Devadaha
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Devadaha (देवदह) is a municipality in Rupandehi District of Nepal, the ancient capital of Koliya Kingdom, located 7 km east of Lumbini and east of Butwal and shares a border with Nawalparasi district on the east side.
Origin
Variants
History
It is identified as the maternal home of Queen Mayadevi, Prajapati Gautami and Princess Yasodhara. There are many places to visit in Devdaha. It is believed that Prince Siddhartha had spent some years of his childhood with his step-mother/aunt Prajapati Gautami in Devdaha.[1]
Devdaha was a township of the Koliyan in what is now the Rupandehi District of Nepal. The Buddha stayed there during his tours and preached to the monks on various topics.[2] According to the Commentaries,[3] it was the city of birth of the Buddha's mother (Mayadevi), and of Pajāpatī Gotamī and their companions (Koliyans), who married the Sākiyans of Kapilavatthu.
देवदह
विजयेन्द्र कुमार माथुर[4] ने लेख किया है ...देवदह (AS, p.447) महावंश 2, 9 में उल्लिखित शाक्य राजा 'देवदह' की राजधानी थी। यह नगर गौतम बुद्ध की माता मायादेवी का पितृस्थान था। देवदह ज़िला बस्ती, उत्तर प्रदेश के उत्तर में नेपाल की सीमा के अंतर्गत और लुंबिनी या वर्तमान रुमिनीदेई के पास ही स्थित रहा होगा। कपिलवस्तु से देवदह जाते समय मार्ग में ही लुंबिनी वन में मायादेवी ने पुत्र को जन्म दिया था। मायादेवी के पितृकुल के शाक्यों की कुल-रीति के अनुसार इनकी कन्याओं के पहले पुत्र का जन्म पितृगृह में ही होता था. कुल-रीति के अनुसार ही मायादेवी बालक के जन्म के पूर्व देवदह जा रही थी। मायादेवी के पिता कोलिय गणराज्य के मुख्य थे। 'गोरखपुर विश्वविद्यालय' के प्राध्यापक श्री सी.डी. चटर्जी ने 'देवदह' का अभिज्ञान गोरखपुर की फरेंदा तहसील के अंतर्गत 'बनरसकला' नामक स्थान से किया है।
External links
References
- ↑ https://lumbinidevtrust.gov.np/en
- ↑ S.iii.5f; iv.124f; M.ii.214
- ↑ J.i.52; BuA.226; MA.ii.924, 1021, etc; ThigA.182
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.447