Bhagirath Singh Sel
Bhagirath Singh Sel (born:1919 -) (चौधरी भगीरथसिंह सेल), from Kalesara (कालेसरा), Peesangan , Ajmer was a Social worker in Ajmer, Rajasthan.[1] He was the speaker of Ajmer-Merwara State. The first prime minister of India Pt. Jawahar Lal Nehru visited his village Kalesara and inaugurated drinking water project.
जाट जन सेवक
ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है ....चौधरी भागीरथसिंह सेल M.A. LLB वकील अजमेर - [पृ.106]: आपका जन्म मिति जेठ सुदी 9 संवत 1976 को ग्राम Kalesara (कालेसरा) जिला अजमेर में हुआ। आपके पिता चौधरी रामप्रताप जी सेल जिले में जाट जाति में नामी धनाढ्य व्यक्ति हैं। आप चौधरी सुवालाल जी सेल M.A. के भतीजे हैं। आपकी प्रायमरी शिक्षा अपने गांव के स्कूल में हुई। पश्चाताप पास के गांव पीसांगन की मिडिल स्कूल में भर्ती
[पृ.106]: किए गए। यहां से वर्नाकुलर फाइनल परीक्षा की पढ़ाई करने के बाद आप गवर्नमेंट हाई स्कूल अजमेर में भर्ती हुए। हाईस्कूल परीक्षा पास करने के बाद आप सैंट जॉन्स कॉलेज आगरा के एफ़ए व गवर्नमेंट कॉलेज अजमेर में बीए पास किया। आगरा में अध्ययन काल में आप जाट बोर्डिंग हाउस में निवास करते थे। लखनऊ यूनिवर्सिटी से आपने डबल कोर्स लेकर सन 1945 में MA इतिहास और LLB की परीक्षाएं पास की। इस समय आप अजमेर में वकालत कर रहे हैं।
आप जीवन में स्थापित होते ही जाति सेवा कार्य में बड़ी संलग्नता से जुट गए हैं। इस समय आप अजमेर मेरवाड़ा जाटसभा के जनरल सेक्रेटरी हैं और बड़े उत्साह पूर्वक कार्य कर रहे हैं। हाल ही में आपकी सेक्रेटरीसिप में अजमेर मेरवाड़ा जाट सभा वार्षिक अधिवेशन बड़े समारोह का सफलतापूर्वक संपन्न हुआ जिसमें जाति हित के बहुत से महत्वपूर्ण निश्चय हुए। आप बड़े उत्साह और होनहार नवयुवक हैं। आप से जाति सेवा की बड़ी आशा है।
आपके एक बड़े भाई हैं जो घर का काम संभालते हैं। आपके एक पुत्र है जिसकी अवस्था करीब 2 वर्ष है।
जीवन परिचय
मनसुख रणवा[3] ने लेख किया है कि कालेसरा गाँव के जाट भागीरथ सिंह चौधरी क्रान्तिकारी, व्यक्तित्व के धनि, आजादी के दीवाने उस समय अजमेर राज्य के स्तम्भ थे। उस समय वे अजमेर विधान के अध्यक्ष थे। जनमत में उनकी जबरदस्त पकड़ थी। देश को आजादी मिल गयी थी चौधरी ने बढ़ कर भाग लिया था। जब देशी रियासतों का एकीकरण हो रहा था नेहरु जी को सूचना मिली कि अजमेर रियासत पाकिस्तान में मिल सकती है। तब नेहरु जी कालेसर गए और भागीरथ सिंह चौधरी से इस बारे में अनुरोध किया तब अजमेर रियासत का विलय भारत में हुआ।
गैलरी
-
Jat Jan Sewak, p.105
-
Jat Jan Sewak, p.106
सन्दर्भ
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.105-106
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.105-106
- ↑ मनसुख रणवा:'राजस्थान के संत - शूरमा एवं लोक कथाएं', 2010, पृ. 159
Back to Jat Jan Sewak