Bawan Hardoi

From Jatland Wiki
Author:Laxman Burdak, IFS (R)
Hardoi district map

Bawan (बावन) is a village in Hardoi district of Uttar Pradesh, India.

Location

It is located 10km west of Hardoi, on the south side of the road to Bazpur-Naktaura and the Sai Ghat.[1] Bawan was historically the seat of a pargana since at least the time of the Mughal Emperor Akbar, and it is also the site of a mela held in honour of Darshan Debi on the first Sunday of Bhadon, at a site called the Suraj Kund.[2]

History

According to tradition, Bawan was founded by a person named Rajpal before the reign of Rama in Ayodhya. It is said that later, the 11th-century Muslim folk hero Ghazi Sayyid Salar Masud sent a force from Kannauj to conquer Bawan, and that the Muslim soldiers who died in the ensuing battle were buried near the Suraj Kund. Another one of Salar Masud's companions, Makhdum Abdul Qasim, is said to have fasted here for 40 days, and his shrine is still visited on Thursday evenings by people who leave sweetmeats and light small lamps in his memory.[3]

हरदोई का इतिहास

सैय्यद सालार मसूद ने पहला आक्रमण ईस्वी सन 1028 ईस्वी में बावन पर किया था जो हरदोई से 10 किमी पश्चिम में स्थित है। परन्तु इम्पीरियल गजेटियर का मानना है कि 1217 से पहले स्थाई मुस्लिम कब्जा इस क्षेत्र पर नहीं हो पाया था। अवध के गजेटियर के पेज 55 पर बताया गया है कि 1028 ईस्वी में सैयद सल्लर ने बावन पर कब्जा कर लिया। इसी के आस पास गोपामऊ को भी जीत लिया गया। शेखों के मुताबिक़ 1013 ईस्वी में बिलग्राम को जीत लिया। इसके बावजूद 1217 ईसवी तक नियमित रूप से मुस्लिम नियन्त्रण न हो सका। सैय्य्द शाकिर ने सबसे पहली जीत गोपामऊ पर हासिल की। हुसैनी सैय्य्दों के पूर्वज इराक के वसित शहर से 13 वीं सदी में सुलतान इल्तुतमिश के काल में भारत आए थे। 1217-18 में सैय्यद परिवार ने यहाँ के भर शासकों को हराकर बिलग्राम पर कब्जा किया और यहाँ बस गए। 1540 ई. में बिलग्राम युद्ध शेरशाह ने हुमायूँ को बिलग्राम और सांडी के बीच हराया था और वह एक बिस्ती की सहायता से गंगा पार करके बचपाया था.

Notable persons

External links

References


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