Bhanwar Lal Jakhar

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Bhanwar Lal Jakhar is a writer and social worker. He is from Ratkuria (रतकुडिया) village in tehsil Bhopalgarh of Jodhpur district in Rajasthan.

भंवरलाल जाखड़ रतकुड़िया: सामान्य परिचय

भंवरलाल जाखड़ रतकुड़िया

जन्म : 23 नवम्बर 1994

पिता : श्री भानाराम जाखङ (विद्युत विभाग)

माता : श्रीमती मीना देवी (गृहणी)

गुरु : चौधरी रामनारायण जी 'जिंदा'

परम भक्त : देवरी धाम रतकुङिया

पथ प्रदर्शक : युवाचार्य रामदास जी शास्त्री

निवास स्थान : जाखङों की ढाणी, रतकुङिया

तह: भोपालगढ, जिला : जोधपुर (राज.)

पिन. 342606

शिक्षा

प्रारम्भिक शिक्षा : मारवाङ क्षेत्र के सुप्रसिद्ध विद्यालय चौधरी गुल्लाराम स्कूल रतकुडिया से आपने उच्च माध्यमिक तक की शिक्षा प्राप्त की। पढाई के क्षेत्र में आप शुरु से ही अव्वल थे और 12वीं कला वर्ग में 80% उत्तीर्णांकों के साथ राज्य स्तरीय मैरिट में 71वां स्थान हासिल करके गांव व समाज का नाम रोशन किया।

उच्च शिक्षा : परसराम मदेरणा महाविद्यालय भोपालगढ से बी.ए. एवं एम.ए. की डिग्री प्राप्त की वहीं JNVU जोधपुर से बी.एड. की शिक्षा प्राप्त की।

समाजसेवा

समाज के प्रति जातीय प्रेम आपमें कूट कूट कर भरा हुआ हैं। समाज के कई छोटे बडे संगठनों से जुडे हैं व इनके कई कार्यक्रमों में अपना बखूबी योगदान दे चुके हैं। अपनी लेखनी के माध्यम से भी समाज को गौरवान्वित किया हैं।


छात्र राजनीति में सक्रिय: आप पिछले 6 वर्षों से छात्र राजनीति के एक उभरते चेहरे के रुप में देखे जा रहे हैं।पिछले प्रत्येक छात्रसंघ चुनाव में आपने श्री परसराम मदेरणा महाविद्यालय भोपालगढ में छात्र संगठन का नेतृत्व किया हैं और हमेशा ऐसे उम्मीदवार का साथ दिया जो छात्र हितैषी हो। भोपालगढ में बी.एड. कॉलेज शुरु करवाने को लेकर आपने प्रयास किये और इसको लेकर कई धरने प्रदर्शन एवं आंदोलन भी किये और अंतत यहां बी.एड. महाविद्यालय शुरु करवाकर ही दम लिया।

प्रखर वक्ता: आप अपनी प्रखर वाणी को लेकर भी जाने जाते हैं। आपको कई बङे कार्यक्रमों में मंच संचालन करने का गौरव भी प्राप्त हैं।

कुशल लेखक: लेखन के क्षेत्र में आपको उभरता सितारा कहें तो भी कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। आप अपने विभिन्न छोटे - बडे लेखों के माध्यम से हर किसी को प्रभावित किये बिना नहीं रहते। सोशल मीडिया पर भी आपके लेखों को काफी सराहा जा रहा हैं। आप अब तक 'प्रतिभा परिचय' शीर्षक के माध्यम से 30 से अधिक महापुरुषों की जीवनियां अपने शब्दों में लिख चुके हैं। इनके अलावा आपने कई पद्य रचानायें भी की हैं। ऐसी ही एक कविता 'गांव की सैर' जो रतकुडिया गांव को लेकर लिखी गई हैं, यह कविता अल्प समय में बहुप्रसिद्ध हुई हैं और कई पत्र-पत्रिकाओं में भी छप चुकी हैं।

सम्मान

अपनी सुंदर लिखावट को लेकर आप जिला स्तर पर सम्मानित भी हो चुके हैं।

संपर्क सूत्र

मो. 09672010909[1]

