Balyali
- For village in Charkhi Dadri district, please see Baliyali
Balyali or Baliali (बलयाली) is a large village in Bawani Kheda tehsil of Bhiwani district, Haryana.
Founder
Location
Jat Gotras
History
इतिहास
जयपुर रियासत के शेखावाटी भाग में गूगौर और बागौर नाम के दो गाँव थे। इनके स्वामी जयपरतनामी चौहान थे। जयपरतनामी के 4 पुत्र हुये 1. जाटू, 2. सतरोल, 3. राघू, और 4. जरावता. जाटू का विवाह सिरसा नगर के सरोहा गोत्री ठाकुर की पुत्री के साथ हुआ। जाटू के दो पुत्र हुये पाड़ और हरपाल। पाड़ ने राजली ग्राम बसाया जो अब जिला हिसार में पड़ता है। [p.11] राजली सारा जाटों का गाँव है जिसके स्वामी भी जाट हैं। हरपाल ने गुराणा गाँव बसाया जो राजली के पास ही है। यह ग्राम भी जाटों का है। [3]
पाड़ के 5 पुत्र हुये – 1. अमृता, 2. बसुदेव, 3. पद्मा, 4. अब्भा, 5. लौआ. अमृता ने खूड़ाना गाँव बसाया जो रियासत पटियाला में है। बसुदेव ने भिवानी नगर बसाया जो अब हिसार की तहसील है। भिवानी से 7 कोस के अंतर पर बवानी खेड़ा और बलियाली ग्राम भी बसुदेव ने बसाये जो अब तहसील हांसी में हैं। बलियाली ग्राम के सारे राजपूत अब मुस्लिम हैं। बवानी खेड़ा के आधे राजपूत हिन्दू मत में और आधे मुस्लिम हैं। भवानी नगर के सारे राजपूत हिन्दू मत के हैं। भिवानी, बवानी खेड़ा और बलियाली के राजपूत वसुदेव की संतान हैं। भारत में जब महम्मदी लोगों का राज्य हो गया था तब बलियाली ग्राम के सारे और बवानी खेड़ा के आधे मुस्लिम बन गए थे। [4]
कप्तान सिंह देशवाल लिखते हैं
- यह गाँव पहले मुसलमानों का गाँव था। यहाँ के मुसलमान देश के बंटवारे के समय पाकिस्तान में चले गये। यह गाँव भिवानी से 18 कि. मी. सूई- बलियाली रोड पर, बवानी खेड़ा से 6 कि. मी. दक्षिण दिशा में और भिवानी से तोशाम रोड पर 5 कि. मी. से पूर्व दिशा में 4 कि. मी. पर आबाद है। इस गाँव में चौ. किदार सिंह देशवाल अपने चार सुपुत्र चौ. दयानन्द, चौ. फूला सिंह, चौ. प्रेम सिंह और चौ. बलवानसिंह सहित गाँव घिलौड़ से आये थे। यहाँ पर इस परिवार ने 300 बीघा जमीन मोल खरीद ली और वे अब स्थाई रूप से जैमलपुर मोहल्ला कन्या हाई स्कूल के पास रहते हैं। इस मोहल्ले में 8 से 10 देशवाल परिवार हैं।
- इसी गाँव में छोटा बस अड्डा के पास भी देशवाल परिवार रहते हैं। यहाँ पर इनकी संख्या 4-5 है। इस परिवार के बुजुर्ग सन् 1950 में दमकन खेड़ी से सवाना माल में आकर आबाद हुए और सन् 1972 में चौ. सूरजमल ने यहाँ बलियाली में आकर जमीन खरीद ली। यह परिवार यहाँ पर स्थाई रूप से आबाद हो गया। इनके पास में 300 बीघा खेत की जमीन है। चौ. जागर सिंह, चौ. ग्यानीराम और चौ. महावीर सिंह जी अपने पिताजी चौ. सूरजमल देशवाल के साथ सहपरिवार आये थे। वर्तमान में पुस्तक लिखे जाने तक इस गाँव में 14-15 सम्पन्न देशवाल परिवार हैं। चौ. सूरजमल का परिवार अपने पैतृक गाँव दमकन खेड़ी के गढी-पाना से आया हैं।[5]
Population
(Data as per Census-2011 figures)
Total Population | Male Population | Female Population |
---|---|---|
12440 | 6562 | 5878 |
Notable persons
External Links
References
- ↑ Jat Varna Mimansa (1910), Author: Pandit Amichandra Sharma, Published by Lala Devidayaluji Khajanchi, p.11-12
- ↑ कप्तान सिंह देशवाल : देशवाल गोत्र का इतिहास (भाग 2) (पृष्ठ 62)
- ↑ Jat Varna Mimansa (1910), Author: Pandit Amichandra Sharma, Published by Lala Devidayaluji Khajanchi, pp.10-11
- ↑ Jat Varna Mimansa (1910), Author: Pandit Amichandra Sharma, Published by Lala Devidayaluji Khajanchi, pp.11-12
- ↑ कप्तान सिंह देशवाल : देशवाल गोत्र का इतिहास (भाग 2) (पृष्ठ 62)
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