व तीन मंदिर है । गांव के पहले प्रधान चौधरी जीतराम सांगवान थे व आखरी बार प्रधान बने चौधरी अतरसिंह सांगवान ।
गांव की आबादी बढाने में सांगवान परिवार का बहुत बड़ा सहयोग है । चौधरी रामबख्श सांगवान की ९वीं पीढ़ी (रामबख्श से भूरा, भूरा से लालसिंह, लालसिंह से बोहडु, बोहडु से पदार्थ, पदार्थ से भानीदास, भानीदास से पेमा, पेमा से जगरुप व धन्ना, धन्ना से फतेहसिंह व सीताराम, फतेहसिंह से महाराम, जगरुप से मोजी, हरिसिंह व जोरा, मोजी से रतीराम, रतीराम से अमरसिंह व बहादुरसिंह) में रतीराम सांगवान के पुत्र बहादुर सांगवान जिसकी शादी हरियाणा के माजरी गांव में कुहाड़ गौत्र मे हुई थी । इसकी कोई संतान नहीं होने के कारण बहादुर सांगवान सन् १८८६ ई. मे अपने साले चौधरी परसुराम कुहाड़ के दो लड़कों मुखराम व नेतराम को इस शर्त पर गोद लिया की तुम्हे अपना गौत्र कुहाड़ से बदलकर सांगवान रखना होगा । उन्होने इस शर्त को स्वीकार कर लिया. मुखराम से कन्हैया, कन्हैया से श्रीराम, श्रीराम से मांगेराम, मुख्तयार, व औमप्रकाश तीन पुत्र हुए । नेतराम से फुलू, फुलू से पल्टू, पल्टू से अतरसिंह, जगदीश, जागेराम, सतीस व सुशील है. फुलू ने भणंगपुर (बल्ल्भगढ़) निवासी जसराम रावत के पुत्र रामप्रसाद को अपनी देहल पर बसाया । रामप्रसाद से गंगासहाय, गंगासहाय से शिवलाल, शिवलाल से सुलतान, सुलतान से महासिंह, बनवारी, मीरसिंह, बलबीर व औमप्रकाश|
जोगी (कादयान) परिवार के भोंदूनाथ से रामलाल व गणेशी, रामलाल से भोलाराम व रामस्वरुप, गणेशी से शेरसिंह व सुरतसिंह, शेरसिंह से राजेन्द्र, रविन्द्र व रणबीर, रामस्वरुप से जगदीश, कपुरसिंह व रणधीर, सुरतसिंह से अतरसिंह, बलवान सिंह, सुरजप्रकाश, राजकरण व ईश्वर सिंह, भोलाराम से औमप्रकाश, भीमसिंह व सुभाष ।
सन् १८७३ में सरायअलावर्दी से आए रोजगुवालिया गौत्र के जाट नत्थु सिंह से दाताराम, मोतीराम, कवंलसिंह व सुक्खन, दाताराम से प्रेमसुख, सालगराम व हेतराम, कवंलसिंह से धनसिंह, धनसिंह से मलूका, मलूका से रामस्वरुप, रामस्वरुप से हुक्मचंद व चरणसिंह । जयसिंहपुर से आए दहिया गौत्र के धनसिंह व रामसुख, धनसिंह से मोती व देवीसिंह, मोती से उदमी, इंछाराम व रामजस, इंछाराम से टेकराम, टेकराम से सुखबीर व धरमबीर ।
Location
Origin
The Founders
Jat Gotras
Jat Monuments
Population
Notable Persons
- Rajesh Sangwan - CEO, Sangwan Foundation, PH. 09971878210, 08800978210.
External Links
References
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