Chaudhary Rishal Singh Ahlawat

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Choudhary Rishal Singh Ahlawat

Introduction

Chaudhary Rishal Singh Ahlawat was born at village Raipur Nangli in Muzaffarnagar district, Uttar Pradesh.

चौ0 रिशाल सिंह अहलावत का जीवन परिचय

स्व चौ0 रिशाल सिंह अहलावत जी (अहलवत खाप के मुखिया Chaudhary Gajendra Singh Ahlawat के बाबा जी)

हम आपको रायपुर नंगली के एक ऐसे किसान की कहानी बाताएगे ज़िन्होने गन्ने की खेती मे कई रिकार्ड बनायें,अहलावत जी को अच्छी नसल की गाय की प्रतियोगिता मे हिस्सा लेने मे भी रूची थी.

अगर मै कहु की गाना (Ghaint jatti )जमीन जट दी माँ होती है - कुछ हद तक अहलावत जी की ज़िन्दगी पर आधारित है तो गलत नहीं होगा ,देश की आजादी से पुरानी बात है जमीन के विवाद को लेकर अहलावत जी को जेल जाना पडा था ,रिशाल सिंह अहलावत जी की जमीन पर कब्जा करने एक आदमी अपने साथ 200 आदमी लेकर आया था तब भैसी के जाटो और कब्जा करने वालो मे संघर्ष हुआ जमीन बचा ली और भीड ने उसको मार दिया,मरने वाले आदमी के पास कई हजार बिघा जमीन थी पर काफी लोगो को जेल जाना पडा,अंग्रेजो का समय था अंग्रेजो से अहलावत जी की बिलकुल नहीं बनती थी,तभी अंग्रेजो का बड़ा अफसर अहलावत जी के सही होने के बाद भी उनके खिलाफ था,अफसर की पत्नी अहलावत जी से बोली जो आपने किया सही किया पर अंग्रेजी राज था अफसर की चली अहलावत जी को जेल जाना पडा,

जेल मे किताब लिखी "कटे पठान बसी घटान" - अहलावत जी की पत्नी घटान की थी, एक सच्ची कहानी जो की जाटो की इज़त की थी एक पठान के विरुध उसपर किताब लिखी

1947 मे देश आजाद हुआ अहलावत जी जेल से बाहर आये खेती दुबारा करनी शुरू की ,उनकी एक आदत थी वे सुबह ही खेती का काम खत्म करके दिन मे समाजिक कार्ये करते थे और संतो को भोजन कराते थे . उन्हे गाने बजाने का भी बहुत शोक था,वे एक ढ़बंग व्यक्ति थे /

Technology के क्षेत्र मे रूची और बढावा देना

यह इस बात से सिध् होता है गन्ने की खेती के लिए 1949 मे Tractor का प्रयोग ,खेती के लिए "Field Marshal" Tractor खरीदा ताकी खेती आसानी से हो सके,अहलावत जी को घोड़े रखने का बहुत शौक था,घोड़े से यात्रा करने मे समय लगता था तो उन्हने 1953 मे एक अमेरिकन कंपनी (PlyMouth) की कार खरीदी ज़िससे सुविधा होती थी, उनका जन्म स्व चौ0 जीवन सिंह अहलावत जी के यहाँ हुआ था और 1976 मे उनका देहांत हो गया था,अहलावत जी के यहाँ 2 पुत्र 5 पुत्रिया हुई,बड़े पुत्र स्व चौ0 महेन्द्र सिंह अहलावत जी और छोटे पुत्र चौ0 ज़ितेन्द्र सिंह अहलावत जी हुए , स्व चौ0 महेन्द्र सिंह अहलावत जी अपने पत्नी जो की ढ़िकोली से थी जो ढ़ाका गोत्र की थी उन्हे अपनी कार मे 5 आदमियो की बारात लेकर गये थे और मान सम्मान के साथ लाये थे और कुरितियो को दूर करने की मिशाल पेश की थी

स्व चौ0 रिशाल सिंह जी Education के क्षेत्र मे योगदान

1- अपने गाव मे Primary स्कूल खुलवाया

2- भैसी मे कन्या इंटर कॉलेज खुलवाने मे योगदान रहा

3- नारसन मे राजा महेन्द्र प्रताप कॉलेज खुलवाने मे योगदान रहा

4- अपने ज़िले मे सर् छोटू राम कॉलेज ( जाट कॉलेज ) की स्थापना मे सहयोग रहा

References