Ghilod Kalan
Ghilod Kalan (घिलोड़ कलां) village is situated in Rohtak district of Haryana.
Location
Jat gotras
History
कप्तान सिंह देशवाल लिखते हैं
कप्तान सिंह देशवाल लिखते हैं - यह गाँव सन् 1205 में गाँव बलियाणा से आकर आबाद हुआ। इस गाँव के बारे में जो सुना गया है और प्रमाणित भी है कि चौ. भिमल सिंह देशवाल और चौ. दुन्दी का परिवार काफी बड़ा हो गया था। इन दोनों भाइयों ने अपने परिवार की आजीविका चलाने के लिए और उज्ज्वल भविष्य के लिए अपने अलग गाँव बसाने के विचार से दादा भीमल ने गाँव घिलौड़ और दादा दुन्दी ने गाँव दुलेड़ा संवत् 1262 (सन् 1205) में अपना डेरा उचित जगह डालकर गाँव का रूप दे दिया। यह गाँव दुल्हेड़ा जिला झज्जर में आबाद है।
गाँव घिलोड़ - पहले यह गाँव पठानों का गाँव था। यहाँ के पठान अपने आपको सुरक्षित नहीं समझते थे। अतः वे इस गाँव को छोड़कर खरखोदा (सोनीपत) में चले गये। इस गाँव पर चौ. भीमल सिंह देशवाल ने कब्जा कर लिया और इसका नाम घिलौड़कलाँ रखा गया। देशवाल गौत्र की कम बढोतरी होने के कारण रोहतक डेहरी पान्ने से ब्राह्मणों को बुलाकर अलग गाँव घिलौड़खुर्द बसवा दिया। इस गाँव को 3000 बीघा जमीन भी दे दी गई। दादा भीमल ने अन्य गौत्रों के जाटों को भी गाँव में बसाकर आधी जमीन का हिस्सा उनको दे दिया।
चौ. नफेसिंह देशवाल ने बताया कि दादा भीमल की 7-8वीं पीढ़ी के बाद चौ. दयाराम समेत पाँच भाई हुए। दयाराम गाँव गंगाणा में पावड़िया गौत्र में विवाहित था। वह अपनी ससुराल गंगाणा में अपने परिवार के साथ जाकर बस गया। चौ. दयाराम का कोई भी साला नहीं था। दूसरे नम्बर के दादा तक्तू से तक्तू ठोळा बना और दादा हेमराज की संतान आबाद है। लालदास और राजाराम बेऔलाद चले गये।
जिस समय पर दादा भीमल यहाँ पर आये थे उस समय पर यहाँ पर एक तालाब (खंडोश्वर) पाया था। तालाब की खुदाई करने पर एक कुआँ मिला जिसकी ईंटें अजीब तरह की प्राचीन थीं। आज इस गाँव में दूसरे गौत्र के जाटों के समेत अन्य जातियाँ मिलजुल कर रहती हैं।
विशेषतायें -
- यह गाँव रोहतक से गोहाना रोड पर 18 किलोमीटर पर आबाद है।
- इस गाँव में नौरंग पहलवान एक बहुत चर्चित पहलवान हुआ है।
- इस गाँव के पास 12500 पक्का बीघा जमीन है। देशवाल और ब्राह्मण आधे में आबाद हैं।
- यहाँ के आदमी धर्म-कर्म में और दान देने में पूरी रुचि रखते हैं। आर्यसमाजी गाँव है।
- डहरी पाने रोहतक से आये ब्राह्मण पहले गाँव घिलौड़ में लगभग 250 वर्ष देशवाल के साथ रहे थे।[4]
Population
Notable persons
- Sundar Singh Lora - From Ghilod Kalan, Vice President Lora Khap.
- Sukhbir Singh Lora - From Ghilod Kalan, Treasurer Lora Khap.
External links
References
- ↑ जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठ-999
- ↑ जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठ-1031
- ↑ Jat History Dalip Singh Ahlawat/Chapter XI (Page 1005)
- ↑ Deshwal Gotra Ka Itihas (Volume II) (Page 57-58)
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