Bijanya

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Bijanya (बिजण्या/बिजाण्या) Gotra Jats live in Rajasthan.

History

Bijanya Jats originated from Panditpura Village. They are originally group of Bijrania and one other Jat gotra. All Bijanya Jats came here from Panditpura village from which the Bijanya Jats are said to have originated. About 300 Year ago Bijanya jat lived in Panditpura. They had majority in village when Thakan jat come here from jaisalmer. After settlement of few year There were a war between Thakan and Bijanya. Bijanya have majority of people compare to Thakan jat. other jat gotra of village would not taken part in war. Thakan jats defeated by Bijanya in war. But thakan jat killed Bijanya in one by one.

बिजाण्या गोत्र का इतिहास

लेखक मानवेन्द्र सिंह तोमर

बिजाण्या जाटों का निकास बांदीकुई के पास पण्डितपुरा से है । यही से इस गोत्र की उत्पत्ति हुई थी । आज यह गोत्र अलवर जिले की लछमणगढ़ तहसील के कनवाड़ा गांव और भरतपुर जिले की कामा तहसील के बोलखेरा गाँव के पास नगला में निवास करता है । प्राचीन समय में आज से 300 वर्ष पहले बांदीकुई के पण्डितपुरा गाव में निवास करते थे । उस समय गाव में और भी गोत्र के जाट निवास करते थे । कुछ ठाकन जाटो का समूह जैसलमेर के पास से पण्डितपुरा में आकर आबाद हुआ । कुछ समय बाद किसी बात को लेकर ठाकन और बिजाण्या जाटो में लड़ाई शुरू हो गई बिजाण्या जाट संख्या बल में ठाकन जाटों से ज्यादा ताकतवर थे, इसलिए ठाकन जाटों से उनका संघर्ष लंबा चला । ठाकन जाटों में एक वीर बहादुर योद्धा था । उसके होते हुए बिजाण्या जाट ठाकन जाटों को हरा नहीं पा रहे थे ।

एक दिन प्रात काल दैनिक क्रिया के लिए गए उस ठाकन युवक की बिजाण्या जाटों ने धोखे से मार दिया । घायल ठाकन युवक ने अपने गोत्री ठाकनो को समझाया की बिजाण्या से मेरे मरने के बाद लड़ना नहीं, वो तुम सब को मार देंगे क्योंकि वो संख्या बल में अधिक है । मैं खुद उनसे बदला लूंगा । युवक की मृत्यु हो गई । उस वीर युवक की आत्मा को शांति नहीं मिल सकी तो उसकी आत्मा पास के गुलाना गाँव के एक माली के शरीर में प्रकट हो गयी । उसने ठाकनो को परचा दिया कि मैं नाग रूप में आकर इन बिजाण्या का नाश करूँगा और ऐसा ही हुआ नाग के काटने से सैंकड़ों बिजाण्या अकाल मृत्यु को प्राप्त हो गए । बिजाण्या जाटों में भय फ़ैल गया और अंत में एक दो बिजाण्या ही जीवित बचे । डरे हुए बिजाण्या जाटों की एक गर्भवती स्त्री ने ठाकन जाटों से जीवन दान की भीख मांगी । ठाकनो के भुलाने पर उस नाग रूपी आत्मा ने परचा दिया और बिजाण्या जाटों को पण्डितपुरा छोड़ने पर जीवन दान देने को कहा । तभी अपना घरबार छोड़ बिजाण्या कनवाड़ा में आकर आबाद हुए ।

Distribution in Rajasthan

Villages in Alwar district

Kanwara,

Notable persons

External links

Reference


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