Dinarpura

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Location of Dinarpura near Fatehpur in Sikar district
Ramdeo Singh Godara, Dinarpura

Dinarpura (दिनारपुरा)/(जिनारपुरा) is a village in Fatehpur tehsil of Sikar district in Rajasthan.

Location

It is situated at a distance of 9 km from Fatehapur in the west direction. It was founded by Dindar Khan Kaimkhani. Village was earlier occupied by Punia Jats but later Jakhar Jats came from Riri near Bikaner and settled here.

Jat Gotras

Population

As per Census-2011 statistics, Deenarpura village has the total population of 938 (of which 442 are males while 496 are females).[1]

The population of the village Dinarpura is about 275 families out of them Jakhar is the major Jat gotra with population of 100 families. Other castes dwelling in the village with number of families are Brahman (6), Rajput- Bidawat (9), Harijan (35), Naik (6), Dakot (2), Khati (10).

History

अल्फ़ खां की मृत्यु के बाद उसका पुत्र दौलत खां (दूसरा) फतेहपुर का नवाब बना. बादशाह जहाँगीर ने इसे मनसब देकर कांगड़े में नियुक्त किया. दौलत खां १४ वर्ष तक कांगड़े में रहा. फिर उसकी नियुक्ति काबुल और पेशावर में हो गयी. दौलत खां का पुत्र ताहिरखां भी बादशाह का मनसबदार बन गया. दौलत खां ने फ़तेहपुर के किले का जीर्णोद्धार कराया. किले के चारों तरफ एक खाई बना कर इसे जल से पूर्ण करवाया. इसने अपनी देख-रेख में पिता के राज्य काल में एक सुन्दर और विशाल बावड़ी फतेहपुर में बनवाई, इसे नागौर के शेख महमूद ने १०२४ हि. में बनाई थी. यह बावडी के शिला लेख पर अंकित है. [2]

उस समय अमर सिंह नागौर का अधिपति था. बादशाह ने ताहिर खां को नागौर खालसे के लिए भेजा. ताहिर खां ने नागौर के राठोडों को निकल दिया और संवत १७०३ में नागौर पर कब्जा कर लिया. दौलत खां भी आकर ताहिर खां के साथ सम्मिलित हो गया. ताहिर खां ने अपने नागौर शासन काल में सन १६६४ में एक मस्जिद बनाई थी जो किले के पास ही उत्तर में स्थित है. ताहिर खां ने अपने नाम पर ताहिरपुरा गाँव बसाया. [3]

दौलत खां के तीन लड़के थे, ताहिर खां, मीर खां, और आसिफ खां. ताहिर खां के दो पुत्र थे सरदार खां और दीनदार खां . ताहिर खां युवावस्था में मर गया तो बादशाह ने संवत १७१० में सरदार खां को नवाब बनाया. इसने अपने नाम पर सरदार पुरा गाँव बसाया. [4]इसके युवक पुत्र फदन खां की मृत्यु होने पर दुखी होकर २७ वर्ष में राज छोड़ दिया. इसका राज छोटे भाई दीनदार खां को संवत १७३७ में प्राप्त हुआ. दीनदार खां ने अपने नाम पर दीनदार पुरा नामक गाँव बसाया. [5]

External Links

Footnotes

  1. http://www.census2011.co.in/data/village/81271-deenarpura-rajasthan.html
  2. रतन लाल मिश्र:शेखावाटी का नवीन इतिहास, कुटीर प्रकाशन मंडावा, १९९८, पृ. १५५
  3. रतन लाल मिश्र:शेखावाटी का नवीन इतिहास, कुटीर प्रकाशन मंडावा, १९९८, पृ. १५६
  4. रतन लाल मिश्र:शेखावाटी का नवीन इतिहास, कुटीर प्रकाशन मंडावा, १९९८, पृ. १५६
  5. रतन लाल मिश्र:शेखावाटी का नवीन इतिहास, कुटीर प्रकाशन मंडावा, १९९८, पृ. १५७

References

  • Interview dated 19-02-2007 with Ramdeo Singh Godara, Resident Dinarpura, Tehsil Sikar, District Sikar, Rajasthan (India).

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