रतकुड़िया गांव की सैर - भंवरलाल जाखड़

विनायक को वंदन करके, शारदे को शीश झुकाता हूं।
देवरी को दंडवत करके, जिंदा जी का आशीर्वाद लेता हूं।।
आज मेरे गांव की छोटी सी झलक बताता हूं।
आइये आज आपको रतकुङिया की सैर कराता हूं।।1।।
भूरिया बाबा का तीखी धाम चहुं दिश मसहूर हैं।
भाखर की टेकरी पर खङा देवरी मंदिर गांव का नुपूर हैं।।
पावन धाम के चरणों का चमत्कार दिखलाता हूं।
आइये आज आपको रतकुङिया की सैर कराता हूं।।2।।
गांव के मध्य में खङी तेजा प्रतिमा सबके मन भावन हैं।
देवरी फांटा का लादाराम मंदिर ज्यौं महिनों में सावन हैं।।
ठाकुर जी के मंदिर में पूजा करके आरती सुनाता हूं।
आइये आज आपको रतकुङिया की सैर कराता हूं।।3।।
भैरुजी के दर्शन करके, हनुमान मंदिर कचोलिया जाता हूं।
भन्नजी महाराज के पालतू प्राणियों की दास्तां बताता हूं।।
भैरुसागर, कचोलिया, जोगिंडा, शिवसागर तालाब दिखलाता हूं।
आइये आज आपको रतकुङिया की सैर कराता हूं।।4।।
बाबू चौधरी गुल्लाराम मारवाङ की शान हैं।
शहीद बाबूलाल पर समूचे राष्ट्र को अभिमान हैं।।
नाथू बा के परोपकारी जीवन की गाथा बतलाता हूं।
आइये आज आपको रतकुङिया की सैर कराता हूं।।5।।
घमंडीराम जी, बस्तीराम जी, रमैयादास जी कलयुग के कबीर हैं।
उत्तर दिशा में जाखङों की ढाणी, ज्यों भारत में कश्मीर हैं।।
युवाचार्य रामदास जी शास्त्री के यशोगान में शब्द नहीं ढूंढ पाता हूं।
आइये आज आपको रतकुङिया की सैर कराता हूं।।6।।
रुपरजत गौशाला में लगता देवों का मेला हैं।
गौ माताओं के दर्शन होते, पावन गोधूलि वेला हैं।।
गौ चरण की पावन रजा ले आगे कदम बढाता हूं।
आइये आज आपको रतकुङिया की सैर कराता हूं।।7।।
मारवाङ की नालंदा - गुल्लाराम स्कूल, शिक्षा का द्वार हैं।
कस्तूर बा गांधी छात्रावास में होता, बेसहाराओं का उद्धार हैं।।
बादलों की चीरती पवन चक्कियां दिखलाता हूं।
आइये आज आपको रतकुङिया की सैर कराता हूं।।8।।
रामनारायण डुडी, कमसा प्रदेश के विराट राजनीतीज्ञ हैं।
जनता की सेवा में दिन-रैण दृढ़ प्रतिज्ञ हैं।।
भल्लाराम, रामप्रकाश जैसे सरपंचों से मिलाता हूं।
आइये आज आपको रतकुङिया की सैर कराता हूं।।9।।
गांव की गलियां दिखलाता हूं, हाट-बाजार दिखलाता हूं।
सोना उपजाते किसानों के साथ, लोहा पिघलाते लोहार दिखलाता हूं।।
भाईचारे की परिभाषा देती, वो जाटों की ठाठ बताता हूं।
आइये आज आपको रतकुङिया की सैर कराता हूं।।10।।
सरगिया, मोलाया, लाम्बी - ये गांव के छोटे भाई हैं।
पांचानारायण जी के मंदिर में अखंड जोत जगमगायी हैं।।
मां भटियाणी जी, मनोहरसिंह जी के आगे नतमस्तक हो जाता हूं।
आइये आज आपको रतकुङिया की सैर कराता हूं।।11।।
सांयकालीन के चौराहों का माहौल बताता हूं।
वॉलीबाल और क्रिकेट के खेल दिखाता हूं।।
गांव की सरहद से गुजरती भारतीय रेल दिखाता हूं।
आइये आज आपको रतकुङिया की सैर कराता हूं।।12।।
रमैयादास - रामदास जैसे गुरु-चेला बताता हूं।
मुलतान जी सारण - आईदान जी बेंदा जैसे वीर दिखाता हूं।।
घूंघट में लिपटी मर्यादा और कदम-कदम पे इज्जत का मौल बताता हूं।
आइये आज आपको रतकुङिया की सैर कराता हूं।।13।।
मेरें अरमां, गांव की दास्तां कलम से बयां करता हूं।
मैं भंवरलाल सभी पाठकों को दिल से सलाम करता हूं।।
भोलाराम जी की जीवित समाधि पर बारम्बार शीश नवाता हूं।
आइये आज आपको रतकुङिया की सैर कराता हूं।।14।।

सविनय निवेदन : प्यारे साथियों आपके छोटे भाई भंवरलाल जाखङ ने आपके स्नेह और आशीर्वाद की बदौलत 'गांव की सैर' नामक शीर्षक सें चंद पंक्तियाँ लिखने का एक छोटा सा प्रयास किया हैं, जिसमें रतकुङिया गांव का परिचय दृष्टिमान होता हैं। आपसे करबद्ध निवेदन है की इसमें किसी भी प्रकार का फेरबदल न करें और न ही अपना नाम आदि इसमें शामिल करें। इन पंक्तियों में बिना कुछ बदलाव किये आगे शेयर करें तभी मेरी रचना का उद्देश्य सार्थक सिद्ध होगा और आपका सच्चा आशीर्वाद मुझे मिलेगा। आप सभी का हार्दिक आभार...

संदर्भ

  1. Added by Amesh Bairad

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