Sua Lal Sel

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Sua Lal Sel (born:1906-20.6.1982) (चौधरी सुआलाल सेल), from Kalesara (कालेसरा), Peesangan , Ajmer was a Social worker in Ajmer, Rajasthan.[1]

जाट जन सेवक

ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है ....चौधरी सुवालाल सेल एमए,सीटी - [पृ.102]: चौधरी सुवालाल सेल का जन्म सन् 1906 गांव कालेसरा जिला अजमेर मेरवाड़ा में हुआ। आपके पिता चौधरी छोगालाल सेल स्वयं कुछ शिक्षित होने के कारण अजमेर मेरवाड़ा में जाट जाति में विद्या का नितांत अभाव बहुत


[पृ.103]: खटका। अतः आप ने पुत्र को उच्चतम शिक्षा देने का निश्चय किया ताकि उसका अनुकरण अन्य जाति भाई भी करें।

सर्वप्रथम अपने गांव में स्कूल न होने के कारण बालक सुवालाल निकट के गांव नागेलाव की स्कूल में भेजा गया। वहां की पढ़ाई समाप्त कर लेने के बाद पीसांगन मिडिल स्कूल में भर्ती किया गया। जहां से उसने सन् 1923 में मिडिल परीक्षा पास की।

वर्नाकुलर मिडिल परीक्षा पास करने के बाद आप गवर्नमेंट हाई स्कूल अजमेर में दाखिल किए गए। कई असुविधाओं के बावजूद सन् 1929 में मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की और अजमेर मेरवाड़ा में सर्वप्रथम आए। इसके परिणाम स्वरुप आपको सरकार द्वारा एडवर्ड हैरिस स्वर्णपदक तथा जाट महासभा द्वारा भजनलाल स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। आपने सरकारी छात्रवृत्ति पाकर गवर्नमेंट कॉलेज अजमेर में भर्ती हुए और सन् 1933 में आपने B.A. परीक्षा सम्मान पूर्वक पास की। इस प्रकार अजमेर मेरवाड़ा में न सिर्फ जाट जाति बल्कि समस्त जमीदार जातियों में आप सर्वप्रथम ग्रेजुएट हुए। बाद में आप ने आगरा यूनिवर्सिटी से इतिहास में M.A. परीक्षा पास की।

आपने अन्य नौकरियों की अपेक्षा अध्यापन व्यवसाय को पसंद किया। अतः अध्यापन की ट्रेनिंग प्राप्त करने के बाद आप की नियुक्ति सन 1934 ईस्वी में गवर्नमेंट हाई स्कूल अजमेर में असिस्टेंट मास्टर के पद पर हुई। सन 1940 में सरकार ने आप का तबादला गवर्नमेंट सेकंडरी स्कूल पीसांगन


[पृ.104]: के हेड मास्टर के पद पर कर दिया जहां पर इस समय तक कार्य कर रहे हैं।

आपको अपनी जाति विद्या प्रचार की बड़ी लगन लगी हुई है। आपने कई जाट छात्रों को स्कूल में दाखिला करवाया है तथा उन्हें उच्च शिक्षा देने के लिए उनके माता पिताओं से आग्रह किया है। यह आपके प्रयत्नों का फल है जिससे अजमेर मेरवाड़ा में कई जाट युवक मैट्रिक ग्रेजुएट होकर अच्छे स्थान पर पहुंच गए वह पहुंच रहे हैं। आपके विद्या प्रचार के प्रयत्न जारी है व जारी रहेंगे। आप से प्रेरणा पाकर जाट सभा ने अभी हाल ही में एक विद्या प्रचार योजना तैयार की है। जिसके अंतर्गत सभा के जेठाना अधिवेशन के अवसर पर एक विद्या प्रचार फंड स्थापित किया गया है। आप इस विद्या प्रचार कमेटी के संयोजक हैं।

सरकारी नौकरी में होते हुए भी आप जाति उन्नति के कार्य में पूरा पूरा भाग लेते हैं। जाट महासभा के सन् 1935 के पुष्कर महोत्सव को सफल बनाने में आपने चौधरी भजन लाल जी को पूर्ण सहयोग दिया। आप अजमेर मेरवाड़ा जाट विद्यार्थी सभा के सभापति भी रहे हैं। इस समय आप अजमेर मेरवाड़ा जाट सभा के एक उत्साही कार्यकर्ता हैं। सन 1934 के पहले अजमेर मेरवाड़ा डिस्ट्रिक्ट बोर्ड के सब मेंबर शहरी होते थे। कोई भी उसमें जाट मेम्बर न था। आपने अकेले पहला चुनाव लड़ा और आपके उद्योग से 10 जाट मेंबर चुने गए। तब से डिस्ट्रिक बोर्ड में निरंतर जाटों का बहुमत होता आ रहा है। यहां तक कि आज वाईस प्रेजिडेंट भी एक जाट है। इस जागृति का श्रेय आपको जाता है।आप गत वर्षो से


[पृ.105]: डिस्ट्रिक बोर्ड के मेंबर होते आ रहे हैं। आपकी सहानुभूति जमीदार सभा से पूरी पूरी है।

आप अपने महकमे में भी अपने सुकार्य के कारण अधिकारियों व सहयोगियों के साथ सर्वप्रिय हैं। आप अजमेर मेरवाड़ा डिस्ट्रिक्ट टीचर एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी रहे हैं।

आपके माता पिता जीवित हैं। आप तीन भाई हैं। सबसे बड़े आप हैं। मंझले श्री चतुर्भुज घरपर जमीदारी का काम संभालते हैं। सबसे छोटे भाई रामसुख सिंह सेल बीएससी (एजी) कृषि विभाग में इंस्पेक्टर हैं। आपके तीन संतान हैं। 2 पुत्र एक पुत्री। आप का बड़ा पुत्र 11वीं कक्षा में व छोटा पुत्र नवमी में पढ़ता है। पुत्री की उम्र 4 वर्ष की है।

आप शांत स्वभाव वह सरल प्रकृति के व्यक्ति हैं। अभिमान आपमें लेशमात्र भी नहीं है। आप नाम के बजाए काम को अधिक पसंद करते हैं।

जीवन परिचय

पुस्तक: रियासती भारत के जाट जन सेवक, 1949, में अजमेर मेरवाड़ा के परिचय अधिकांश में मास्टर सुआलाल जी सेल के लिखे हुये हैं।[3]

चौधरी भागीरथसिंह सेल चौधरी सुवालाल जी सेल M.A. के भतीजे हैं।[4]

गैलरी

सन्दर्भ


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